Good News : पीपीपी मॉडल पर रोडवेज बस अड्डे के ऊपर बनेगा शॉपिंग मॉल Meerut News
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि प्रयास यह है कि बस यात्रियों को शौचालयखानपान से लेकर अन्य जरूरी सामानों की खरीद के लिए सड़क पार करने की जरूरत न पड़े।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 10:27 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। रोडवेज बस अड्डे पर आपको विश्व स्तरीय रेस्टोरेंट और आधुनिक शॉपिंग मॉल की सुविधा मिलेगी। प्रदेश सरकार चुनिंदा शहरों में पीपीपी मॉडल पर हाइटेक बस अड्डों का निर्माण करेगी। दक्षिण भारत के शहरों और मुंबई के वाशी की तर्ज पर बस अड्डे के ऊपर शॉपिंग मॉल बनाने की योजना है। पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत मेरठ भी शामिल है। कैंपस में नए वेंडरों के आने से विभाग का राजस्व बढ़ेगा।
बढ़ाई जा रही निजी क्षेत्र की सहभागिता
प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि बस अडडों के आधुनिकीकरण के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता बढ़ाई जा रही है। हर बड़े शहर में कम से कम एक बस अड्डा पीपीपी माडल पर बनाने की योजना है। इसमें शॉपिंग कांपलेक्स भी होगा। प्रयास यह है कि बस यात्रियों को शौचालय,खानपान से लेकर अन्य जरूरी सामानों की खरीद के लिए सड़क पार करने की जरूरत ही न पड़े। देश के कई राज्यों में यह प्रयोग काफी सफल रहा है।
विशेषज्ञों की टीम करेगी बारिकी से अध्ययन
हवाई अड्डों की तर्ज पर फूड प्लाजा, दवा स्टोर, मोबाइल स्टोर से लेकर ब्रांडेड कपड़ों के शोरूम खोले गए। आधुनिक वेटिंग हाल भी बनेगा। इससे यात्रियों को बस बदलने के बीच इंतजार की स्थिति में भटकना न पड़े। बस अड्डे के ऊपर शॉपिंग माल बनाने में जमीन अधिग्रहण से बचा जा सकेगा। कैंपस में जनसुविधाओं के साथ ही नए आउटलेट खोलने के लिए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अधिकारियों से परामर्श लेने की योजना है। उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञों की टीम मुंबई समेत अन्य शहरों में बने हाइटेक बस अड्डों की तकनीक का बारीकी से अध्ययन करेगी। बता दें कि गाजियाबाद से मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड एवं मेट्रो रेल के चुनिंदा स्टेशनों पर शॉपिंग माल बनाने की योजना है।
निजी बसों को भी रोडवेज के बेड़े में लें..डग्गामारी खत्म
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि डग्गामारी खत्म करने के लिए विभाग कई स्तरों पर मंथन कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो सभी निजी बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने से डग्गामारी खत्म की जा सकती है। उनका तर्क है कि डग्गामारी तब थी, जब ज्यादातर निजी वाहनों के पास न लाइसेंस था और न परमिट। अब 90 फीसद बसों के पास आल इंडिया व आल यूपी का परमिट है। ये बसें टैक्स भी दे रही हैं। अंतर सिर्फ यह है कि निजी बसें फुटकर सवारियां ढोती हैं। इसकी वजह से कई बार बसों को सीज कर दिया जाता है। ऐसे में यात्रियों को सर्वाधिक परेशानी होती है। विभाग इससे निजात पाने के लिए सभी बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने करने का सुझाव दे रहा है।
ड्राइविंग लाइसेंस काउंटर पर तैनात होंगी महिला कर्मी
