बच्चियों का यौन शोषण : अपनी दरिंदगी का वीडियो बाद में सीसीटीवी में देखता था विमल
बेहद शर्मनाक वारदात में गिरफ्तार एलआइसी का रिटायर अफसर पहले बच्चियों के साथ कोठी के अंदर यौन शोषण करता था। इसके बाद सीसीटीवी की वीडियो देखता था।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 11:31 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 11:31 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। विमल चंद की दरिंदगी सुनकर हर कोई सिहर गया। पहले बच्चियों के साथ कोठी के अंदर यौन शोषण करता था। इसके बाद सीसीटीवी की वीडियो देखता था। इसीलिए उसने उसने कोठी में कैमरे लगाए थे। मेडिकल एरिया की रहने वाली एक महिला आरोपित को बच्चियां मुहैया कराती थी। पुलिस उक्त महिला की तलाश कर रही है। महिला के घर से ही पुलिस को सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर मिला है।
काम के बहाने घर में बच्चियों को बुलाता था
रिजर्व पुलिस लाइन में गुरुवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि रिटायर्ड एलआइसी अफसर की पत्नी की मौत हो चुकी है। घर में वह अकेला रहता था। इस दौरान मानसिक विकार के चलते तमाम खुराफात उसे सूझती थी। काम के बहाने घर में बच्चियों को बुलाता था। इसके बाद उनके साथ यौन शोषण करता था। अभी तक पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपित तीन बच्ची और तीन युवतियों से संबंध बना चुका है। पुलिस मान रही है कि लड़कियों की संख्या ज्यादा है,जिन्हें अभी आरोपित छिपा रहा है।
आरोपित के खिलाफ मुकदमा
कप्तान ने कहा कि जिसकी बेटी उक्त आरोपित के घर में काम करने गई है,यदि उसके साथ भी यौन शोषण किया है,तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार है। युवतियां भी इस मामले में आरोपित पर मुकदमा दर्ज करा सकती हैं। हालांकि अभी तक एक बच्ची की मां और चाइल्ड लाइन की अध्यक्ष अनीता राणा की तरफ से आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपित विमल चंद की ओर से ब्लैकमेल करने का मुकदमा आशू निवासी कसेरू बक्सर के खिलाफ दर्ज किया गया है।
मददगार बनकर हैवानियत
मदद के नाम पर तमाम मददगार सामने आ जाते हैं। उनके दावे और वादे भी बड़े-बड़े होते हैं,लेकिन वक्त गुजरते ही उनकी असलियत सामने आ जाती है। हालांकि,तब तक काफी देर हो चुकी होती है। कोई ठगी का शिकार होता है तो कोई यौन शोषण का। जागृति विहार का मामला सामने आने के बाद बड़ा सवाल यह है कि कहीं विमल चंद जैसे मददगार समाज में और तो नहीं हैं। ऐसे में लोगों के लिए पुलिस की सलाह है कि वे अपने मददगार की तस्दीक कर लें। कहीं,वह भी विमल चंद तो नहीं।
आंख मूंदकर किसी पर भरोसा न करें
जागृति विहार में शर्मनाक मामला सामने आने के बाद सामाजिक सरोकार से जुड़े लोग भी सकते में हैं। एक व्यक्ति की करतूत ने समूचे समाज को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में पुलिस की सलाह है कि कोई भी किसी व्यक्ति या संस्था पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। उसके बारे में हर तरह से तस्दीक कर लें। साथ ही उसका पुराना इतिहास भी खंगाल लें।
हो सकता है मासूम का माइंड वॉश कर रखा हो
मासूमों को जाल में फंसाने के लिए मासूमों का ही सहारा लिया जा रहा हो, ऐसा भी संभव है। पुलिस की मानें तो आरोपित मासूमों को अपने जाल में फंसाकर उनका माइंड वॉश कर देते हैं। जिसके बाद वे मासूम आरोपितों के लिए काम करना शुरू कर देते हैं।
पहले से ही चर्चा में रेड लाइट एरिया
