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आइआइएमटी, ट्रांसलेम व दोनों एमपीजीएस फाइनल में

मेरठ : दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान में शुक्रवार को जीवन मूल्यों पर आधारित इंटर स्कू

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 03:00 AM (IST)
आइआइएमटी, ट्रांसलेम व दोनों एमपीजीएस फाइनल में
आइआइएमटी, ट्रांसलेम व दोनों एमपीजीएस फाइनल में

मेरठ : दैनिक जागरण के संस्कारशाला अभियान में शुक्रवार को जीवन मूल्यों पर आधारित इंटर स्कूल वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। यह प्रतियोगिता मेरठ पब्लिक स्कूल फॉर ग‌र्ल्स कैंट में हुई। इसमें शहर के 18 स्कूलों की टीमों ने हिस्सा लिया। चार क्लस्टर में विभाजित टीमों में पहले दिन का मुकाबला हुआ। टीमों को अलग-अलग टॉपिक मिले जिसमें उन्होंने पक्ष और विपक्ष में अपना मत रखा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अपने-अपने क्लस्टर की टॉप चार टीमों ने फाइनल में प्रवेश किया। शनिवार को डिबेट प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में एमपीजीएस कैंट व शास्त्रीनगर के अलावा आइआइएमटी एकेडमी और ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल की टीमें हिस्सा लेंगी।

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दो-दो मिनट में रखा पक्ष-विपक्ष

स्कूलों की टीम में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं शामिल रहे। हर वक्ता को टॉपिक देने के बाद एक मिनट का समय सोचने के लिए दिया गया। उसके बाद उन्होंने दो-दो मिनट संबंधित विषयों पर अपना पक्ष और विपक्ष मत रखा। बच्चों में नैतिक ज्ञान को बढ़ावा देने और उनका सामाजिक विकास करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रतियोगिता में बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था। अपने वक्तव्य के दौरान बच्चों ने कविता की पंक्तियों का भी भरपूर इस्तेमाल किया। साथ ही विषय से संबंधित डाटा भी पेश किया जो उनके पक्ष को मजबूत करने में मददगार रहा।

बेसिक शिक्षा नहीं तो व्यवसायिक किस काम की

डिबेट प्रतियोगिता के दौरान बेसिक शिक्षा और व्यवसायिक शिक्षा पर बच्चों ने कहा कि जब स्कूलों में बेसिक शिक्षा ही ठीक नहीं है तो व्यवसायिक शिक्षा का लाभ कैसे मिलेगा। वही पक्ष के प्रतिभागियों ने कहा कि व्यवसायिक शिक्षा से नए-नए करियर संभावनाओं की जानकारी मिलती है। टेक्नोलॉजी पर बच्चों ने कहा कि आज मोबाइल से दूर-दूर के लोग तो जुड़ रहे हैं लेकिन आस-पास के लोगों में परस्पर मेलजोल की भावनाएं कम होती जा रही हैं। प्रतिस्पर्धा पर बच्चों ने कहा कि एक ओर जहां इससे अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है वहीं देश में प्रतिस्पर्धा से बढ़ते अवसाद से यह आत्महत्या के प्रमुख कारणों में से एक है। आवश्यकता पर छात्रों ने कहा कि यदि थॉमस अल्वा एडिशन अपनी जरूरत देखकर स्वयं को सीमित रखते तो इलेक्ट्रिक बल्ब नहीं मिल पाता। पैसा व सम्मान के महत्व पर बोलते हुए बच्चों ने महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास अधिक पैसे कभी नहीं थे लेकिन उनका सम्मान आज भी समाज में वैसा ही है।

इन विषयों पर प्रतिभागियों ने रखा पक्ष-विपक्ष

-सोशल मीडिया समाज के लिए उपयोगी है।

-समाज में पैसा महत्वपूर्ण या सम्मान।

-टेक्नोलॉजी अच्छी या बुरी।

-अपनी आवश्यकताओं को सीमित रखकर ही व्यक्ति सुखी रह सकता है।

-अपेक्षा और इच्छा में फर्क होता है।

-विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा दी जानी चाहिए।

-प्रतिस्पर्धा अच्छी या बुरी।

कड़ी प्रतियोगिता में बढ़ें आगे

दो दिनी इस प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला शनिवार को सुबह 10 बजे से होगा। पहले दिन राउंड रोबिन और उसके बाद सेमीफाइनल राउंड हुआ। क्लस्टर में से तीन टीमों का चुनाव सेमीफाइनल के लिए हुआ। सेमीफाइनल में क्लस्टर टॉपर रही टीमों ने फाइनल में जगह पक्का किया। इस मौके पर निर्णायक की भूमिका केंद्रीय विद्यालय के पूर्व प्राचार्य डा. शिवचरण शर्मा 'मधुर', डीएन डिग्री कालेज की बीएड विभागाध्यक्ष डा. अनिता चौधरी और असीम कायस्था ने निभाया।

इन स्कूलों की टीमों ने लिया हिस्सा

संस्कारशाला इंटर स्कूल डिबेट प्रतियोगिता में गार्गी ग‌र्ल्स स्कूल, मेरठ पब्लिक ग‌र्ल्स स्कूल कैंट, दर्शन एकेडमी, सेंट जोंस सीनियर सेकेंड्री स्कूल, जीटीबी पब्लिक स्कूल कैंट, ऋषभ एकेडमी, आइआइएमटी एकेडमी, कृष्णा पब्लिक स्कूल, बीडीएस इंटरनेशनल स्कूल, मेरठ पब्लिक स्कूल कैंट, केएल इंटरनेशनल स्कूल, द अध्ययन स्कूल, ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल, राधा गोविंद पब्लिक स्कूल, सेंट जेवियर्स व‌र्ल्ड स्कूल फॉर ग‌र्ल्स, शांति निकेतन विद्यापीठ, एमआइईटी पब्लिक स्कूल और एमपीजीएस शास्त्रीनगर की टीमों ने हिस्सा लिया।

फाइनल में पहुंचे ये प्रतिभागी

एमपीजीएस कैंट : नितिषा तिवारी व कशिश जैन

आइआइएमटी एकेडमी : अनुभव त्यागी व अर्चिता त्यागी

ट्रांसलेम एकेडमी : ओजस्वी साहनी व युक्ति गोयल

एमपीजीएस शास्त्रीनगर : वंशिका भगत व शिवांगी तोमर


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