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कमाल के निशानेबाज हैं सौरभ और शार्दुल: गंभीर

अर्जुन अवार्डी क्रिकेटर गौतम गंभीर ने माना, पश्चिमी उप्र बन रहा स्पो‌र्ट्स हब। मेरठ में नीलकंठ क्रिकेट एकेडमी में दस दिन का लगेगा रेसीडेंसियल कैंप देशभर में 1350 स्थानों पर होगा ट्रायल, 40 खिलाड़ी भेजे जाएंगे आस्ट्रेलिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 01:00 PM (IST)
कमाल के  निशानेबाज हैं सौरभ और शार्दुल: गंभीर
कमाल के निशानेबाज हैं सौरभ और शार्दुल: गंभीर

मेरठ (संतोष शुक्ल)। भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में शुमार गौतम गंभीर नई खेल प्रतिभाओं के कायल हैं। शुक्रवार को एक टैलेंट हंट के प्रमोशन के सिलसिले में मेरठ के नीलकंठ एकेडमी में आए गौतम ने एशियाड में मेरठ के निशानेबाज सौरभ एवं शार्दुल के प्रदर्शन को विशेष रूप से सराहा। भारतीय क्रिकेट टीम के इंग्लैंड दौरे और आइपीएल से खेल में आए बदलावों पर भी खुलकर बोले। उन्होंने टेस्ट मैचों को ही क्रिकेट का असली फार्मेट बताया। पेश हैं, उनसे हुई बातचीत के कुछ चुनिंदा अंश-

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टीम इंडिया ने इंग्लैंड में प्रथम दो टेस्ट मैच में हारकर तीसरे में जीत दर्ज की। क्या आप भी मानते हैं कि पांच टेस्ट मैच की सीरीज जीतने की गुंजाइश बनी हुई है।

टीम इंडिया को जीतने के लिए रन तो बनाना पड़ेगा। ये भारत की मजबूती भी रही है। पहले दोनों टेस्ट मैच में बल्लेबाजी चरमराने से हम हारे। शेष दोनों टेस्ट जीतने के लिए भारत को पूरी ताकत झोंकनी होगी।

एशियाड में मेरठ के दो लड़कों ने सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में एशियाड पदक जीत लिया। इन्हें भी क्रिकेट की तरह प्रमोशन मिलेगा?

सभी खेल बेहतरीन हैं। हाकी में भारत के खाते में क्रिकेट से ज्यादा उपलब्धियां हैं। मैं निशानेबाज सौरभ एवं शार्दुल व रवि कुमार के प्रदर्शन से हैरान हूं। सीमा पूनिया व अन्नू रानी भी भारत को पदक दे सकते हैं। मेरठ में खेल सामान बनने के साथ ही पीके, भुवी, व कर्ण शर्मा जैसे क्रिकेटर भी निकले हैं।

नए खिलाड़ी टी-20 के मुताबिक खुद को तैयार कर रहे हैं। ताबड़तोड़ रन बनने लगे हैं। क्या टेस्ट मैच खतरे में हैं?

टेस्ट ही असली क्रिकेट है। इसमें अनुशासित लड़के ही चल पाएंगे। टेस्ट का कोई विकल्प नहीं है। मुझे पहली टेस्ट कैप पाली उमरीगर ने पहनाई, जो हमेशा याद रहेगी।

पाकिस्तान में एक से एक तूफानी गेंदबाज हुए। आखिर भारत में शुद्ध तेज गेंदबाज क्यों नहीं निकल पा रहे हैं?

बुमराह, मोहम्मद समी और उमेश यादव समेत 140 किमी प्रति घंटा से तेज फेंकने वाले सभी अब शुद्ध तेज गेंदबाज हैं। भारत अब गति में भी बेहतर है।

आपके सामने क्रिकेट कितना बदल गई। नई पीढ़ी के सामने क्या चुनौतियां होंगी?

मैंने जब क्रिकेट खेलना शुरू किया तो फिटनेस की तकनीक इतनी हाईटेक नहीं थी। अब फिटनेस का महत्व बढ़ा है, किंतु खिलाड़ियों के धैर्य में कमी चिंताजनक है।

आप क्रिकेट में न होते तो कहां होते?

तो मैं सेना में होता। आर्मी से मुझे बेहद प्यार है। कक्षा 12 में पहुंचते ही मेरा चयन रणजी में हो गया और इसी के साथ मैं क्रिकेट का होकर रह गया।

गौतम गंभीर तैयार करेंगे क्रिकेटरों की नई फौज

टीम इंडिया के ओपनर रहे एवं अर्जुन अवार्डी गौतम गंभीर क्रिकेट की नई प्रतिभाओं को तराशेंगे। इसके लिए फनगेज नामक एक एजेंसी देशभर में 12 से 24 वर्ष के खिलाड़ियों का ट्रायल लेगी। गौतम गंभीर वीडियो एनालिसिस के जरिए नई प्रतिभाओं की खोज करेंगे। अंतिम 40 क्रिकेटरों को आस्ट्रेलिया में कैंप कराया जाएगा। मेरठ में नीलकंठ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में इसका रेसीडेंशियल कैंप होगा।

नीलकंठ एकेडमी में शुक्रवार को पहुंचे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने बताया कि भारत में पहली बार क्रिकेटरों की तलाश के लिए एक साइंटिफिक कार्यक्रम आयोजित होगा। सभी खिलाड़ियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। चार-चार ओवर का ट्रायल लिया जाएगा। 13 हाई डेफिनेशन वीडियो बनाकर विशेषज्ञ आकलन करेंगे। चयनित क्रिकेटरों को दस दिन का रेसीडेंशियल कैंप मिलेगा। इसके बाद 40-40 ओवरों का मैच कराएंगे, जिसमें 105 क्रिकेटर चुने जाएंगे। 40 क्रिकेटरों को आस्ट्रेलिया के पर्थ में तीन सप्ताह का कैंप दिया जाएगा, जहां तमाम दिग्गज उन्हें क्रिकेट का गुर सिखाएंगे। अन्य क्रिकेटरों को पांच साल की स्पांसरशिप मिलेगी। प्रेसवार्ता में फनगेज एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि रजिस्ट्रेशन फीस 595 और टैक्स समेत 895 रुपये होगी। ट्रायल नई दिल्ली से शुरू होगा। मेरठ में भी दस दिन का कैंप लगेगा। अन्य कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। गंभीर ने बताया कि यह अनोखा फार्मेट है, जिससे क्रिकेटर निकलकर अंडर-16 से रणजी से लेकर टीम इंडिया तक जगह बना सकेंगे।

खुद पर रखें भरोसा, मिलेगी कामयाबी

अर्जुन अवार्डी क्रिकेटर गौतम गंभीर ने एकेडमी में जुटे खिलाड़ियों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। बताया कि वह सेना में जाना चाहते थे, लेकिन क्रिकेटर बन गए। इसीलिए शहीदों के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दिलाने के लिए गौतम गंभीर नामक एक फाउंडेशन शुरू किया है। 200 छात्रों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाया जाएगा। कहा कि युवा क्रिकेटर खुद पर भरोसा रखें। किसी की नकल न करें। अपने नैसर्गिक खेल को निखारें, सफलता जरूर मिलती है। कार्यक्रम में गौतम गंभीर ने शहीदों के परिजनों को भी सम्मानित किया। नीलकंठ ग्रुप के चेयरमैन ब्रजवीर सिंह, एडीजी प्रशांत कुमार, ग्रुप के सचिव अमर अहलावत, धर्मेद्र भारद्वाज व विशाल जैन समेत कई अन्य उपस्थित हुए।


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