Move to Jagran APP

पश्चिम उत्तर प्रदेश में नशीले पदार्थों की मंडी बना सहारनपुर, आबकारी विभाग और पुलिस तमाशबीन

सहारनपुर में नशे के कारोबार को आबकारी विभाग की शह मिली हुई है। आबकारी विभाग नशे के तस्करों को अभयदान दे रहा है। सब कुछ आबकारी विभाग के अफसरों के संज्ञान में है फिर भी जिले में नशे के कारोबार को रोका नहीं जा पा रहा है।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 06:00 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 06:00 AM (IST)
पश्चिम उत्तर प्रदेश में नशीले पदार्थों की मंडी बना सहारनपुर, आबकारी विभाग और पुलिस तमाशबीन
सहारनपुर में सार्वजनिक स्‍थल पर भी लोग धुंआ उड़ाने से बाज नहीं आते

सहारनपुर, सर्वेंद्र पुंडीर। काष्ठकला उद्योग के लिए प्रसिद्ध सहारनपुर की साख को नशे का अवैध कारोबार कलंकित कर रहा है। उड़ता पंजाब की तरह पश्चिम उप्र में सहारनपुर नशे का बड़ा हब बन चुका है। सहारनपुर में नशा तस्कर गांजा, चरस, अफीम, डोडा व स्मैक की खुलेआम बिक्री कर नई पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं।

loksabha election banner

सहारनपुर की सीमा कई राज्यों से मिली होने के कारण तस्कर आसानी से नशे की खेप लेकर यहां आते हैं और अपने एजेंट को बेचकर आसानी से निकल जाते हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की सीमा इसके लिए काफी मुफीद साबित हो रही है। आबकारी विभाग तथा पुलिस तमाशबीन बनी है। छापेमारी कर कागजों में गुडवर्क किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर नशा कारोबार की जड़ें कहीं भी कमजोर नहीं पड़ रही हैं जबकि नशे की गिरफ्त में आ रहा युवा शरीर के साथ ही घर भी खोखला कर रहा है। पढऩे लिखने की उम्र में युवा इस नशे की गिरफ्त में आ रहा है। आदी होने के बाद नशा न मिलने से वह आत्मघाती कदम तक उठा लेता है।

भांग के ठेकों पर नशे की गोलियां

जिले का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है, जहां नशे का सामान सहज उपलब्ध न हो। तमाम मेडिकल स्टोरों पर नशीली गोलियां व इंजेक्शन खुलेआम बेचे जा रहे है। यही नहीं करीब आधा दर्जन भांग के ठेकों पर चरस, गांजा, स्मैक, अफीम तथा डोडा बेचा जा रहा है। शहर के बंजारान रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टैंड, गांधी पार्क, जीपीओ रोड, दिल्ली स्टैंड नशे कारोबारियों के बड़े ठिकाने व नशेडिय़ों के अड्डे बन चुके है। नशे का सामान बेचने वालों ने बाकायदा अपने एजेंट छोड़े हुए है तथा कोडवर्ड इस्तेमाल कर नशा खरीदा जाता है। जैसे चरस के लिए माल, डोडा के लिए चूरा, अफीम के लिए काला, स्मैक के लिए पाउडर, कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।

नेपाल, बरेली, बाराबंकी से आ रही नशे की बड़ी खेप

गंगोह पुलिस ने हाल में तीन नशे के सौदागर जिशान, मेहरबान और एक महिला को पकड़ा था। इनसे पूछताछ में पता चला कि स्मैक, गांजा, चरस डोडा को वह बरेली और बाराबंकी से लेकर आते हैं। बरेली और बाराबंकी में यह नशा नेपाल के अलावा हिमाचल और मध्यप्रदेश के सरथल से आ रहा है। इन स्थानों पर स्मैक, अफीम, चरस व गांजे आदि की खेती होती है। इसके अलावा पाकिस्तान, नाईजीरिया से भी नशे का सामान पहुंचने की जानकारी मिली है। पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड से भी यहां आसानी से नशे की खेप यहां पहुंच रही है।

