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कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में दिन में शूटिंग प्रशिक्षण से रोके जाने पर निशानेबाज हुए परेशान

कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में वर्तमान में संचालित पुराने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज पर दिन के समय अभ्यास करने से स्टेडियम प्रबंधन ने निशानेबाजों को मना कर दिया है। स्टेडियम व खेल विभाग का कहना है कि शूटिंग के लिए कोच नियुक्त हैं!

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 05:23 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 05:23 PM (IST)
कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में दिन में शूटिंग प्रशिक्षण से रोके जाने पर निशानेबाज हुए परेशान
कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में दिन में शूटिंग प्रशिक्षण से रोका।

मेरठ, जेएनएन। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में वर्तमान में संचालित पुराने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज पर दिन के समय अभ्यास करने से स्टेडियम प्रबंधन ने निशानेबाजों को मना कर दिया है। स्टेडियम व खेल विभाग का कहना है कि शूटिंग के लिए कोच नियुक्त हैं, इसलिए सभी खिलाड़ियों को खेल निदेशालय द्वारा निर्धारित सुबह 6:00 से 9:00 और शाम को 3:00 से 6:00 बजे के दौरान ही प्रशिक्षण के लिए स्टेडियम में आना चाहिए। स्टेडियम प्रबंधन के इस निर्णय से दूर-दराज के गांव से आने वाले निशानेबाजों को परेशानी हो रही है। वह सुबह एक बार घर से आते थे और दिन भर प्रशिक्षण करने के बाद शाम को घर जाते थे। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि निशानेबाजी के खेल में छह से आठ और आठ से 10 घंटे तक की निरंतर प्रशिक्षण व अभ्यास की जरूरत होती है। गांव से आने वाले खिलाड़ी चाहते हैं कि उन्हें दो बार न आना-जाना पड़े। इसलिए वह सुबह थोड़ी देर से आते हैं और शाम तक प्रैक्टिस करके थोड़ी जल्दी निकल जाते हैं। अब उनका अभ्यास पूरा नहीं हो पायेगा। खिलाड़ी इस बात को लेकर परेशान हो रहे हैं यदि दिन में उन्हें अभ्यास करने का मौका नहीं दिया जाएगा तो उन्हें सुबह या शाम को ही अभ्यास करने के लिए आना पड़ेगा। सुबह घर से इतनी दूर आकर दिन भर बिना अभ्यास के यहां वहां भटकते रहने के बाद शाम को फिर अभ्यास करने के बाद घर जाना उनके लिए दूभर हो जाएगा।

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ताकि बना रहे अनुशाशन

इस मामले में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना है कि खेल विभाग की ओर से स्टेडियम में प्रशिक्षण का समय सुबह और शाम को 3-3 घंटे निर्धारित किया गया है। पहले कोच नहीं थी तब निशानेबाज अपनी सुविधा के अनुसार प्रशिक्षण किया करते थे। लेकिन अब कोच की नियुक्ति होने के बाद निर्धारित समय में ही अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोच की नियुक्ति सुबह और शाम को 3-3 घंटे के लिए होती है। इसलिए उन्हें पूरे दिन स्टेडियम में रुक कर प्रशिक्षण कराने के निर्देश नहीं दिए जा सकते।

सामने हैं प्रतियोगिताएं

उधर शूटिंग कोच अप्सरा का कहना है कि जनवरी में इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं के लिए ट्रायल है, जिसके लिए खिलाड़ी सुबह से शाम तक अभ्यास कर रहे हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता भी सामने है। ऐसे में निशानेबाजी में हाथ जमाने के लिए 8 से 10 घंटे तक का अभ्यास भी जरूरी होता है।खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें दिन में भी अभ्यास करने का मौका दिया जाना चाहिए जिससे वह बेहतर अभ्यास कर पदक के दावेदार भी बन सके। नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले निशानेबाज इंटरनेशनल ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। कोच ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था के अनुरूप अब निशानेबाजों को सुबह 7:00 से 10:00 और शाम को 2:00 से 5:00 बजे तक की अनुमति दी गई है। खिलाड़ियों को इसी दौरान अभ्यास के लिए आने को कहा गया है।

बहरहाल विभागीय व्यवस्था सुबह और शाम के प्रशिक्षण की ही है। स्टेडियम में दिन में प्रशिक्षण सभी खेलों के नहीं होते हैं, लेकिन खेल सुविधाएं और संसाधन खिलाड़ियों की सुविधा के लिए ही तैयार किए जाते हैं। जब खिलाड़ियों को इनके इस्तेमाल करने में ही असुविधा होने लगेगी तो इनके होने न होने का क्या लाभ मिलेगा। खिलाड़ी अगर अतिरिक्त समय में आकर अनुशासनहीनता करते हैं तब उन्हें रोका भी जाना चाहिए, लेकिन वह अनुशासन में रहकर केवल अभ्यास पर ही ध्यान केंद्रित रखते हैं, तो उन्हें प्रोत्साहन भी मिलना चाहिए।


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