उज्जैन महाकाल की तर्ज पर होगा शिव का श्रृंगार
सदर स्थित श्रीबिल्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव का श्रंगार महाकाल जैसा किया जाएगा।
मेरठ, जेएनएन। सदर स्थित श्रीबिल्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव का श्रृंगार उज्जैन के महाकाल के तर्ज पर होगा। गुरुवार को मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर शाम सात बजे शिव पार्वती विवाह, श्रृंगार दर्शन व महाआरती के कार्यक्रम आयोजित होंगे। बिल्वेश्वर मंदिर में पहली बार इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होने जा रहा है।
पं. राजेश कुमार शर्मा, पवन गर्ग, सुरेंद्र सिंधु व संजय गुप्ता ने बताया कि भगवान महाकाल उज्जैन के शिवलिंग व बाबा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर के शिवलिंग में समानताएं हैं। दोनों ही शिवलिंग दक्षिणमुखी हैं। दावा किया कि दोनों ही रामायण काल से ताल्लुक रखते हैं। भगवान बिल्वेश्वर के श्रृंगार को चांदी से तैयार किया गया है। जिसको तैयार करने में बीकानेर के विशेष कारीगरों को तीन माह का समय लगा। महाशिवरात्रि पर आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि व समाज के सम्मानित लोग हिस्सा लेंगे। भोले-बम, बम-बम के जयघोष से गूंजी मध्य गंग नह
मेरठ, जेएनएन। महाशिवरात्रि के मद्देनजर मध्य गंग नहर पटरी पर गुरुवार को कांवड़ियों के आगमन का सिलसिला तेज रहा। कांवड़ मार्ग पर लगे सेवा शिविरों में शिवभक्त आराम कर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को शिवरात्रि पर नगर के बड़ा महादेव व सिद्धपीठ शिव मंदिर फिरोजपुर में हजारों कांवड़यिों व शिवभक्त पूजा अर्चना के साथ भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करेंगे।
शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शिवभक्त तीर्थ स्थलों से लाए गंगाजल से भगवान आशुतोष का अभिषेक करेंगे। पवित्र धामों से जल लेकर कांवड़िये मध्य गंग पटरी से होकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। त्योहार से एक दिन पूर्व गुरुवार को दिनभर उनके आगमन का सिलसिला बना रहा। मार्ग पर जगह-जगह लगे सेवा शिविरों में शिवभक्त थकान उतारकर अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। नहर पटरी भोले-बम, बम-बम के जयघोष से गूंजने लगी है। नहर पुल पर लगे शिविर में श्रद्धालु कांवड़ियों की सेवा में लगे हैं। वहीं रंग-बिरंगी कांवड़ आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। मध्य गंग नहर पटरी पर केसरिया रंग छाने लगा है।
नगर के बड़ा महादेव शिव मंदिर पर एक दिवसीय मेला लगेगा। कमेटी द्वारा मेले व जलाभिषेक की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नगर व आसपास क्षेत्र के कांवड़िये भी बड़ी संख्या में यहां जलाभिषेक करेंगे। नहर पटरी पर शिवभक्त रंग-बिरंगी कांवड़ के साथ अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं।
शाम 5.30 बजे से चढ़ेगा चौदस का जल
सरस्वती शिव मंदिर मवाना के पुजारी पंडित मोहन जोशी ने बताया कि शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर चौदस का जलाभिषेक शाम 5.30 बजे से शुरू होगा। इससे पहले त्रयोदशी रहेगी।