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Ration Card Portability : जानिए, आखिर क्‍यों बड़ी संख्‍या लोग अपने राशन डीलर को रहे हैं बदल Meerut News

केंद्र सरकार की राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना के बाद हकीकत अब सामने आने लगी है। अपने राशन डीलरों से परेशान उपभोक्‍ता डीलर बदल रहे हैं। मेरठ में 3056 लोगों ने डीलर को बदला है।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 10:35 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 10:35 AM (IST)
Ration Card Portability : जानिए, आखिर क्‍यों बड़ी संख्‍या लोग अपने राशन डीलर को रहे हैं बदल Meerut News
Ration Card Portability : जानिए, आखिर क्‍यों बड़ी संख्‍या लोग अपने राशन डीलर को रहे हैं बदल Meerut News

मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना से यह बात खुलकर सामने आ गई है कि हकीकत में काफी उपभोक्ता राशन डीलरों के व्यवहार से परेशान हैं। पहले महीने के आंकड़े यह संकेत दे रहे हैं कि जैसे-जैसे लोगों तक इस सुविधा की जानकारी पहुंचेगी वैसे-वैसे संख्या बढ़ेगी। क्योंकि सबसे अधिक शोषण ग्रामीण उपभोक्ताओं का होता है और वहां अभी यह योजना शुरू नहीं हुई है। इस योजना ने राशन डीलरों की मनमानी को भी उजागर कर दिया है।

अगस्‍त से पहले चरण में शहरी क्षेत्र में लागू

जिस तरह मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क, बिल आदि से परेशान लोगों को मनपसंद कंपनी चुनने के लिए मोबाइल पोर्टेबिलिटी की सुविधा दी गई थी। उसी तर्ज पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी सुविधा भी उत्तर प्रदेश में शुरू हुई है। इसी माह पांच अगस्त से यह सुविधा शुरू हुई थी। पहला प्रयोग था, इसलिए प्रथम चरण में शहरी क्षेत्र में लागू किया गया। इसका लाभ पांच से 20 अगस्त तक लिया जाना था। अब इसकी समय सीमा बीत जाने के बाद आंकड़े एकत्र हुए तो उम्मीद के मुताबिक ही परिणाम आए। जिला पूर्ति कार्यालय से प्राप्त आंकड़े के अनुसार तीन हजार 56 राशन कार्ड धारकों ने दूसरे डीलरों के यहां से राशन लिए। राशन कार्ड की संख्या से तुलना करने पर तो यह संख्या बेहद कम दिखाई देगी। जोकि मौजूदा राशन कार्डो का यह महज 1.58 फीसद ही है।

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डीलरों का बर्ताव बना बड़ी वजह

फिर भी इतनी संख्या में लोगों के डीलर के बदल देने का आंकड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि अभी तो लोगों को ठीक से इस सुविधा की जानकारी भी नहीं है। राशन डीलर बदलने की सबसे बड़ी वजह सामने आई है डीलरों का गलत बर्ताव। पोर्टेबिलिटी का लाभ लेने वाले ज्यादातर उपभोक्ता डीलरों के र्दुव्‍यवहार से त्रस्त थे। कुछ लोगों को कई बार दौड़ाने के बाद राशन दिया जाता था।तो वहीं कुछ ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिन्हें कम राशन दिया जाता था।

इनका कहना है
कुल उपभोक्ताओं में से 3056 उपभोक्ता सिर्फ 1.58 फीसद ही हुए। यह कोई बड़ी संख्या नहीं है। हालांकि कार्ड धारकों ने इस सुविधा का फायदा उठाया है।
- विकास गौतम, जिला पूर्ति अधिकारी 


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