जनाब! ये मेरठ की सड़कें हैं, संभलिए नहीं तो फुटबाल की तरह उछलेंगे आप Meerut News
शहर की सड़कों का हाल बुरा है। सीएम योगी के आदेश के बाद कुछ दिनों तक तो काम धरातल पर दिखा लेकिन बाद में सड़कें गड्ढा मुक्त होने के बजाए गड्ढों में ही तब्दील हो गईं।
By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 10:39 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 10:39 AM (IST)
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। प्रदेश की कमान संभालने के बाद सबसे पहले सड़कों को गड्ढों से मुक्ति दिलाने का आदेश योगी सरकार ने दिया था। मुख्यमंत्री की सख्ती से यह अभियान कुछ दिन तो धरातल पर दिखाई दिया। लेकिन, जैसे-जैसे समय बीतता गया। सड़कें गड्ढा मुक्त होने के बजाए गड्ढों में ही तब्दील हो गईं। वर्तमान स्थिति ये है कि सड़क पर जानलेवा गड्ढे तो हैं ही, फ्लाई ओवर भी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। स्कूली बच्चे हों या फिर कामकाजी लोग सड़क पर अंजाना सा डर लेकर चलने को मजबूर हैं। इसके लिए नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और कैंट बोर्ड जिम्मेदार हैं।
जागरण ने जानी हकीकत
दैनिक जागरण ने बुधवार को शहर के प्रमुख मार्गो और फ्लाई ओवर की हकीकत जांची। स्थिति हर सड़क पर भयावह मिली। सरस्वती लोक को जाने वाली सड़क पर मेवला फ्लाई ओवर के नीचे मोड़ पर ही जानलेवा गड्ढा मिला। बचते हुए आगे बढ़े तो पूरी सड़क ही गड्ढे में तब्दील मिली। हिचकोले खाते हुए सरस्वती लोक के गेट से मेवला फ्लाई ओवर तक पहुंचे। नवीन मंडी के सामने दिल्ली रोड पर उखड़ी सड़क पर बाइक फिसलने जैसा अहसास हुआ। ब्रेक लिया और टीपी नगर की सड़क पर उड़ती डस्ट को चीरते हुए बागपत रोड मोड़ पर पहुंचे। मोड़ तो है, लेकिन यहां सड़क नहीं दिखी।
पांच फीट चौड़ा गड्ढा बना मुसीबत
छतरी पीर तिराहे से खैर नगर चौराहे तक तो बढ़िया सड़क है। लेकिन, बुढ़ाना गेट की ओर बढ़ते ही पांच फिट चौड़ा गड्ढा साल भर से लोगों की कमर तोड़ रहा है। स्थानीय लोग ही नहीं, रोजाना यहां से गुजरने वाले इससे बचकर निकलते हैं। यह गड्ढा भरने में न तो नगर निगम ने और न ही पीडब्ल्यूडी ने रुचि दिखाई।
कैंट की सड़कें भी दे रहीं जख्म
शहीद स्मारक वाली सड़क से होते हुए आयकर भवन के पीछे वाली सड़क पहुंचे। बड़े-बड़े गड्ढे कैंट बोर्ड की करनी और कथनी को उजागर कर रहे थे। राहगीरों को एकाएक ब्रेक लेना पड़ रहा था। जिससे कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। सदर की ओर बढ़ने पर सड़क कई जगह धंसी और उखड़ी मिली।
फ्लाई ओवर पर चलना संभलकर..
