बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए चार दिन से भटक रहीं शूटर दादी
शूटर दादी प्रकाशी तोमर अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए चार दिन से प्रशासन व पुलिस के अफसरों के चक्कर लगा रही हैं। आरोप है कि दादी की बेटी ने एक बिल्डर से पचास लाख रुपये में डुप्लेक्स का सौदा किया मगर पूरी रकम लेने के बाद भी बिल्डर डुप्लेक्स निर्माण कराकर नहीं दे रहा है।
मेरठ । शूटर दादी प्रकाशी तोमर अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए चार दिन से प्रशासन व पुलिस के अफसरों के चक्कर लगा रही हैं। आरोप है कि दादी की बेटी ने एक बिल्डर से पचास लाख रुपये में डुप्लेक्स का सौदा किया, मगर पूरी रकम लेने के बाद भी बिल्डर डुप्लेक्स निर्माण कराकर नहीं दे रहा है। कंकरखेड़ा थाना, सीओ दौराला के बाद गुरुवार को दादी कमिश्नर कार्यालय पहुंची थीं फिर एसपी देहात से मिलीं। एसपी ने दो दिन के भीतर प्रकरण में कार्रवाई न होने पर बिल्डर पर केस दर्ज करने के निर्देश कंकरखेड़ा पुलिस को दिए हैं।
बागपत के जौहड़ी गांव निवासी इंटरनेशनल शूटर दादी प्रकाशी तोमर अपनी बेटी कुसुम बालियान पत्नी सुभाष बालियान के साथ कंकरखेड़ा की वैष्णोधाम कॉलोनी में रहती हैं। सुभाष ने बताया कि हाईवे स्थित यूरोपियन स्टेट कॉलोनी में कुसुम के नाम एक डुप्लेक्स का सौदा 50 लाख में वैष्णोधाम निवासी बिल्डर विपिन कुमार से किया था। चेक और खाते से ऑनलाइन 50 लाख बिल्डर को दिए गए। प्लॉट का बैनामा हो गया, मगर उस पर निर्माण कार्य नहीं हुआ। गुरुवार को शूटर दादी अपनी बेटी और दामाद के साथ पहले कमिश्नर कार्यालय पहुंची, फिर एसपी देहात से मिलीं। एसपी देहात अविनाश पांडेय ने कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर एपी मिश्र को दो दिन में समस्या का निदान न होने पर बिल्डर पर कार्रवाई के निर्देश दिए। दादी से एसपी ने जानी शूटर बनने की कहानी
दादी प्रकाशी तोमर ने एसपी देहात को बताया कि वह अपनी पोती को रेंज पर शूटिंग सिखाने ले जाती थीं। तीन दिन बाद उन्होंने पिस्टल से निशाना साधा तो सटीक बैठ गया। तभी से निशाना साधने लगीं। हाथ का बैलेंस साधने के लिए दो लीटर पानी से भरे जग को हाथ सीधा कर उठाती थीं। कोच फारुख प्रधान ने काफी सिखाया। दादी ने कहा कि एक प्रतियोगिता में पिस्टल से निशाना साधा तो उन्हें गोल्ड मेडल मिला, जबकि दूसरे शूटर एक डीआइजी को सिल्वर मेडल मिला। एसपी देहात ने मट्ठा पिलाने को कहा तो दादी ने मना कर दिया और चना व गुड़ खाया।