Move to Jagran APP

आगे निकल गया शास्‍त्रीनगर सबसे ज्‍यादा जीएसटी यहींं से

जनपद में दिसंबर में वाणिज्य कर विभाग में जमा हुआ 95.91 करोड़ टैक्स। गंगानगर और पल्लवपुरम में जमा होने वाला टैक्स पुराने वैली बाजार, शहर सर्राफा, आबूलेन से ज्यादा।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 05:43 PM (IST)
आगे निकल गया शास्‍त्रीनगर सबसे ज्‍यादा जीएसटी यहींं से
आगे निकल गया शास्‍त्रीनगर सबसे ज्‍यादा जीएसटी यहींं से
मेरठ, [ओम बाजपेयी]। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजधानी कहे जाने वाले मेरठ में सबसे ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली शास्त्रीनगर और उसके आसपास के इलाकों से हो रही है। जनपद में कुल जमा होने वाले टैक्स का एक चौथाई नए इलाके से आ रहा है।
वाणिज्य कर विभाग में वस्तु एवं सेवा कर की वसूली के लिए जनपद को 13 सेक्टरों और दो तहसील क्षेत्र सरधना और मवाना में बांटा गया है। शास्त्रीनगर, मंगलपांडे नगर, जागृति विहार का इलाका सेक्टर-13 में आता है। दिसंबर में स्टेट जीएसटी में 95.91 करोड़ रुपया जमा हुआ है। जिसमें से 24. 57 करोड़ इस सेक्टर के व्यापारिक प्रतिष्ठानों से आया है। आबूलेन, शहर सर्राफा, खैरनगर जैसे पुराने इलाकों के कारोबार को इस इलाके ने पीछे छोड़ दिया है। ये इलाके सेक्टर तीन और चार में आते हैं। यहां का टैक्स कलेक्शन 2.8 और 3.3 करोड़ के आसपास है।
व्यापार के नए केंद्र हो रहे विकसित
मेरठ की कारीगरी का विश्व में भी डंका बजता रहा है। यहां का सोने के कारोबार का पुरातन इतिहास रहा है। कैंची, बैंड बाजा और खेल का सामान विश्व के अनेक देशों में सप्लाई होता है। आबूलेन शहर सर्राफा, वैली बाजार के अलावा व्यापार में नए-नए क्षेत्र भी फल-फूल रहे हैं। आवास विकास परिषद द्वारा विकसित शास्त्रीनगर ऐसा ही इलाका है, जिसमें पिछले 20 वर्षों में नया बाजार विकसित हुआ है। मंगलपांडे नगर में बने इंस्टीट्यूशनल क्षेत्र में कई बैंक, मोबाइल कंपनियों, ब्रांडेड आयटमों के शो रूम खुल गए हैं। इसी तरह गंगानगर, पल्लवपुरम जो सेक्टर 11 और 10 में आते हैं। यहां जमा होने वाला टैक्स अन्य इलाकों की तुलना में अधिक है। यहां लगभग एक समान 5.84 करोड़ का टैक्स जमा हुआ है।
मोबाइल कंपनियों से सबसे ज्यादा कलेक्शन
मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के टैक्स से सरकार की झोली सबसे ज्यादा भर रही हैं। सेवा सेक्टर पर सबसे ज्यादा 18 फीसद टैक्स है। मंगल पांडे नगर स्थित वोडाफोन आइडिया सेल्युलर लिमिटेड से दिसंबर में 21 करोड़ रुपये जमा हुए। एसजेएस मोटर्स 6.05 और मैनकाइंड फार्मा 3.99 करोड़ रुपये जमा कर दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
इन्होंने कहा-
जीएसटी लागू होने के बाद कर वसूली में सख्ती की जा रही है। जनपद में टैक्स कलेक्शन में 25 फीसद की वृद्धि हुई है। कर चोरी के मामलों मेंं जल्द सुनवाई कर वसूली पर जोर दिया जा रहा है।
-वीएन सिन्हा, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन
जहां प्रतिष्ठान, वहीं का रजिस्ट्रेशन जरूरी
अक्सर व्यापारी अपनी फर्म का नाम घर का दर्शा देते हैं, जबकि उनका प्रतिष्ठान कहीं और होता है। ऐसे में कारोबार कर चुपचाप रफूचक्कर होने वाली कंपनियों को ढ्रूंढना मुश्किल हो जाता है। सीए केपी सिंह ने बताया कि जीएसटी के प्रावधान में रजिस्ट्रेशन के समय प्रतिष्ठान की गूगल मैप पर लोकेशन ली जाएगी और वह अनिवार्य रूप से दर्ज की जाएगी।
सबसे ज्यादा टैक्स कलेक्शन वाले सेक्टर
सेक्टर- 13 - 24.57 करोड़
सेक्टर- 11 5.84 करोड़
सेक्टर- 10 5.84 करोड़
  • सेक्टर-11 में शामिल क्षेत्र
  • कसेरु खेड़ा, मीनाक्षीपुरम, गंगानगर, कसेरुबक्सर अब्दुल्लारोड।
  • सेक्टर- 10 में शामिल क्षेत्र
  • लालकुर्ती, मालरोड, रुड़की रोड, सोफीपुर, पल्लवपुरम।
  • सेक्टर-13 में शामिल क्षेत्र
  • तेजगढ़ी, जागृति विहार सेक्टर एक से नौ, शास्त्रीनगर बी, सी, ई, आइ ब्लाक, सोमदत्त विहार, मंगलपांडे नगर, तक्षशिला कालोनी, मयूर विहार, राजवंश विहार। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.