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बागपत में सत्‍यपाल मलिक का बड़ा बयान- किसानों को दिल्ली से खाली हाथ न भेजे सरकार

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल सिंह ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का पक्ष लिया। सत्‍यपाल मलिक ने कहा कि किसानों की न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य संबंधित मांगों पर केंद्र सरकार उदारतापूर्वक विचार करे। मकसद यह कि इस समस्या का हल अब निकलना ही चाहिए।

By Taruna TayalEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 02:38 PM (IST)
बागपत में सत्‍यपाल मलिक का बड़ा बयान- किसानों को दिल्ली से खाली हाथ न भेजे सरकार
बागपत पहुंचे मेघालय के राज्‍यपाल सत्‍यपाल सिंह।

बागपत, जेएनएन। बागपत के अमीनगर सराय में रवि‍वार को शीलचंद इंटर कालेज में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल सिंह सम्मिलित हुए। उन्‍होंने किसानों और जवानों के संदर्भ में अपनी बात सामने रखी। कहा कि देश का किसान और जवान संपन्‍न और संतुष्ट होना चाहिए तभी देश प्रगति करेगा। राज्यपाल ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि तीन कृषि कानूनों का विराेध कर रहे किसानों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करे और उन्हें दिल्ली से खाली हाथ न भेजे।

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अमीनगर सराय अंतर्गत शीलचंद इंटर कालेज में दोपहर को आयोजित अपने अभिनंदन समारोह में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि हालिया कृषि कानूनों में तार्किक संशोधन और उसके विभिन्‍न पहलुओं पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार बातचीत को तैयार है। ऐसे में किसान संगठनों को चाहिए कि वो भी इसपर विचार करें और सरकार से बातचीत के लिए आगे आएं। सत्‍यपाल मलिक ने कहा कि किसानों की न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य संबंधित मांगों पर केंद्र सरकार भी उदारता पूर्वक विचार करे। मकसद यह, कि इस समस्या का हल अब निकलना ही चाहिए। राज्यपाल ने सिखों के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए उनकी निडरता व पराक्रम की सराहना की। कहा कि इस कौम ने देश के लिए तमाम कुर्बानियां दी हैं। ये कौम देश की रक्षा के लिए मर मिटती है, साथ ही अपने ऊपर हुए अत्याचारों को 300 साल तक नहीं भूलती। आपरेशन ब्‍लू स्‍टार के बाद के तमाम परिदृश्‍य इसके उदाहरण हैं।

अनुच्छेद 370 हटाने का श्रेय मोदी व शाह को

मेघालय के राज्‍यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहते अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान के किस्सों काे भी साझा किया। उन्‍होंने कहा कि कश्मीर के नेताओं ने आपत्तिजनक बयान दिए और पंचायत चुनाव का माहौल बनाने में सहयोग भी नहीं किया। अंतत: अनुच्छेद 370 भी हटा और चुनाव भी हुए। उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को दिया। उन्होंने बिहार का राज्यपाल रहते नकल माफिया पर शिकंजा कसने के प्रयासों को भी आमजन से साझा किया।


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