शास्त्री नगर स्थित संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय के परिसर में लाइसेंस आदि प्रक्रिया के लिए सारथी भवन बना है। लाइसेंस बनवाने वालों में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। 30 से 35 प्रतिशत लाइसेंस महिलाओं के बन रहे हैं, लेकिन पांच काउंटरों में एक भी महिला कर्मी की तैनाती न होने से उन्हें परेशानी होती है। आरटीओ डा.विजय कुमार ने परिवहन मंत्री से आउट सोर्सिग कंपनी स्मार्ट चिप को निर्देश देने के लिए कहा कि वह महिला कर्मी की नियुक्ति करे। परिवहन मंत्री ने इसे प्राथमिकता के आधार पर कराने का आश्वासन दिया।
बढ़ाई जा रही निजी क्षेत्र की सहभागिता
प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि बस अडडों के आधुनिकीकरण के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता बढ़ाई जा रही है। हर बड़े शहर में कम से कम एक बस अड्डा पीपीपी माडल पर बनाने की योजना है। इसमें शॉपिंग कांपलेक्स भी होगा। प्रयास यह है कि बस यात्रियों को शौचालय,खानपान से लेकर अन्य जरूरी सामानों की खरीद के लिए सड़क पार करने की जरूरत ही न पड़े। देश के कई राज्यों में यह प्रयोग काफी सफल रहा है।
विशेषज्ञों की टीम करेगी बारिकी से अध्ययन
हवाई अड्डों की तर्ज पर फूड प्लाजा, दवा स्टोर, मोबाइल स्टोर से लेकर ब्रांडेड कपड़ों के शोरूम खोले गए। आधुनिक वेटिंग हाल भी बनेगा। इससे यात्रियों को बस बदलने के बीच इंतजार की स्थिति में भटकना न पड़े। बस अड्डे के ऊपर शॉपिंग माल बनाने में जमीन अधिग्रहण से बचा जा सकेगा। कैंपस में जनसुविधाओं के साथ ही नए आउटलेट खोलने के लिए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अधिकारियों से परामर्श लेने की योजना है। उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञों की टीम मुंबई समेत अन्य शहरों में बने हाइटेक बस अड्डों की तकनीक का बारीकी से अध्ययन करेगी। बता दें कि गाजियाबाद से मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड एवं मेट्रो रेल के चुनिंदा स्टेशनों पर शॉपिंग माल बनाने की योजना है।
निजी बसों को भी रोडवेज के बेड़े में लें..डग्गामारी खत्म
परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि डग्गामारी खत्म करने के लिए विभाग कई स्तरों पर मंथन कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो सभी निजी बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने से डग्गामारी खत्म की जा सकती है। उनका तर्क है कि डग्गामारी तब थी, जब ज्यादातर निजी वाहनों के पास न लाइसेंस था और न परमिट। अब 90 फीसद बसों के पास आल इंडिया व आल यूपी का परमिट है। ये बसें टैक्स भी दे रही हैं। अंतर सिर्फ यह है कि निजी बसें फुटकर सवारियां ढोती हैं। इसकी वजह से कई बार बसों को सीज कर दिया जाता है। ऐसे में यात्रियों को सर्वाधिक परेशानी होती है। विभाग इससे निजात पाने के लिए सभी बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करने करने का सुझाव दे रहा है।
ड्राइविंग लाइसेंस काउंटर पर तैनात होंगी महिला कर्मी
शास्त्री नगर स्थित संभागीय परिवहन विभाग कार्यालय के परिसर में लाइसेंस आदि प्रक्रिया के लिए सारथी भवन बना है। लाइसेंस बनवाने वालों में महिलाओं की संख्या भी बढ़ी है। 30 से 35 प्रतिशत लाइसेंस महिलाओं के बन रहे हैं, लेकिन पांच काउंटरों में एक भी महिला कर्मी की तैनाती न होने से उन्हें परेशानी होती है। आरटीओ डा.विजय कुमार ने परिवहन मंत्री से आउट सोर्सिग कंपनी स्मार्ट चिप को निर्देश देने के लिए कहा कि वह महिला कर्मी की नियुक्ति करे। परिवहन मंत्री ने इसे प्राथमिकता के आधार पर कराने का आश्वासन दिया।
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