मेवला फ्लाई ओवर पर नवीन मंडी की ओर से चढ़ते ही बड़े-बड़े गड्ढे और उखड़ी सड़क से वास्ता हुआ। गिरने के डर से बाइक मोड़ने में ही सारी ताकत लगानी पड़ी। आगे फ्लाई ओवर पर 20 कदम ही चढ़े थे कि सामने दुर्घटना को दावत देते गड्ढे दिखे। यहां बाइक सवार स्पीड ब्रेक न ले तो उसका गिरना तय है। फ्लाई ओवर के उतार पर ऐसी जर्जर सड़क कि बाइक फिसले तो अस्पताल पहुंचना तय है। ऐसा ही हाल मलियाना फ्लाई ओवर का है। बड़े-बड़े गड्ढे और टूटी रेलिंग यहां दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। जिसकी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फिक्र नहीं है।
मुख्य सचिव भी बेहद गंभीर
सड़कों में गहरे-गहरे गड्ढ़ों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को सूबे के मुख्य सचिव ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले की टूटी-फूटी सड़कों को तत्काल अभियान चलाकर डीएम को सही कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने इस बारे में मेरठ समेत सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी किए हैं। मेरठ एवं अन्य जिलों में क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थिति की जानकारी विभिन्न माध्यमों से मुख्य सचिव तक भी पहुंची है। जिस पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सभी सड़कों की मरम्मत अभियान चलाकर की जाए। ताकि लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही जिले के विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए कार्यो में प्रगति लाने के निर्देश भी दिए हैं।
बागपत रोड पर फुटबाल की तरह उछल रहे वाहन
टीपी नगर थाने से केएमसी हॉस्पिटल तक बागपत रोड चलने लायक नहीं है। केएमसी के समीप तो डेढ़ से दो फीट गहरे गड्ढे हैं। बड़ी-बड़ी रोड़ी बिखरी पड़ी है। यहां से गुजरने वाले वाहन फुटबाल की तरह उछल रहे थे। कार के पहिए गड्ढे में समा रहे थे। रिक्शा चालक पैदल ही रिक्शा खींचने को मजबूर थे। यही हाल फुटबाल चौराहे के पास दिखाई दिया।
रेलवे रोड के गड्ढे देख सिहर जाते हैं यात्री
गड्ढों से गुजरते हुए रेलवे रोड पहुंचे। उम्मीद थी कि रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क तो सुरक्षित होगी। लेकिन, यहां तो खतरनाक गड्ढे हैं। मिनी आइटीआइ के सामने स्कूली बच्चे रोज गिरते हैं। अन्य शहरों से आने वाले यात्री गड्ढों को देखकर ही सिहर जाते हैं। शहर के प्रमुख मार्ग की उपेक्षा करने में संबंधित विभाग ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
बागपत रोड के गड्ढे भरने का काम शुरू
सारथी सोशल वेलफेयर सोसायटी मेरठ के पदाधिकारियों ने बागपत रोड के गड्ढे भरने का काम किया। बुधवार को टीम बागपत रोड पर सामग्री के साथ पहुंची और गड्ढे भरे। सोसायटी की अध्यक्ष कल्पना पांडेय ने कहा कि व्यापारियों से अपील की है कि वे भी इस काम में आगे आएं। उन्होंने कहा कि सरकार को गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा पूरा करना चाहिए। रोहित पंवार, रूबीना माइकल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
अंकल, यह सड़क कब बनेगी
