मार्च 2023 से रैपिड रेल दौड़ाने के लिए दूर करें बाधाएं : मंडलायुक्त
दिल्ली से मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल के निर्माण कार्य का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने बीते 8 मार्च को किया था।
मेरठ। दिल्ली से मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल के निर्माण कार्य का शिलान्यास प्रधानमंत्री ने बीते 8 मार्च को किया था। साथ ही प्रथम चरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया था। इस कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए बुधवार को प्रोजेक्ट की नोडल अफसर मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम ने एनसीआरटीसी अफसरों के साथ मेरठ और गाजियाबाद जनपदों के विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बैठक कर कड़े निर्देश दिए। दो टूक कहा कि हर साल में मार्च 2023 से (चार साल के भीतर) रैपिड रेल दौड़ानी है। लिहाजा, इसकी तैयारी में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी विभाग समन्वय बनाकर काम करें। 22 अप्रैल को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपॉवर कमेटी भी रैपिड की प्रगति की समीक्षा करेगी।
रैपिड रेल प्रोजेक्ट की नोडल अफसर मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम ने शिविर कार्यालय में हुई बैठक में कहा कि 20 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली यह देश की पहली उच्च गति वाली रीजनल रेल है। इसके संचालन में निर्धारित अवधि से एक दिन का भी विलंब नहीं होना चाहिए। विलंब से जहां प्रोजेक्ट की लागत बढ़ेगी वहीं जनता को सुविधा का लाभ समय से नहीं मिल जाएगा। उन्होंने शिलान्यास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अब तक किए गए कार्यो तथा उसमें आ रही बाधाओं की जानकारी ली। संबंधित अधिकारियों को बाधाओं का तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सभी विभाग एवं एजेंसिया समन्वय बनाकर काम करें। आरआरटीएस के निर्माण के लिए आवश्यक अनुमोदन अनुमति भी तत्काल दी जाए।
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गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित हो कार्य
मंडलायुक्त ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली-मेरठ के बीच आमजन को सुगम, सुरक्षित एवं प्रदूषणमुक्त यातायात उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। एनसीआरटीसी के अधिकारी जो भी कार्य करें वह गुणवत्तायुक्त व सुरक्षित हो। समय सीमा का भी पालन किया जाए।
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आमजन को न हो परेशानी
मंडलायुक्त ने एनसीआरटीसी के अफसरों को निर्देश दिए कि रैपिड रेल के निर्माण कार्य के दौरान आमजन की सुविधा और यातायात का भी ध्यान रखा जाए। वह बाधित न हो। इसके लिए सड़क किनारे खड़े पेड़ काटने, हाईटेंशन लाइनें हटाने तथा सड़क चौड़ीकरण के कार्य के दौरान यातायात के लिए पर्याप्त स्थान उपलब्ध कराया जाए। पथ प्रकाश भी बाधित न हो।
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नहीं मिल रही जमीन
एमडी एनसीआरटीसी विनय कुमार सिंह ने बैठक में बताया कि मेरठ और गाजियाबाद जनपदों की सीमा में रैपिड रेल के मुख्य स्टेशन, सब स्टेशन व डिपो आदि अन्य कार्यो के लिए जीडीए, एमडीए, नगर निगम, सिंचाई विभाग आदि की जमीन उपलब्ध होने में रुकावटें आ रहीं हैं। मंडलायुक्त ने संबंधित अफसरों को तत्काल इन समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। कहा कि 22 अप्रैल को होने वाली हाईपावर कमेटी की बैठक में इस प्रगति की जानकारी दी जाएगी।
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दिसंबर से शुरू होगा दुहाई से मेरठ तक का काम
एमडी एनसीआरटीसी ने बताया कि दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए कुल 82 किमी की लाइन का निर्माण होना है, जिसके लिए जिओ टैगिंग और रोड सेफ्टी कार्य जारी है। पहले चरण में 17 किमी के टेंडर फाइनल हुए हैं। सराय काले खा से साहिबाबाद तक भूमिगत लाइन तैयार की जा रही है। साहिबाबाद से गाजियाबाद तक काफी काम हो गया है। स्ट्रीट लाइट और हाईटेंशन लाइन के पोल हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। सड़क चौड़ीकरण की टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद यह कार्य शुरू करा दिया गया है, जबकि दुहाई से शताब्दीनगर (मेरठ) तक सड़क चौड़ीकरण के कार्य की टेंडर प्रक्रिया जारी है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक कार्य पूर्ण होगा। दुहाई से मेरठ के बीच कार्य दिसंबर 2019 से शुरू कर दिया जाएगा।
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जमीन पर कब्जा मिले, वर्धमानपुरम चौकी शिफ्ट होगी
बैठक में एनसीआरटीसी अफसरों ने दुहाई में डिपो के लिए भूमि व गाजियाबाद तिराहा पर हिडन मोटल की भूमि पर कब्जा दिलाने की मांग की। मुरादनगर में सब-स्टेशन हेतु सिंचाई विभाग की जमीन का मांग की। सिंचाई अधिकारियों ने जमीन का प्रस्ताव शीघ्र तैयार करने का आश्वासन दिया। दिल्ली-मेरठ रोड पर वर्धमानपुरम पुलिस चैकी रोड पर होने के कारण इसे शिफ्ट करने की मांग पर मंडलायुक्त ने निर्देश दिए।
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रिठानी में स्टेशन को जमीन देगा एमडीए
बैठक में एमडीए उपाध्यक्ष राजेश पांडेय ने रिठानी में रैपिड रेल स्टेशन हेतु भूमि देने का वादा किया। साथ ही शताब्दीनगर में 18 हेक्टेयर के करीब भूमि एनसीआरटीसी को किराए पर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
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22 अप्रैल को मुख्य सचिव की समीक्षा
रैपिड रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा के लिए हर स्तर पर समिति गठित की गई है। प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपॉवर कमेटी गठित है, जिसकी पहली समीक्षा बैठक 22 अप्रैल को होगी। केंद्र में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित है, जिन्हें हर तीसरे महीने रिपोर्ट भेजी जाएगी।
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बैठक में ये रहे शामिल
अपर आयुक्त उदयीराम, एडीएम प्रशासन रामचन्द, डीएम गाजियाबाद ऋतु माहेश्वरी, नगर आयुक्त गाजियाबाद दिनेश चंद, गाजियाबाद एडीएम वित्त सुनील कुमार सिंह, एआरटीओ दिनेश कुमार, एआरएम गाजियाबाद विपिन अग्रवाल, गाजियाबाद एसपी ट्रैफिक एसएम सिंह समेत नगर निगम मेरठ, जीडीए, आवास विकास, सिंचाई विभाग, वन निगम, पुलिस आदि विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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एक लाइन पर चलेंगी मेट्रो और रैपिड, स्टेशन होंगे अलग
एनसीआरटीसी अफसरों ने बैठक में स्पष्ट किया कि दिल्ली से मेरठ के बीच मेट्रो और रैपिड एक ही लाइन पर चलेंगी, लेकिन दोनों के स्टेशन अलग-अलग होंगे। मेट्रो रेल तीन डिब्बे की होगी लिहाजा उसके स्टेशन छोटे होंगे और ज्यादा होंगे, जबकि रैपिड रेल के स्टेशन बड़े होंगे और काफी कम होंगे।