Flood Situation : नदियों का जलस्तर बढ़ने से दजनों गांवों में आवाजाही ठप, डूबने की कगार पर घर Meerut News
पिछले दिनों पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई जोरदार बारिश के बाद वेस्ट यूपी के सहारनपुरबिजनौर और बागपत में नदियों का जलस्तर बढ़ने से हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गई हैं।
By Prem BhattEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 11:36 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 11:36 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। पिछले दिनों लगातार हुई बारिश के बाद बिजनौर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से सलेमपुर खादर- जलीलपुर मार्ग पर तीन तीन फीट तक जलभराव के कारण हालात खराब हो गए हैं। बाढ़ के हालात के चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है। दर्जनों ग्रामों में आवाजाही पूरी तरह हुई बंद हो गई है और आसपास ग्रामीणों के घर पानी से डूबने की कगार पर हैं। गंगा में आये उफान से हजारों बीघा फसल जलमग्न हैं और नारनोर के पास सड़क पर भी बहने पानी लगा है। खादर में मकानों के पास पानी पहुंच गया है। उधर, हस्तिनापुर में गंगा का जलस्तर घटकर एक लाख 42 हजार क्यूसेक हो गया है, वहीं भीमगोडा बैराज से एक लाख 48 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज चल रहा है। सोमवार की रात में गंगा नदी में बढ़ा पानी गुजर गया। अब खादर में स्थिति सामान्य है। लेकिन अफसर हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
मेरठ में रेलवे ट्रैक चालू
वहीं पहाड़ों पर लगातार बारिश तथा बादल फटने के कारण यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढऩे से सहारनपुर तथा पास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। गंगोह में पानी के तेज बहाव के कारण यमुना नदी पर बने नवनिर्मित पुल को जोडऩे वाला बांध धराशाई होने से उत्तर प्रदेश व हरियाणा का संपर्क भी फिलहाल टूटा हुआ है। दूसरी ओर मेरठ में दुखेड़ी पुल का गर्डर पानी में डूब जाने से रविवार को बंद हुआ सहारनपुर-अंबाला रेलवे ट्रैक सोमवार को चालू हो गया। सुबह साढ़े आठ बजे अंबाला से दिल्ली जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस चार घंटा विलंब से दोपहर 12.30 बजे मेरठ सिटी पहुंची। बागपत में यमुना का जलस्तर उफान पर है।
नई दिल्ली-जालंधर एक्सप्रेस रद
रविवार रात आठ बजे से पुल पर पानी भरने से सहारनपुर और अंबाला रूट पर यातायात रोक दिया गया था। गोल्डन टेंपल, सुपर और शालीमार को वापस दिल्ली भेज कर पानीपत होते हुए रवाना किया गया। वहीं अबांला से मेरठ आने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। सोमवार को नई दिल्ली-जालंधर एक्सप्रेस और दिल्ली-अंबाला एक्सप्रेस रद रही। दोपहर में मुरादाबाद से दो ट्रेनें अकालतख्त एक्सप्रेस और बनमखी अमृतसर एक्सप्रेस रूट डायवर्ट कर सिटी पहुंची। बताया गया कि रूट पर ट्रैफिक बढ़ने से ट्रेनों को मेरठ- सहारनपुर होते हुए अंबाला रवाना किया।
गंभीर हादसे को दावत दे रहे रेलवे अंडरपास
आवागमन की सुविधा के लिए बनाए गए अंडरपास जानलेवा हादसे का सबब बन रहे हैं। जोरदार बारिश से नूरनगर में वैगनआर जलभराव की चपेट में आ गई। बमुश्किल ग्रामीणों ने वाहन में बैठे लोगों को निकाला। पिछले साल तो खरखौदा में एक बच्चों से भी वैन डूब गई थी। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन ने अंडरपासों में जलभराव रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए हैं। इस बारे में मुरादाबाद डिवीजन के अधिकारियों का कहना है कि मामला संज्ञान में है जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
11 फीसद अधिक बारिश
मेरठ पर इंद्रदेव मेहरबान हैं। अच्छी बारिश के दौर के बाद बारिश का आंकड़ा औसत के स्तर को पार कर गया है। जनपद में औसत के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। सोमवार को शाम साढे चार बजे अच्छी बारिश हुई। इसके पहले दोपहर में तेज धूप रही अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री पर पहुंच गया। आर्दृता प्रतिशत अधिक होने से नम गर्मी ने परेशान किया। मानसूनी बारिश में पूरब के जनपदों के मुकाबले जुलाई माह में पश्चिम उत्तर प्रदेश पिछड़ा हुआ था। मेरठ बारिश के लिहाज से जून में तो बुरी तरह पिछड़ा था लेकिन जुलाई में 330 मिमी बारिश हुई थी। एक से 18 अगस्त तक मेरठ में 221 मिमी बारिश हो चुकी है। एक जून से अब तक 551 मिमी बारिश हुई है, जबकि 493 मिमी का औसत है।
पश्चिम विक्षोभ और कम दबाव की जुगलबंदी प्रभावी
16 से 17 अगस्त तक हिमालय क्षेत्र में पश्चिम विक्षोभ सक्रिय था। इसी के साथ बंगाल की खाड़ी के कम दबाव का क्षेत्र व्यापक भू भाग को प्रभावित कर रहा है। 16 अगस्त की रात में मूसलाधार बारिश इसी प्रभाव के चलते देखने को मिली। 63.1 मिमी बारिश हुई थी। उसके बाद भी बारिश का सिलसिला बरकरार है। दो अगस्त को 39.8, तीन अगस्त को 51.8, छह अगस्त को 41.2 मिमी बारिश भी इसी प्रभाव के कारण हुई थी। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मंगलवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। तापमान में आंशिक बढ़ोत्तरी होगी।
मुजफ्फरनगर मेंं भी हालात गंंभीर
मुजफ्फरनगर : रामराज में मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर के करीब 219.80 मीटर पर पहुंच गया है। सोमवार की रात में गंगा में बढ़ा पानी ग्यारहला फार्म के निकट से होता हुआ लालपुर-रहड़वा में पहुंच गया है, जिससे गंगा का पानी गांव के विद्यालयों में घुस गया है। वहीं भोपा थाना क्षेत्र में बह रही सोलांनी और बाण गंगा का जल स्तर खादर के जंगल फैलने के बाद महाराजनगर व खैरनगर गांव में घुसना शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने बाढ़ को देखते हुए सामान छतों पर चढ़ाना शुरू कर दिया है।
मेरठ में रेलवे ट्रैक चालू
वहीं पहाड़ों पर लगातार बारिश तथा बादल फटने के कारण यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढऩे से सहारनपुर तथा पास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। गंगोह में पानी के तेज बहाव के कारण यमुना नदी पर बने नवनिर्मित पुल को जोडऩे वाला बांध धराशाई होने से उत्तर प्रदेश व हरियाणा का संपर्क भी फिलहाल टूटा हुआ है। दूसरी ओर मेरठ में दुखेड़ी पुल का गर्डर पानी में डूब जाने से रविवार को बंद हुआ सहारनपुर-अंबाला रेलवे ट्रैक सोमवार को चालू हो गया। सुबह साढ़े आठ बजे अंबाला से दिल्ली जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस चार घंटा विलंब से दोपहर 12.30 बजे मेरठ सिटी पहुंची। बागपत में यमुना का जलस्तर उफान पर है।
नई दिल्ली-जालंधर एक्सप्रेस रद
रविवार रात आठ बजे से पुल पर पानी भरने से सहारनपुर और अंबाला रूट पर यातायात रोक दिया गया था। गोल्डन टेंपल, सुपर और शालीमार को वापस दिल्ली भेज कर पानीपत होते हुए रवाना किया गया। वहीं अबांला से मेरठ आने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था। सोमवार को नई दिल्ली-जालंधर एक्सप्रेस और दिल्ली-अंबाला एक्सप्रेस रद रही। दोपहर में मुरादाबाद से दो ट्रेनें अकालतख्त एक्सप्रेस और बनमखी अमृतसर एक्सप्रेस रूट डायवर्ट कर सिटी पहुंची। बताया गया कि रूट पर ट्रैफिक बढ़ने से ट्रेनों को मेरठ- सहारनपुर होते हुए अंबाला रवाना किया।
गंभीर हादसे को दावत दे रहे रेलवे अंडरपास
आवागमन की सुविधा के लिए बनाए गए अंडरपास जानलेवा हादसे का सबब बन रहे हैं। जोरदार बारिश से नूरनगर में वैगनआर जलभराव की चपेट में आ गई। बमुश्किल ग्रामीणों ने वाहन में बैठे लोगों को निकाला। पिछले साल तो खरखौदा में एक बच्चों से भी वैन डूब गई थी। इसके बावजूद रेलवे प्रशासन ने अंडरपासों में जलभराव रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए हैं। इस बारे में मुरादाबाद डिवीजन के अधिकारियों का कहना है कि मामला संज्ञान में है जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
11 फीसद अधिक बारिश
मेरठ पर इंद्रदेव मेहरबान हैं। अच्छी बारिश के दौर के बाद बारिश का आंकड़ा औसत के स्तर को पार कर गया है। जनपद में औसत के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। सोमवार को शाम साढे चार बजे अच्छी बारिश हुई। इसके पहले दोपहर में तेज धूप रही अधिकतम तापमान 32.6 डिग्री पर पहुंच गया। आर्दृता प्रतिशत अधिक होने से नम गर्मी ने परेशान किया। मानसूनी बारिश में पूरब के जनपदों के मुकाबले जुलाई माह में पश्चिम उत्तर प्रदेश पिछड़ा हुआ था। मेरठ बारिश के लिहाज से जून में तो बुरी तरह पिछड़ा था लेकिन जुलाई में 330 मिमी बारिश हुई थी। एक से 18 अगस्त तक मेरठ में 221 मिमी बारिश हो चुकी है। एक जून से अब तक 551 मिमी बारिश हुई है, जबकि 493 मिमी का औसत है।
पश्चिम विक्षोभ और कम दबाव की जुगलबंदी प्रभावी
16 से 17 अगस्त तक हिमालय क्षेत्र में पश्चिम विक्षोभ सक्रिय था। इसी के साथ बंगाल की खाड़ी के कम दबाव का क्षेत्र व्यापक भू भाग को प्रभावित कर रहा है। 16 अगस्त की रात में मूसलाधार बारिश इसी प्रभाव के चलते देखने को मिली। 63.1 मिमी बारिश हुई थी। उसके बाद भी बारिश का सिलसिला बरकरार है। दो अगस्त को 39.8, तीन अगस्त को 51.8, छह अगस्त को 41.2 मिमी बारिश भी इसी प्रभाव के कारण हुई थी। कृषि प्रणाली संस्थान के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डा. एन सुभाष ने बताया कि मंगलवार को भी हल्की बारिश हो सकती है। तापमान में आंशिक बढ़ोत्तरी होगी।
मुजफ्फरनगर मेंं भी हालात गंंभीर
मुजफ्फरनगर : रामराज में मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर के करीब 219.80 मीटर पर पहुंच गया है। सोमवार की रात में गंगा में बढ़ा पानी ग्यारहला फार्म के निकट से होता हुआ लालपुर-रहड़वा में पहुंच गया है, जिससे गंगा का पानी गांव के विद्यालयों में घुस गया है। वहीं भोपा थाना क्षेत्र में बह रही सोलांनी और बाण गंगा का जल स्तर खादर के जंगल फैलने के बाद महाराजनगर व खैरनगर गांव में घुसना शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने बाढ़ को देखते हुए सामान छतों पर चढ़ाना शुरू कर दिया है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें