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पर्यटन स्थलों के मान का सम्मान बढ़ाने का संकल्प

शहर ही नहीं हर जिले के पर्यटन स्थलों का अपना अलग महत्व है। कोई ऐतिहासिक तो कोई पौराणिक रूप से विख्यात है। उसकी महत्ता जानने को काफी संख्या में पर्यटक वहा जाते हैं। लेकिन, अधिकाश स्थल ऐसे हैं जो स्वच्छता के पैमाने पर खरा नहीं उतर रहे। गंदगी के अतिक्रमण की वजह से पर्यटक दूरी बनाने लगते हैं। अधिकाश स्थल ऐसे हैं, जहा उसके महत्व के बारे में कुछ लिखा ही नहीं मिलेगा। पर्यटकों को अगर उसके बारे में इंटरनेट पर कुछ नहीं मिला तो आसपास के लोगों तक दौड़ लगानी पड़ती है। इस प्रयास के बाद भी मुकम्मल जानकारी हासिल नहीं हो पाती है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 04:05 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 04:05 AM (IST)
पर्यटन स्थलों के मान का सम्मान बढ़ाने का संकल्प
पर्यटन स्थलों के मान का सम्मान बढ़ाने का संकल्प

मेरठ। शहर ही नहीं हर जिले के पर्यटन स्थलों का अपना अलग महत्व है। कोई ऐतिहासिक तो कोई पौराणिक रूप से विख्यात है। उसकी महत्ता जानने को काफी संख्या में पर्यटक वहा जाते हैं। लेकिन, अधिकाश स्थल ऐसे हैं जो स्वच्छता के पैमाने पर खरा नहीं उतर रहे। गंदगी के अतिक्रमण की वजह से पर्यटक दूरी बनाने लगते हैं। अधिकाश स्थल ऐसे हैं, जहा उसके महत्व के बारे में कुछ लिखा ही नहीं मिलेगा। पर्यटकों को अगर उसके बारे में इंटरनेट पर कुछ नहीं मिला तो आसपास के लोगों तक दौड़ लगानी पड़ती है। इस प्रयास के बाद भी मुकम्मल जानकारी हासिल नहीं हो पाती है।

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इन समस्याओं को देखते हुए दैनिक जागरण के माय सिटी माय प्राइड अभियान के अंतर्गत सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रेस्पासिबिलिटी) वर्ग व जनसहयोग वर्ग के अंतर्गत पर्यटन स्थलों की सूरत संवारने और उसकी महत्ता से रूबरू कराने का लक्ष्य भी रखा गया है। इस अभियान का मकसद भी यही है कि कुछ कार्य जो जन सहभागिता से हो सकें उसके लिए शासन-प्रशासन की योजनाओं का इंतजार नहीं करना है।

इस लक्ष्य के अंतर्गत प्रमुख पर्यटन स्थलों पर समय-समय पर सफाई अभियान चलाया जाएगा। इस कार्य की जिम्मेदारी संस्था 'पहल-एक प्रयास' और 'टीम क्लीन मेरठ' ने ली है। इस संस्था के वालेंटियर निश्चित समय पर ऐसे स्थलों पर जाएंगे। वहा झाड़ू लगाएंगे। कूड़ा वाहनों में भरेंगे और उसे डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाएंगे। झाड़ आदि हटाकर स्थल घूमने व बैठने योग्य बनाया जाएगा। मंदिर आदि की दीवारों पर तरह-तरह की रंगीन कलाकृतियां बनाई जाएंगी, ताकि पर्यटकों को वहां वक्त बिताने में अच्छा महसूस हो। कलाकृतिया पर्यटन स्थल से ही संबंधित होंगी। प्रशासन के सहयोग से यहा डस्टबिन रखवाए जाएंगे। पर्यटक उस स्थल के महत्व आदि से परिचित हों, इसलिए वहा पर उसके लिए हार्डिग लगवाए जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी होटल व्यवसायी अभिजीत दुबे ने ली है। वह इसकी रूपरेखा बनाने में जुटे हैं।

हर गोल चक्कर पर मिलेंगे महाभारत के पात्र

मेरठ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दैनिक जागरण की पहल पर हस्तिनापुर में नगर पंचायत ने वहा के हर गोल चक्कर पर महाभारत के श्रेष्ठ पात्रों की मूर्ति स्थापित करने का फैसला लिया है। हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक ने कहा कि माय सिटी माय प्राइड के तहत हम अपने पौराणिक-ऐतिहासिक महत्व वाले हस्तिनापुर को पर्यटकों के लिहाज से विकसित करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

हस्तिनापुर में 20 गोल चक्कर हैं। सभी पर किसी न किसी महापुरुष की मूर्ति लगेगी ताकि बाहर से आने वालों को पता चले कि वे धर्मराज की भूमि पर आए हैं। इसके साथ ही मुख्य द्वार और वहा सारथी की भूमिका में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित की जाएगी।

शहीदों-क्रांतिकारियों के दर्शन से होगा प्रवेश

अगर कोई शहर में प्रवेश करे और प्रवेश द्वार पर ही शहर के पहचान वाले शहीद व क्रांतिकारियों की प्रतिमा देखे तो प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगा। इसी को देखते हुए शहर के पाच प्रमुख प्रवेश द्वारों पर प्रतिमा लगवाने का भी लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य कराएगा रियल स्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन। एसोसिएशन के महासचिव कमल ठाकुर व एडको डेवलपर्स प्रा. लि. के एमडी वरुण अग्रवाल ने इसके लिए आश्वस्त किया है। एसोसिएशन इसके लिए रूपरेखा बनाने में जुटा है।


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