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मेरठ का यह जाबांज तोड़ सकता है 'मिल्‍खा सिंह का रिकार्ड', रफ्तार देख रह जाएंगे दंग

मिल्खा सिंह के 400 मीटर रेस के रिकार्ड को मेरठ का जांबाज तोड़ने की ओर अपने कदम बढ़ा रहा है। मिल्‍खा सिंह ने 400 मीटर रेस को 45.73 सेकेंड में पूरा किया था। जिसे तोड़ने के लिए मेरठ के रविंद्र चौधरी अग्रसर हैं।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 09:58 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 01:41 PM (IST)
मेरठ का यह जाबांज तोड़ सकता है 'मिल्‍खा सिंह का रिकार्ड', रफ्तार देख रह जाएंगे दंग
मेरठ के धावक रविंद्र कुमार चौधरी ।

मेरठ, [अमित तिवारी]। जब लक्ष्य कुछ असाधारण करने का हो तो निगाहें भी ऐसी ही जगह होनी चाहिए जहां पहुंचना बेहद मुश्किल हो। मेरठ के धावक रविंद्र कुमार ने भी अपने खेल करियर में कुछ ऐसा ही लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। जिसे पाने के लिए वह हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं। एथलेटिक्स में 400 मीटर की दौड़ लगाने वाले रविंद्र कुमार का लक्ष्य मिल्खा सिंह के 400 मीटर का रिकार्ड तोड़ना है। मिल्खा सिंह का 400 मीटर में रिकार्ड 45.73 सेकेंड का है। वहीं रविंद्र कुमार ने मंगलवार को कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम मेरठ में हुई उत्तर प्रदेश वार्षिक एथलेटिक चैंपियनशिप में 200 मीटर की दौड़ 22.96 सेकेंड में पूरा कर लिया। 400 मीटर की दौड़ रविंद्र 50-52 सेकेंड के आस-पास पूरी कर रहे हैं और वह अपनी रफ्तार बढ़ाकर अपना लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। मिल्खा सिंह रविंद्र के आइकन हैं और उन्हीं की तरह दौड़ना भी चाहते हैं।

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गांव ने निकला टैलेंट

सरधना क्षेत्र में छुर गांव के राहने वाले रविंद्र के पिता ऋषिपाल किसान हैं। वह भी बड़े भाई अभिषेक चौधरी और पिता के साथ खेती में हाथ बंटाया करते थे। साथ ही दोनों भाई दौड़ का अभ्यास भी करते थे। वर्तमान में जिला एथलेटिक संघ के कोच गौरव त्यागी ने कुछ साल पहले गांव-गांव में टैलेंट सर्च अभियान चलाया था। साल 2013 में गौरव की मुलाकात रविंद्र से हुई। उनका टैलेंट देखने को बाद गौरव त्यागी ने रविंद्र को दौड़ में आगे बढ़ने को प्रेरित किया और 400 मीटर दौड़ की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी।

सेना में भर्ती होकर भरा फर्राटा

रविंद्र ने करीब एक साल दौड़ का अभ्यास किया और साल 2014 में सेना भर्ती रैली में हिस्सा लेकर सफल भी हुए। खेल के साथ सेना में शामिल होने के बाद रविंद्र को धावक के तौर पर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया गया। उसी साल 2014 में रविंद्र ने राष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद सेना की खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी रविंद्र ने दौड़ में स्वर्ण पदक जीता और यह सिलसिला आगे बढ़ता रहा। साल 2017 में राष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। साल 2018 में प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण जीतकर राष्ट्रीय एथलेटिक चैंपियनशिप में हिस्सा लिया।

देश और सेना के नाम जाना है ओलंपिक्स

रविंद्र के अनुसार उनका पूरा ध्यान अब साल 2021 टोक्यो ओलंपिक गेम्स का टिकट हासिल करना है। इस बाबत वह लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं जिससे ओलंपिक क्वालीफाइंग में सफल हो सकें। इस साल 2020 की राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं भी होंगी और खिलाड़ियों को 2021 की प्रतियोगिता भी खेलने को मिल सकती है। ऐसे में अधिक प्रतियोगिता में खेलकर आगे बढ़ते हुए प्रदर्शन को भी निखारने में मदद मिलेगी और निखार भी आएगा। रविंद्र के अनुसार ओलंपिक कोटा प्राप्त कर ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेकर और पदक जीतकर वह देश और सेना का नाम रोशन करना चाहते हैं।


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