रूट कैनाल ट्रीटमेंट में जल्दबाजी कतई न करें, बैक्टीरिया फैला सकते हैं संक्रमण... हो सकती है परेशानी
मेरठ में इंडियन डेंटल एसोसिएशन की कांफ्रेंस में रूट कैनाल ट्रीटमेंट फेल होने के कारणों पर चर्चा हुई। चिकित्सकों ने बताया कि जल्दबाजी और अधूरी सफाई से संक्रमण का खतरा बढ़ता है। सस्ते इलाज के चक्कर में न पड़ें और विशेषज्ञ से ही कराएं। दांतों में तेज दर्द, सूजन या मवाद आने पर रूट कैनाल ट्रीटमेंट कराएं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। बाउंड्री रोड स्थित होटल क्रिस्टल पैलेस में इंडियन डेंटल एसोसिएशन की कांफ्रेंस में कालका डेंटल कालेज के दंत चिकित्सक डा. प्रतीक बंसल ने रूट कैनाल फेल होने के कारणों को बताया। कहा कि रूट कैनाल ट्रीटमेंट करते समय जल्दबाजी न करें। इससे अधूरी सफाई और कैनाल को ठीक से सील न करने से बैक्टीरिया प्रवेश कर संक्रमण फैला सकते हैं। ऐसी अवस्था में दोबारा इलाज या दांत निकालने की स्थिति बन सकती है।

इंडियन डेंटल एसोसिएशन मेरठ शाखा के सचिव डा. पुनीत कंसल ने बताया कि रूट कैनाल फेल होने के मामले बढ़ रहे हैं। कुछ दंत चिकित्सक सस्ते इलाज के चक्कर में गुणवत्ता से समझौता कर देते हैं। लोग सस्ते इलाज के चक्कर में न पड़ें। विशेषज्ञ दंत चिकित्सक से ही इलाज कराएं। कार्यक्रम में एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. पीयूष जैन ने दंत चिकित्सकों से कहा कि दंत चिकित्सा में उच्च क्वालिटी का डेंटल मैटेरियल का इस्तेमाल करें।
रूट कैनाल दांतों को बचाने के लिए किया जाता है। यह तब जरूरी होता है जब दांत की सड़न या चोट गहरी हो जाए। वह दांत के अंदरूनी हिस्से पल्प को संक्रमित या क्षतिग्रस्त कर दें। दंत चिकित्सकों ने कहा कि रूट कैनाल के दौरान सावधानी जरूरी होती है। उपचार के बाद कुछ दिनों तक कैप लगने से पहले दांत से सख्त, कुरकुरी या चिपचिपी चीजें चबाने से बचें। नरम आहार लें। दउपचार की नई तकनीकों और नई दवाओं पर भी जानकारी दी।
ये लक्षण दिखें तो कराएं रूट कैनाल ट्रीटमेंट
-दांत में लगातार तेज़ दर्द हो रहा हो।
-गर्म या ठंडा खाने या पीने पर तेज दर्द हो।
-चबाने या दांत पर दबाव पड़ने पर दर्द हो।
-मसूड़ों में सूजन, गांठ (फोड़ा) या मवाद आ रहा हो।
-एक्स-रे से पता चले कि संक्रमण जड़ तक पहुंच गया है।

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