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Rohini Court Shootout: दिल्‍ली पुलिस ने मेरठ में खंगाला नितिन का आपराधिक इतिहास, स्‍वजन को ले गई साथ

Rohini Court Shootout दिल्‍ली के रोहिणी में कोर्ट के भीतर हुए गैंगवार में मारे गए मेरठ के बदमाश नितिन जाटव का आपराधिक इतिहास खंगालने के लिए दिल्‍ली पुलिस की टीम मेरठ पहुंची थी और बाद में उसके स्‍वजन को भी अपने साथ ही ले गई।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 09:20 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:20 AM (IST)
Rohini Court Shootout: दिल्‍ली पुलिस ने मेरठ में खंगाला नितिन का आपराधिक इतिहास, स्‍वजन को ले गई साथ
मेरठ में खरखौदा, मेडिकल और परीक्षितगढ़ थाने में दर्ज हैं नितिन पर मुकदमे।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Rohini Court Shootout दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में गैंगवार के दौरान मारे गए नितिन जाटव की अपराधिक पृष्ठभूमि पुलिस ने निकाल ली है। उसने जनपद के खरखौदा, मेडिकल और परीक्षितगढ़ थाने में वारदातों को अंजाम दिया था। परीक्षितगढ़ में डाली गई डकैती के बाद गैंगस्टर की कार्रवाई भी उस पर की गई थी। इस बीच शनिवार को दिल्ली पुलिस की टीम खरखौदा के फंफूडा गांव पहुंची और नितिन के पिता सुरेंद्र और भाई को साथ ले गई। नितिन के स्‍वजन उसका शव लेकर मेरठ लौटेंगे।

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ऐसा आया अपराध की दुनिया में

खरखौदा के फंफूडा गांव निवासी सुरेंद्र जाटव के चार बेटे हैं। सुरेंद्र मूलरूप से बागपत जिले के रहने वाले हैं, जो पिछले बीस साल से फंफूडा में स्वजन के साथ रह रहे हैं। सुरेंद्र राजमिस्त्री का काम करते हैं। अपने बेटों को भी इसी कार्य में लगा लिया। इसी बीच उनका बेटा नितिन इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपराध की दुनिया में आ गया। सबसे पहले उसके खिलाफ खरखौदा थाने में मारपीट का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें उसे बाहर से जमानत मिल गई थी। गैंगवार में मारे नितिन जाटव ने अपनी भाभी को ग्राम प्रधान का चुनाव भी लड़वाया था। उसने लोगों को डराया भी था, हालांकि नितिन की भाभी को पंचायत चुनाव में सौ वोट भी नहीं मिले थे। नितिन की तलाश में दिल्ली पुलिस आए दिन मेरठ में दबिश डालती थी। उस वक्‍त परिवार के सदस्य यही बताते थे कि उनका नितिन से कोई संबंध नहीं है।

अन्‍य राज्‍यों में वारदातें

इसके बाद नितिन सेंट्रल मार्केट में चोरी की वारदात में जेल गया था। जमानत पर आने के बाद नितिन ने परीक्षितगढ़ में डकैती डाली। नितिन पर परीक्षितगढ़ थाने में गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसके बाद नितिन जिले को छोड़कर उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में वारदात करने लगा था। वारदातों के चलते वह अन्‍य राज्‍यों के लिए सिरदर्द बन गया था। उसे पकड़ने की पूरी कोशिश की गई।

स्वजन को ले गई दिल्ली पुलिस की टीम

नितिन जाटव से नाम बदलकर वह राहुल और केके बन गया। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित था। शुक्रवार को मुठभेड़ में मारे जाने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम खरखौदा के फंफूडा गांव पहुंची और नितिन के पिता सुरेंद्र और भाई को साथ ले गई। हालांकि शनिवार को कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने के कारण देर शाम तक स्वजन को नितिन के शव नहीं मिला। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि दिल्ली पुलिस को नितिन की अपराधिक हिस्ट्री सौंप दी है। अगर कोई और संबंधित तथ्‍य दिल्‍ली पुलिस को चाहिए होगा, तो वह भी उन्‍हें उपलब्‍ध करा दिया जाएगा।


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