सहारनपुर : मौलाना अरशद मदनी का बड़ा बयान, कृषि कानूनों की तरह सीएए भी हो समाप्त
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कृषि कानूनों की वापसी को किसानों के धैर्य और शांतिपूर्ण आंदोलन की जीत बताया है। साथ ही सरकार से नागरिकता संशोधन कानून को भी वापस लेने की मांग की है।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद अब जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को भी समाप्त करने की मांग उठाई है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कृषि कानूनों की वापसी को किसानों के धैर्य और शांतिपूर्ण आंदोलन की जीत बताया। साथ ही सरकार से सीएए को भी वापस लेने की मांग की।
लोकतंत्र और लोगों की शक्ति सर्वोपरि
शुक्रवार को देवबंद में जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि कृषि कानून वापसी के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र और लोगों की शक्ति सर्वोपरि है। जो लोग सोचते हैं कि सरकार और संसद अधिक शक्तिशाली हैं, वह बिल्कुल गलत हैं। जनता ने एक बार फिर किसानों के रूप में अपनी ताकत का परिचय दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन की सफलता यह भी सीख देती है कि किसी भी जन आंदोलन को जबरदस्ती कुचला नहीं जा सकता है।