धर्म होना चाहिए जीवन का मुख्य मार्ग : भाव भूषण
विश्व की सुख शांति एवं समृद्धि के लिए कैलाश पर्वत मंदिर पर चल रहे भक्तामर विधान एवं पाठ के 43वें दिन नित्य नियम पूजन व भगवान की शांतिधारा व अभिषेक किया गया। सोवार को 121 परिवारों की ओर से भक्तामर विधान का आयोजन किया गया।
मेरठ, जेएनएन। विश्व की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए कैलाश पर्वत मंदिर पर चल रहे भक्तामर विधान एवं पाठ के 43वें दिन नित्य नियम पूजन व भगवान की शांतिधारा व अभिषेक किया गया। सोवार को 121 परिवारों की ओर से भक्तामर विधान का आयोजन किया गया।
विधान के मध्य में आचार्य भाव भूषण महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि जीवन में कुछ भी निश्चित नहीं है। इसलिए मनुष्य को जीवन में हर पल अच्छा सोचना चाहिए और अच्छे कार्य करने चाहिए। धर्म के मार्ग पर चलने वाला कभी परेशान नहीं होता है। धर्म जीवन का मुख्य मार्ग होना चाहिए। मनमाने तरीके से जीवन जीना इंसान का धर्म नहीं। मनमाने तरीके से तो पशु अपना जीवन व्यतीत करता है। मनुष्य तो वही है जो धर्म पर चले। तीन सकार, साहित्य, सृजन, साधना और संघीय सेवा में सभी आगे बढ़े। उन्होंने ने कहा कि कार्य में सक्षमता रहे और साधना में निरंतरता रहे, चित्त में समाधि रहे, यही सच्ची साधना है। सोमवार को सौधर्म इंद्र बनकर स्वर्ण कलश से अभिषेक नरेंद्र जैन व भगवान की शांतिधारा विशाल भारत शाह ने की। आरती का दीपक रीया शाह ने प्रज्वलित किया। सांयकाल में भगवान की आरती की गई। पंच परमेष्ठी आरती व आदिनाथ भगवान की आरती की गई। रात्रि में गुरुकुल के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए गए। विधान में महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र जैन, विधान संयोजक मोतीलाल जैन, महाप्रबंधक मुकेश जैन, मनोज जैन, राजीव विपिन, प्रेम, सुभाष आदि का सहयोग रहा।
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