ये है बोलती श्रीमद्भगवद्गीता, चलाते जाइए पेन जहां से चाहें वहां से पढ़ें Meerut News
भगवत गीता जैसे ग्रंथ को पढ़ना अब हर किसी के लिए आसान हो गया है। बाजार में अब इस तरह के ग्रंथ उपलब्ध हैं जिसको कोई भी आसानी से पढ़ सकेगा। बोलती पुस्तकों को पढ़ने के लिए एक खास तरह की पेन का इस्तेमाल किया जाता है।
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। श्रीमद्भगवद्गीता हो या फिर कोई अन्य ग्रंथ, बहुत से लोग ऐसे हैं जो पढ़ना चाहते हैं पर पढ़ नहीं पाते। किसी को पढ़ना नहीं आता तो किसी को कमजोर आंखों की वजह से परेशानी होती है। पर अब इन दिक्कतों का समाधान हो गया है। भगवत गीता जैसे ग्रंथ को पढ़ना अब हर किसी के लिए आसान हो गया है। बाजार में अब इस तरह के ग्रंथ उपलब्ध हैं जिसको कोई भी आसानी से पढ़ सकेगा।
घुमाते जाइए पेन आती जाएगी आवाज
बोलती पुस्तकों को पढ़ने के लिए एक खास तरह की पेन का इस्तेमाल किया जाता है। जब पेन को किसी शब्द या वाक्य पर रखा जाता है तो वहीं से यह पेन पढ़ना शुरू कर देती है और उस पेन से आवाज आनी शुरू हो जाती है। जिस जगह पर आप पेन को रखेंगे, वहीं से उस ग्रंथ का वाचन शुरू हो जाएगा। जब तक आप पेन चलाते जाएंगे तब तक वह पढ़ती जाएगी। आगर उस पैराग्राफ को छोड़कर चौथे पांचवें पैराग्राफ पर या किसी दूसरे तीसरे अध्याय पर अचानक आना चाहते हैं तब भी कोई समस्या नहीं आती है। जहां भी पेन को रख देंगे, वहीं से पेन पढ़ना शुरू कर देती है।
डिजिटल ग्रंथ के साथ मिली पेन उसी को पढ़ेगी
ऐसे ग्रंथ की खास बात यह है कि जिसके साथ जो पेन मिलती है वह पेन उसी ग्रंथ को ही पढ़ सकती है किसी अन्य ग्रंथ को पढ़ने के लिए उस ग्रंथ के साथ मिली हुई पेन को उसके ऊपर घुमाना पड़ेगा।
छपाई की तकनीक से पेन का सेंसर करता है काम
इस पुस्तक की छपाई खास तरह से होती है। उस छपाई की वजह से ही पेन उसे पढ़ पाती है।