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मैदान में वाइपर-बाल्टी और झाड़ू लेकर उतरे रिक्रूट, सुखाया मैदान

बुधवार को पुलिस लाइन में 163 रिक्रूटों को उतार दिया गया। उन्होंने वाइपर से पानी एकत्र कर बाल्टियों में भरा और इस प्रक्रिया के बाद मैदान से पानी निकाला जा सका।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 10:00 AM (IST)
मैदान में वाइपर-बाल्टी और झाड़ू लेकर उतरे रिक्रूट, सुखाया मैदान
मैदान में वाइपर-बाल्टी और झाड़ू लेकर उतरे रिक्रूट, सुखाया मैदान

मेरठ । पुलिस लाइन में गुरुवार (आज) उप्र पुलिस कांस्टेबल की पासिंग आउट परेड होगी। बारिश के कारण पुलिस लाइन स्थित परेड ग्राउंड में जलभराव हो गया था। बुधवार को रिक्रूटों ने वाइपर-बाल्टी और झाड़ू लेकर कई घंटे की मशक्कत के बाद मैदान सुखाया।

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कई दिन से मैदान की साफ-सफाई चल रही थी। बारिश ने सफाई पर पानी फेर दिया और मैदान एक पोखर में तब्दील हो गया। बारिश थमी तो मैदान का थोड़ा पानी उतर गया, लेकिन 24 जनवरी तक मैदान सूख पाना मुश्किल था। इसलिए बुधवार को पुलिस लाइन में 163 रिक्रूटों को उतार दिया गया। उन्होंने वाइपर से पानी एकत्र कर बाल्टियों में भरा और इस प्रक्रिया के बाद मैदान से पानी निकाला जा सका। कुछ रिक्रूटों ने मैदान का पानी सुतली के फर्श से सुखाया। पसीना-पसीना हुए रिक्रूटों ने मिट्टी डालकर मैदान को परेड के लिए तैयार कर दिया। पुलिस लाइन के प्रभारी एसपी संजीव कुमार बाजपेयी ने बताया कि ग्राउंड का पानी सूखाना जरूरी था। इसलिए समय रहते मैदान तैयार कर लिया गया। गणतंत्र दिवस की परेड भी इसी ग्राउंड पर होगी। उधर, 44वीं वाहिनी पीएसी व पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में भी कांस्टेबलों की पासिंग आउट परेड प्रात: नौ बजे होगी। युवा अपनाएगा, तभी आधुनिक होगी खादी : सक्सेना

मेरठ । भारत सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने बुधवार को मंडलीय कार्यालय के अधीन काम करने वाले 25 जनपदों की खादी संस्थाओं के कार्यो की समीक्षा की। सरकार की अपेक्षाओं के मुताबिक कार्य न होने पर उन्होंने मंडलीय निदेशक व अन्य अफसरों को जमकर फटकार लगाई। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से चार साल में खादी ने खासा विकास किया है। हमारा प्रयास है कि नई सोच वाले युवा वर्ग को खादी से जोड़ा जाए, तभी खादी आधुनिक बनेगी।

सर्किट हाउस में उन्होंने बताया कि सरकार खादी से जन-जन को जोड़ने में जुटी है। खादी देश की आजादी के इतिहास से जुड़ी है। यह हेरिटेज फैब्रिक है। देश के युवा को इसकी अहमियत समझनी है और अपनाना है। युवा को आकर्षित करने के लिये खादी भंडारों को आधुनिक बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मन की बात में खादी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिसका प्रभाव पड़ा है। शिथिल हो चुकी खादी संस्थाएं पिछले चार साल से सक्रिय हैं। उम्मीद से ज्यादा काम कर रही हैं। 521 नई संस्थाएं पूरे देश में खुली हैं। आज देश में खादी के 8 हजार 60 स्टोर हैं। जिनमें से 1100 को आधुनिक बनाया जा रहा है। अन्य भी जल्द होंगे। खादी का टर्नओवर 2014 में मात्र 811 करोड़ था जो वर्ष 2017-18 में 59 हजार करोड़ पहुंच गया है। खादी में अप्रत्याशित ग्रोथ हुई है। जिसकी तुलना देश की किसी भी बड़ी कंपनी से नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि खादी को मनरेगा से जोड़कर प्रशिक्षण देने और कुशल श्रमिक तैयार करने का प्रस्ताव भी सरकार को दिया है। खादी को पर्यटन से जोड़ने की भी सिफारिश की।

अफसरों को लगाई फटकार

आयोग चेयरमैन के साथ मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रीता वर्मा और वित्तीय सलाहकार उषा सुरेश ने 25 जनपदों की खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान प्रतिनिधियों ने समस्याएं रखीं। सरकार की अपेक्षाएं पूरी न करने और प्रतिनिधियों की समस्याओं का समाधान न करने पर उन्होंने स्थानीय अफसरों को फटकार लगाई।


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