स्कूल से लौट रहे मोहित और कृष का सवाल अंकल, यह सड़क कब बनेगी। सिस्टम की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न है। रेलवे रोड के गड्ढों से रोजाना दो-चार होते ये स्कूली बच्चे दुर्घटना को लेकर डरे हुए हैं। वह कहते हैं कि साइकिल इन गड्ढों में नहीं बढ़ती है। बताते हैं कि उनके कई साथी गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।
इनका कहना है
बजट का अभाव है। जो सड़क खराब हैं। उनको ठीक कराया जाएगा। जर्जर सड़कों पर गड्ढे भरे जाएंगें। यह काम बरसात बाद होगा।
- प्रसाद चव्हाण, सीईओ कैंट बोर्ड
सड़क पर गड्ढे भरने का काम शुरू हो रहा है। अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि जन्माष्टमी की झांकियां जिन मार्गो पर सजती हैं। उन मार्गो के गड्ढे प्राथमिकता में भरे जाएंगे। बरसात के चलते सड़कें उखड़ गई हैं। लोगों को जल्द निगम की सड़कें गड्ढा मुक्त मिलेंगी।
- यशवंत कुमार, चीफ इंजीनियर, नगर निगम
बारिश के कारण जो सड़कें टूट गई हैं उनकी जल्द ही मरम्मत की जाएगी।
- संजीव भारद्वाज, अधीक्षण अभियंता, लोनिवि
जागरण ने जानी हकीकत
दैनिक जागरण ने बुधवार को शहर के प्रमुख मार्गो और फ्लाई ओवर की हकीकत जांची। स्थिति हर सड़क पर भयावह मिली। सरस्वती लोक को जाने वाली सड़क पर मेवला फ्लाई ओवर के नीचे मोड़ पर ही जानलेवा गड्ढा मिला। बचते हुए आगे बढ़े तो पूरी सड़क ही गड्ढे में तब्दील मिली। हिचकोले खाते हुए सरस्वती लोक के गेट से मेवला फ्लाई ओवर तक पहुंचे। नवीन मंडी के सामने दिल्ली रोड पर उखड़ी सड़क पर बाइक फिसलने जैसा अहसास हुआ। ब्रेक लिया और टीपी नगर की सड़क पर उड़ती डस्ट को चीरते हुए बागपत रोड मोड़ पर पहुंचे। मोड़ तो है, लेकिन यहां सड़क नहीं दिखी।
पांच फीट चौड़ा गड्ढा बना मुसीबत
छतरी पीर तिराहे से खैर नगर चौराहे तक तो बढ़िया सड़क है। लेकिन, बुढ़ाना गेट की ओर बढ़ते ही पांच फिट चौड़ा गड्ढा साल भर से लोगों की कमर तोड़ रहा है। स्थानीय लोग ही नहीं, रोजाना यहां से गुजरने वाले इससे बचकर निकलते हैं। यह गड्ढा भरने में न तो नगर निगम ने और न ही पीडब्ल्यूडी ने रुचि दिखाई।
कैंट की सड़कें भी दे रहीं जख्म
शहीद स्मारक वाली सड़क से होते हुए आयकर भवन के पीछे वाली सड़क पहुंचे। बड़े-बड़े गड्ढे कैंट बोर्ड की करनी और कथनी को उजागर कर रहे थे। राहगीरों को एकाएक ब्रेक लेना पड़ रहा था। जिससे कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। सदर की ओर बढ़ने पर सड़क कई जगह धंसी और उखड़ी मिली।
फ्लाई ओवर पर चलना संभलकर..
मेवला फ्लाई ओवर पर नवीन मंडी की ओर से चढ़ते ही बड़े-बड़े गड्ढे और उखड़ी सड़क से वास्ता हुआ। गिरने के डर से बाइक मोड़ने में ही सारी ताकत लगानी पड़ी। आगे फ्लाई ओवर पर 20 कदम ही चढ़े थे कि सामने दुर्घटना को दावत देते गड्ढे दिखे। यहां बाइक सवार स्पीड ब्रेक न ले तो उसका गिरना तय है। फ्लाई ओवर के उतार पर ऐसी जर्जर सड़क कि बाइक फिसले तो अस्पताल पहुंचना तय है। ऐसा ही हाल मलियाना फ्लाई ओवर का है। बड़े-बड़े गड्ढे और टूटी रेलिंग यहां दुर्घटना को दावत दे रहे हैं। जिसकी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फिक्र नहीं है।
मुख्य सचिव भी बेहद गंभीर