रेड लाइट एरिया के नाम से बदनाम कबाड़ी बाजार का मामला आजकल सुर्खियों में है। यहां पूर्व में हुई पुलिस की कार्रवाई पर प्रकाश डालें तो विमल चंद जैसे सैकड़ों मददगार बेनकाब हुए, जिन्होंने मदद के नाम पर मासूम बच्चियों,महिलाओं को देह व्यापार की दलदल में धकेल दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि नेपाल के अलावा बिहार,बंगाल,राजस्थान,उड़ीसा समेत कई राज्यों की लड़कियों को नौकरी या काम दिलाने के नाम पर लाया गया। एजेंसी के माध्यम से उन्हें दिल्ली,यूपी व हरियाणा के विभिन्न राज्यों में भेज दिया गया। मतलब उनके मददगारों ने ही उन्हें नारकीय जीवन जीने पर मजबूर कर दिया।
काम के बहाने घर में बच्चियों को बुलाता था
रिजर्व पुलिस लाइन में गुरुवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि रिटायर्ड एलआइसी अफसर की पत्नी की मौत हो चुकी है। घर में वह अकेला रहता था। इस दौरान मानसिक विकार के चलते तमाम खुराफात उसे सूझती थी। काम के बहाने घर में बच्चियों को बुलाता था। इसके बाद उनके साथ यौन शोषण करता था। अभी तक पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपित तीन बच्ची और तीन युवतियों से संबंध बना चुका है। पुलिस मान रही है कि लड़कियों की संख्या ज्यादा है,जिन्हें अभी आरोपित छिपा रहा है।
आरोपित के खिलाफ मुकदमा
कप्तान ने कहा कि जिसकी बेटी उक्त आरोपित के घर में काम करने गई है,यदि उसके साथ भी यौन शोषण किया है,तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार है। युवतियां भी इस मामले में आरोपित पर मुकदमा दर्ज करा सकती हैं। हालांकि अभी तक एक बच्ची की मां और चाइल्ड लाइन की अध्यक्ष अनीता राणा की तरफ से आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपित विमल चंद की ओर से ब्लैकमेल करने का मुकदमा आशू निवासी कसेरू बक्सर के खिलाफ दर्ज किया गया है।
मददगार बनकर हैवानियत
मदद के नाम पर तमाम मददगार सामने आ जाते हैं। उनके दावे और वादे भी बड़े-बड़े होते हैं,लेकिन वक्त गुजरते ही उनकी असलियत सामने आ जाती है। हालांकि,तब तक काफी देर हो चुकी होती है। कोई ठगी का शिकार होता है तो कोई यौन शोषण का। जागृति विहार का मामला सामने आने के बाद बड़ा सवाल यह है कि कहीं विमल चंद जैसे मददगार समाज में और तो नहीं हैं। ऐसे में लोगों के लिए पुलिस की सलाह है कि वे अपने मददगार की तस्दीक कर लें। कहीं,वह भी विमल चंद तो नहीं।
आंख मूंदकर किसी पर भरोसा न करें
जागृति विहार में शर्मनाक मामला सामने आने के बाद सामाजिक सरोकार से जुड़े लोग भी सकते में हैं। एक व्यक्ति की करतूत ने समूचे समाज को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में पुलिस की सलाह है कि कोई भी किसी व्यक्ति या संस्था पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। उसके बारे में हर तरह से तस्दीक कर लें। साथ ही उसका पुराना इतिहास भी खंगाल लें।
हो सकता है मासूम का माइंड वॉश कर रखा हो
मासूमों को जाल में फंसाने के लिए मासूमों का ही सहारा लिया जा रहा हो, ऐसा भी संभव है। पुलिस की मानें तो आरोपित मासूमों को अपने जाल में फंसाकर उनका माइंड वॉश कर देते हैं। जिसके बाद वे मासूम आरोपितों के लिए काम करना शुरू कर देते हैं।
पहले से ही चर्चा में रेड लाइट एरिया
रेड लाइट एरिया के नाम से बदनाम कबाड़ी बाजार का मामला आजकल सुर्खियों में है। यहां पूर्व में हुई पुलिस की कार्रवाई पर प्रकाश डालें तो विमल चंद जैसे सैकड़ों मददगार बेनकाब हुए, जिन्होंने मदद के नाम पर मासूम बच्चियों,महिलाओं को देह व्यापार की दलदल में धकेल दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि नेपाल के अलावा बिहार,बंगाल,राजस्थान,उड़ीसा समेत कई राज्यों की लड़कियों को नौकरी या काम दिलाने के नाम पर लाया गया। एजेंसी के माध्यम से उन्हें दिल्ली,यूपी व हरियाणा के विभिन्न राज्यों में भेज दिया गया। मतलब उनके मददगारों ने ही उन्हें नारकीय जीवन जीने पर मजबूर कर दिया।
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