आरवीसी की 'जारी' ने रोका आतंकी हमला
रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) सेंटर एंड कॉलेज में प्रशिक्षित एक ट्रैकर फौजी श्वान जारी ने आतंकी हमला टाल दिया है।
मेरठ,जेएनएन। रिमाउंट वेटनरी कोर (आरवीसी) सेंटर एंड कॉलेज में प्रशिक्षित एक ट्रैकर फौजी श्वान 'जारी' ने आतंकी हमला टाल दिया है। तीन साल की ट्रैकर लेब्राडोर डॉग जारी ने असम के पनबारी फॉरेस्ट रिजर्व में आतंकियों द्वारा छिपाए गए हथियारों के जखीरे को खोज निकाला है। इसमें सुरक्षा बलों को बड़ी मात्रा में बारूद और हथियार मिले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि आतंकियों से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ही इन हथियारों को छिपाकर रखा था। सर्च ऑपरेशन के दौरान जारी बारूद को सूंघते हुए सुरक्षा बलों को हथियारों तक ले गई। जांच के बाद पता चला है कि यह हथियार नेशनल डेमोक्रैटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के एक ग्रुप का है जिसे सरकार ने आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।
जमीन के भीतर भी खोज निकाला बारूद
आरवीसी में ट्रैकर डॉग दूर-दूर तक बारूदी सुरंगों को खोजने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। आम तौर पर जंगली क्षेत्र में जमीन के भीतर छिपाए गए हथियार व बारूद को खोजना मुश्किल होता है। असम के चिरांग जिले में स्थित इन जंगलों में बोडो आतंकियों द्वारा हथियार छिपाए जाने की सूचना मिली थी। काफी खोज के बाद भी हथियारों को खोजा नहीं जा सका। भारतीय सेना, सशस्त्र सीमा बल और असम पुलिस के साथ मंगलवार को संयुक्त सर्च ऑपरेशन के दौरान जारी ने अपने हैंडलर बिट्टू पात्रा और सुरक्षाबल के जवानों को हथियार वाली जगह लेकर पहुंची।
डेढ़ साल से सेना में दे रही सेवा
आरवीसी में प्राथमिक ट्रेनिंग और ट्रैकर डॉग की टूनिंग के बाद जारी को छह महीने की फील्ड ट्रेनिंग दी गई। साल 2018 मसे सेना में सेवाएं दे रही जारी का अपने हैंडलर (ट्रेनर) के साथ बेहतरीन तालमेल है। इससे पहले भी जारी ने कई बार सफलता के साथ ट्रैक किया है। जारी की फील्ड ट्रेनिंग यूनिट कमान अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक मिश्रा की अगुवाई में हुआ। ले. कर्नल मिश्रा आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज के घुड़सवारी विंग में कार्यरत रहे थे। जारी के हैंडलर सेना में लांस दफेदार के तौर पर कार्यरत हैं। वर्तमान में जारी असम के कामरूप जिले में स्थित रांगिया स्थित 21वीं माउंटेन डिवीजन के अंतर्गत तैनात है।