-महानगर में बिक रहा खुला नशा

महानगर के कुतुबशेर, देहात कोतवाली, शहर कोतवाली, सदर बाजार, जनकपुरी, मंडी कोतवाली, देहात कोतवाली क्षेत्रों के कई मोहल्लों में गांजा, चरस, अफीम, स्मैक खुलेआम बिक रहा है। इसी प्रकार देहात के सरसावा, नकुड़, मिर्जापुर, बेहट, देवबंद समेत कई थाना क्षेत्रों में नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है, संबंधित थाना पुलिस सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनती रही है। मोटी कमाई के इस धंधे में कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। जिले में नशे के कारोबार की जड़ें कितनी गहरी है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वर्ष पूर्व प्रदेश के आयुष मंत्री स्वतंत्र प्रभार खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डाक्टर धर्म सिंह सैनी को कहना पड़ा था कि सरसावा के आसपास बसे गांवों को उड़ता सरसावा नहीं बनने दिया जाएगा। मेडिकल स्टोर पर नशे का कारोबार करता यदि कोई भी मेडिकल स्टोर स्वामी पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ड्रग्स कंट्रोलर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे।

झबीरन व मिर्जापुर बने है गढ़

जिले में नशे के कारोबार के दो क्षेत्र सबसे बड़े गढ़ बने है। सरसावा का गांव झबीरन जोकि हरियाणा बार्डर से बिल्कुल सटा हुआ है। हरियाणा बार्डर के रास्ते स्मैक, चरस, अफीम आदि की सप्लाई इस गांव में ड्रग्स स्मगलर के जरिए पहुंचती रही है। अनेक बार क्षेत्र व नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है लेकिन धंधा बदस्तूर जारी है। ऐसी ही स्थिति मिर्जापुर थाना क्षेत्र की है। यहां स्मैक तस्कर जड़ें जमा चुके है।

स्कूल कालेजों के आसपास भी तस्करों की आहट

नशे के तस्कर युवा पीढ़ी को खोखला कर रहे हैं। शहर,कस्बा गली मोहल्ला के साथ ही इनकी पैंठ स्कूल कालेजों तक भी हो गई है। यह छात्रों को नशे के जाल में फंसा रहा हैं और उन्हें गलत काम की ओर भी धकेल रहे हैं। ऐसे स्थानों पर ठेले आदि में भी नशे की पुडिय़ा उपलब्ध रहती है और कोड वर्ड से बिकती है।

नशे के विरुद्ध लोग हो रहे लामबंद

सहारनपुर में स्मैक के कारोबारियों ने अपनी जड़ें गहरी कर ली हैं। नतीजन लोग स्मैक के नशे से नई नस्ल को बचाने के लिए अब लामबंद होने लगे हैं। जून 2021 में सहारनपुर पुलिस द्वारा नशे के काला कारोबार करने वाले लोगों के खिलाफ आपरेशन नशा मुक्ति अभियान के दौरान छह दिन में लगभग 93 लोग नशे की तस्करी में संलिप्त मिले थे जिन्हें जेल भेजा गया था। इसके बावजूद नशे के कारोबार पर रोक नहीं लग पाई है। अब भी तमाम स्थानों पर नशा आसानी से उपलब्ध है।

आबकारी विभाग की पूरी शह

नशे के कारोबार को आबकारी विभाग की शह मिली हुई है। आबकारी विभाग नशे के तस्करों को अभयदान दे रहा है। सब कुछ आबकारी विभाग के अफसरों के संज्ञान में है, फिर भी जिले में नशे के कारोबार को रोका नहीं जा पा रहा है। तमाम भांग और शराब के ठेकों से नशे का कारोबार चलाया जा रहा है। लेकिन सिवाय कुछ एक मामलों के किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस की लापरवाही भी कुछ कम नहीं है।

नौ माह में यह है पुलिस कार्रवाई

970 - मुकदमे दर्ज

765 - नशा तस्कर पकड़े

1543 - पुलिसकर्मी लगाए

150 - चिह्नित स्थानों पर बिक रहा नशा

500 अज्ञात स्थानों पर हो रही बिक्री

1500 - किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद।

1.4 - करोड़ की स्मैक पकड़ी गई

इन्‍होंने कहा

नशा तस्करों पर हमारा अभियान चलता रहता है। हाल फिलहाल में एक अभियान चलाकर सैकड़ो तस्करों को पकड़ा गया था। फिर से जल्दी ही अभियान शुरू करेंगे।

- राजेश कुमार, एसपी सिटी

नशीले पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए अनवरत अभियान चलाया जा रहा है, पिछले दिनों नशीले पदार्थों की बिक्री में संलिप्त एक भांग का ठेका निरस्त कर दिया गया था, लगातार कार्रवाई की जा रही है।

-वरुण कुमार, जिला आबकारी अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.