सड़कों में गहरे-गहरे गड्ढ़ों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को सूबे के मुख्य सचिव ने भी बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने जिले की टूटी-फूटी सड़कों को तत्काल अभियान चलाकर डीएम को सही कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने इस बारे में मेरठ समेत सभी जिलों के डीएम को निर्देश जारी किए हैं। मेरठ एवं अन्य जिलों में क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थिति की जानकारी विभिन्न माध्यमों से मुख्य सचिव तक भी पहुंची है। जिस पर तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले की सभी सड़कों की मरम्मत अभियान चलाकर की जाए। ताकि लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही जिले के विभिन्न विभागों की साप्ताहिक समीक्षा करते हुए कार्यो में प्रगति लाने के निर्देश भी दिए हैं।
बागपत रोड पर फुटबाल की तरह उछल रहे वाहन
टीपी नगर थाने से केएमसी हॉस्पिटल तक बागपत रोड चलने लायक नहीं है। केएमसी के समीप तो डेढ़ से दो फीट गहरे गड्ढे हैं। बड़ी-बड़ी रोड़ी बिखरी पड़ी है। यहां से गुजरने वाले वाहन फुटबाल की तरह उछल रहे थे। कार के पहिए गड्ढे में समा रहे थे। रिक्शा चालक पैदल ही रिक्शा खींचने को मजबूर थे। यही हाल फुटबाल चौराहे के पास दिखाई दिया।
रेलवे रोड के गड्ढे देख सिहर जाते हैं यात्री
गड्ढों से गुजरते हुए रेलवे रोड पहुंचे। उम्मीद थी कि रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क तो सुरक्षित होगी। लेकिन, यहां तो खतरनाक गड्ढे हैं। मिनी आइटीआइ के सामने स्कूली बच्चे रोज गिरते हैं। अन्य शहरों से आने वाले यात्री गड्ढों को देखकर ही सिहर जाते हैं। शहर के प्रमुख मार्ग की उपेक्षा करने में संबंधित विभाग ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।
बागपत रोड के गड्ढे भरने का काम शुरू
सारथी सोशल वेलफेयर सोसायटी मेरठ के पदाधिकारियों ने बागपत रोड के गड्ढे भरने का काम किया। बुधवार को टीम बागपत रोड पर सामग्री के साथ पहुंची और गड्ढे भरे। सोसायटी की अध्यक्ष कल्पना पांडेय ने कहा कि व्यापारियों से अपील की है कि वे भी इस काम में आगे आएं। उन्होंने कहा कि सरकार को गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा पूरा करना चाहिए। रोहित पंवार, रूबीना माइकल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
अंकल, यह सड़क कब बनेगी
स्कूल से लौट रहे मोहित और कृष का सवाल अंकल, यह सड़क कब बनेगी। सिस्टम की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्न है। रेलवे रोड के गड्ढों से रोजाना दो-चार होते ये स्कूली बच्चे दुर्घटना को लेकर डरे हुए हैं। वह कहते हैं कि साइकिल इन गड्ढों में नहीं बढ़ती है। बताते हैं कि उनके कई साथी गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं।
इनका कहना है
बजट का अभाव है। जो सड़क खराब हैं। उनको ठीक कराया जाएगा। जर्जर सड़कों पर गड्ढे भरे जाएंगें। यह काम बरसात बाद होगा।
- प्रसाद चव्हाण, सीईओ कैंट बोर्ड
सड़क पर गड्ढे भरने का काम शुरू हो रहा है। अभियंताओं को निर्देश दिया गया है कि जन्माष्टमी की झांकियां जिन मार्गो पर सजती हैं। उन मार्गो के गड्ढे प्राथमिकता में भरे जाएंगे। बरसात के चलते सड़कें उखड़ गई हैं। लोगों को जल्द निगम की सड़कें गड्ढा मुक्त मिलेंगी।
- यशवंत कुमार, चीफ इंजीनियर, नगर निगम
बारिश के कारण जो सड़कें टूट गई हैं उनकी जल्द ही मरम्मत की जाएगी।
- संजीव भारद्वाज, अधीक्षण अभियंता, लोनिवि
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें