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Saharanpur Poisonous liquor scandal: आखिर क्यों बदलता था अजय केमिकल ड्रम की पैकिंग

Hooch Tragedy अजय दिल्ली की बड़ी केमिकल कंपनी से सील बंद केमिकल के ड्रम खरीदता था। सहारनपुर में दर्ज हुई तीन एफआइआर में से एक में अजय को आरोपित बनाया था।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 12:00 AM (IST)
Saharanpur Poisonous liquor scandal: आखिर क्यों बदलता था अजय केमिकल ड्रम की पैकिंग
Saharanpur Poisonous liquor scandal: आखिर क्यों बदलता था अजय केमिकल ड्रम की पैकिंग

सहारनपुर, [मनोज मिश्रा]। जहरीली शराब निर्माण में जिस केमिकल का इस्तेमाल हुआ था, उसकी पुष्टि मृतकों की बिसरा रिपोर्ट में भी हो चुकी है। आइपीए के नाम पर जो केमिकल हरिद्वार की कंपनी को सप्लाई किया गया था, उसका भेद पुलिस विवेचना में पूरी तरह से खुल चुका है। इसी आधार पर अंकित गुप्ता सहित अन्य सलाखों के पीछे हैं, लेकिन सहारनपुर पुलिस ने जिस थ्यौरी पर दिल्ली के अजय वर्मा को क्लीनचिट दी है, उसका अदालत में औंधे मुंह गिरना लगभग तय है। विवेचक ने केस डायरी में अजय के स्टॉक का जिक्र और अंकित गुप्ता की फर्म के ड्राइवर मौ. इम्तियाज का बयान दर्ज किया है, जो इस प्रकरण में नया मोड़ दे रहा है।

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पुलिस केस डायरी में मौ. इम्तियाज निवासी मंगलौर हरिद्वार का इकबालिया बयान का पर्चा दर्ज है, जिसमें वह बता रहा है कि, साल 2009 से वह रुड़की शिव शक्ति कंपाउंड के अंकित व सचिन गुप्ता के लिए केमिकल ड्रम दिल्ली से लाता था। एक मोबाइल नंबर का भी बयान में जिक्र है, जो अजय वर्मा के रिश्तेदार का है, उसी नंबर पर बात होने के बाद शहादरा के निकट मंडोली स्थित गोदाम से प्लास्टिक के ड्रम में भरा केमिकल लाता था। ड्रम में 160 लीटर केमिकल होता था। इतना ही नहीं केस डायरी में अजय वर्मा द्वारा जो बिल लगाए गए हैं, वह दिल्ली रोहिणी की एक अन्य बड़ी कंपनी के हैं, क्योंकि अजय उक्त कंपनी से आइपीए केमिकल खरीद कर आगे सप्लाई करता था। हैरानी की बात यह है कि रोहिणी की केमिकल कंपनी लोहे के ड्रम में 165 लीटर की पेकिंग में सील बंद केमिकल की सप्लाई देती थी, लेकिन अजय जब माल हरिद्वार भेजता था, तो वह प्लास्टिक के ड्रम में 160 लीटर की पैङ्क्षकग में सप्लाई करता था। यही वो ङ्क्षबदु हैं, जिसकी वजह से अजय पर हरिद्वार पुलिस ने शिकंजा कसा और सहारनपुर पुलिस ने विवेचक के बदले जाने के बाद अजय को क्लीनचिट दे दी। अब ड्राइवर इम्तियाज का बयान इस मामल में नया मोड़ ला सकता है।

इसलिए गागलहेड़ी के मुकदमे में खुला अजय का नाम

फरवरी 2019 में सहारनपुर व हरिद्वार में जहरीली शराब कांड हुआ था। दोनों जिलों में करीब 150 मौत हुई थी। मुख्य मुकदमा हरिद्वार के जिला झबरेड़ा व गागलहेड़ी का है, क्योंकि झबरेड़ा से केमिकल चलकर गागलहेड़ी आया और फिर जहरीली शराब का निर्माण हुआ। हालांकि सहारनपुर के थाना देवबंद व नागल में दर्ज एफआइआर में सिर्फ ग्रामीणों की मौत का जिक्र है। गागलहेड़ी का मुकदमा मुख्य इसलिए हैं, क्योंकि यहां से पूर्व विवेचक ने आरोपित लाड्डी व इंद्रपाल से जहरीली शराब व केमिकल बरामद किया था। यह वही केमिकल है, जो रुड़की से आया था। इसलिए पूर्व विवेचक की जांच अजय तक पहुंची थी।

हरिद्वार पुलिस की विवेचना में शामिल है रोहिणी की कंपनी

उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के थाना झबरेड़ा में जहरीली शराब कांड का मुकदमा दर्ज है। इसी थाने से मामले में चार्जशीट गई है। वहां के विवेचक ने दिल्ली रोहिणी की उस केमिकल कंपनी के स्वामी से पूछताछ की है, जहां से अजय केमिकल खरीदता था। उक्त कंपनी के स्वामी ने ही तमाम बिल इत्यादि के साथ अपने बयान में बताया है कि वह सील बंद ड्रम देता था।

इनका कहना है...

जहरीली शराब कांड में आला अधिकारी को ही जानकारी है, मेरी जानकारी में कुछ भी नहीं है।

- डा. एस चनप्पा, एसएसपी।


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