बागपत: संग्रहालय में संवरेगा सिनौली का इतिहास, जो यहां मिला अभी तक कहीं नहीं मिला
पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण सिनौली में पुरातत्व विभाग संग्रहालय बनाने जा रहा है जिसके बाद दुनिया के नक्शे पर इस गांव की महत्ता और भी बढ़ जाएगी। एएसआइ गांव में 300 बीघा भूमि का अधिग्रहण करेगी। किसानों ने उठाई उचित मुआवजे और नौकरी की मांग।
बागपत, जागरण संवाददाता। पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण सिनौली का इतिहास संग्रहालय में संवारा जाएगा। संग्रहालय निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के अधिकारियों ने भूमि के अधिग्रहण को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क साधा है। संग्रहालय बनने के बाद यह गांव दुनिया के नक्शे पर चमकने लगेगा।
एएसआइ की तीन चरणों की खोदाई के दौरान सिनौली गांव दुनिया की नजरों में आया था। यहां मिले पुरावशेषों के जरिए करीब चार हजार साल पुराना इतिहास सामने आया था। खोदाई स्थल पर 300 बीघा कृषि भूमि में संग्रहालय बनाया जाना है। विभाग के अधिकारियों ने जिला प्रशासन से बातचीत कर भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से बातचीत करने को कहा है। प्रशासन ने संबंधित किसानों से संपर्क शुरू कर दिया है। एडीएम अमित कुमार सिंह ने बताया कि पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने उनसे संपर्क कर संग्रहालय निर्माण के लिए भूमि खरीदने के लिए किसानों से संपर्क करने को कहा है।
अब तक खोदाई में यह मिला
सिनौली गांव में वर्ष 2005 से 2019 तक तीन चरणों में उत्खनन हुआ है। इस दौरान बड़े शवाधान केंद्र में 117 नर कंकालों के अलावा दो ताम्र निर्मित तलवार, दो ढाल, शवों को जलाने की भट्ठी, सोने के कंगन, गले का हार, सैकड़ों बहुमूल्य मनके, कब्रों में दफन आठ शवों के अवशेष, तीन रथ, तीन ताबूत, तांबे के चार एंटिना (स्पर्श सूत्र), तलवारें, दो खंजर, सात सुरंगनुमा चीजें, तीन तांबे के कटोरे, एक हेलमेट, धनुष, मृदभांड आदि पुरावशेष यहां मिल चुके हैं।
किसान खुश, लेकिन कुछ शर्तें भी
गांव सिनौली के किसान सतेंद्र मान, प्रभाष शर्मा, जगमोहन शर्मा, पप्पू आदि का कहना है कि उनकी कृषि भूमि में पुरावशेष निकले हैं। पता चला है कि एएसआइ उनकी भूमि का अधिग्रहण करने जा रहा है। इससे गांव का विकास होगा और देश-दुनिया में गांव को नई पहचान मिलेगी। हालांकि किसानों का कहना है कि पड़ोसी गांव मलकपुर के सर्किल रेट के अनुसार उनकी भूमि का मुआवजा मिलना चाहिए। संबंधित किसान के एक पारिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।