एमबीबीएस प्रकरण : एसआइटी ने जाना कैसे आती है विवि में कापियां, अभी कर्मचारियों से चलेगी पूछताछ Meerut News
एमबीबीएस प्रकरण में एसआइटी पिछले महीने नवंबर में भी आई थी। गुरुवार को एक बार फिर चौधरी चरण सिंह विवि में पहुंची एसआइटी ने विवि कर्मचारियों से पूछताछ की।
मेरठ, जेएनएन। MBBS episode करीब दो साल पहले एमबीबीएस की कापियों के अदला- बदली प्रकरण की जांच एसआइटी कर रही है। गुरुवार को एक बार फिर चौधरी चरण सिंह विवि में पहुंची एसआइटी ने विवि कर्मचारियों से पूछताछ की। उत्तर पुस्तिका विभाग में जाकर परीक्षा केंद्र से कोई भी कापी विवि के मूल्यांकन केंद्र तक कैसे पहुंचती है, उसकी पूरी प्रक्रिया को जाना। एसआइटी अभी शुक्रवार को भी शेष कर्मचारियों से बयान लेगी।
कर्मचारियों को बयान लिया था
एमबीबीएस प्रकरण में एसआइटी पिछले महीने नवंबर में भी आई थी और कर्मचारियों को बयान लिया था। एक बार फिर उत्तर पुस्तिका अनुभाग में 2015 से 2018 के बीच कार्यरत 31 कर्मचारियों से बयान लेने के लिए नोटिस दिया था। सभी कर्मचारियों को पहले लखनउ आकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था। लेकिन अब खुद एसआइटी मेरठ में आकर कर्मचारियों से बयान ले रही है। उत्तर पुस्तिका विभाग में गुरुवार को कर्मचारियों से बारी बारी बयान लिए। उन्होंने परीक्षा केंद्र से विवि के मूल्यांकन केंद्र तक कापियों के पहुंचने की पूरी प्रक्रिया को जाना। परीक्षा केंद्र से विवि में कापियों को लाने की प्रक्रिया की भी जानकारी ली। अभी कुछ कर्मचारियों से एसआइटी की पूछताछ नहीं हो पाई है। इसलिए शुक्रवार को भी बयान लिए जाएंगे।
मार्च 2018 से चल रही है जांच
17 मार्च 2018 को एसटीएफ स्पेशल टास्क फोर्स ने कथित छात्र नेता कविराज को पकड़ा था। जिसके पास एमबीबीएस के दो छात्रों की लिखी हुई कापियां थीं। उस कापियों को विवि में बदलने की कोशिश थी। इस मामले में विवि के तीन कर्मचारियों समेत आठ लोग गिरफ़्तार हुए थे। विवि ने दोनों छात्रों को यूएफएम में डालते हुए उनके प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज के दोनों छात्र विवि में परीक्षा देकर पास भी हो गए। कुलपति को कुछ दिन पहले इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने दोनों का रिजल्ट निरस्त कर दिया। साथ ही मामले में चार अन्य कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। अब पूरे मामले की एसआइटी जांच कर रही है।
सस्पेंड कर्मचारियों ने लगाई गुहार
एमबीबीएस प्रकरण में यूएफएम के दो छात्रों के रिजल्ट के मामले में सस्पेंड चारों कर्मचारियों ने प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि छात्रों के रिजल्ट घोषित करने से उनका कोई लेनादेना नहीं था। बगैर उनका पक्ष जाने उन पर कार्रवाई की गई है। कर्मचारियों ने खुद को निर्दोष बताया है।