Move to Jagran APP

रावण तो राख हो गया...हर तरफ बाकी रह गई गंदगी की बुराई

बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को जलाकर दशहरा का त्योहार तो मना लिया गया लेकिन गंदगी की बुराई मेला स्थल पर फैला दी गई। सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम व कैंट बोर्ड की होती है।

By Edited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 11:01 AM (IST)
रावण तो राख हो गया...हर तरफ बाकी रह गई गंदगी की बुराई
रावण तो राख हो गया...हर तरफ बाकी रह गई गंदगी की बुराई
मेरठ (जेएनएन)। बुराई के प्रतीक रावण के पुतले को जलाकर दशहरा का त्योहार तो मना लिया गया लेकिन गंदगी की बुराई मेला स्थल पर फैला दी गई। सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम व कैंट बोर्ड की होती है लेकिन दूसरे दिन अवकाश घोषित हो जाने से दोनों जिम्मेदार निकाय कुंभकर्णी नींद में सो गए।

तस्वीरें बोलती हैं
दशहरा के दूसरे दिन शनिवार सुबह दैनिक जागरण के कैमरे ने उन स्थलों की तस्वीर कैद कीं, जहां बुराई के प्रतीक रावण का पुतला जलाया गया था और मेला लगा था। ये स्थल हैं भैंसाली मैदान, दिल्ली रोड, सूरजकुंड व तोपखाना। कैमरे में जो कैद हुआ उसका मतलब है कि लोगों ने बुराई के प्रतीक को धू-धूकर जलते हुए देखा लेकिन इसके बाद खुद गंदगी रूपी बुराई फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चाट, आइसक्रीम आदि के दोने, रेपर आदि सड़क पर ही फेंक दिए गए। पुतला जलाने के बाद बचा उसका अपशिष्ट भी मैदान में फैला रहा। मेला जैसे आयोजनों में गंदगी फैलना आम बात है, इसीलिए ऐसे स्थलों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम क्षेत्र में निगम व कैंट बोर्ड की होती है, मगर दोनों को इसकी फिक्र नहीं रही।
अधिकारियों ने किया सफाई का दावा
नगर निगम के अपर नगर आयुक्त अली हसन कर्नी ने बताया कि सुबह नियमित सफाई होती है। उसमें सड़क आदि के किनारे फैली गंदगी साफ हुई है। अगर मेला स्थल पर गंदगी रह गई है तो उसे साफ कराएंगे। वहीं कैंट बोर्ड के सफाई अधीक्षक वीके त्यागी ने बताया कि कैंट क्षेत्र के अंतर्गत भैंसाली मैदान व तोपखाना में उन्होंने दोपहर 12 बजे तक सफाई करा दी थी। स्वयं निरीक्षण किया था।

रावण दहन से 600 टन कूड़ा फैला
बुराई के प्रतीक रावण का पुतला जला और अपने पीछे शहर भर में 600 टन कूड़ा भी बिखेर गया। इस तरह से शहर में शनिवार को करीब 1500 टन कूड़ा अट गया। इस कूड़े को हटाने के लिए शनिवार को दिन भर अभियान चला। रविवार को भी कूड़ा हटाया जाएगा तब जाकर रोजाना की स्थिति में शहर वापस आ पाएगा। दशहरा के दिन प्रमुख स्थलों पर रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले का दहन तो था ही, इसी के साथ कालोनियों व गलियों में भी जगह-जगह रावण के पुतले का दहन किया गया। अनुमान है कि इसकी वजह से शहर में करीब 600 टन कूड़ा पैदा हुआ जबकि शहर में रोजाना वैसे भी 900 टन कूड़ा पैदा होता है। इस तरह से रविवार को करीब 1500 टन कूड़ा अट गया। इसे हटाने के लिए चुनौती बन गई। नगर निगम के मुख्य सफाई अधिकारी अरुण खरखोदिया ने बताया कि डेढ़ गुना से अधिक कूड़ा होने से दबाव बढ़ा है, बहरहाल रविवार तक इस कूड़े को डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचा दिया जाएगा।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.