Move to Jagran APP

किसानों का हंगामा : राकेश टिकैत भी पहुंचे, आज डीएम संग होगी वार्ता

प्लॉट से कब्जा खाली कराने की एमडीए की कोशिश नाकाम होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानो को वार्ता के लिए आमंत्रित किया।

By Edited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 10:00 AM (IST)
किसानों का हंगामा : राकेश टिकैत भी पहुंचे, आज डीएम संग होगी वार्ता
किसानों का हंगामा : राकेश टिकैत भी पहुंचे, आज डीएम संग होगी वार्ता

मेरठ, जेएनएन। प्लॉट से कब्जा खाली कराने की एमडीए की कोशिश नाकाम होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानो को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। किसानों ने वार्ता से इन्कार कर दिया, जिसके बाद सभी अधिकारी शताब्दीनगर स्थित सेक्टर- चार (सी) में धरना स्थल पहुंचे। यहां नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजे की मांग को लेकर विजयपाल घोपला चार जून- 2014 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। एडीएम सिटी अजय तिवारी, एसपी सिटी व एमडीए के चीफ इंजीनियर दुर्गेश श्रीवास्तव आदि अधिकारियों के पहुंचने पर किसानों ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को भी बुला लिया। काफी देर तक चली वार्ता में कोई हल नहीं निकला। बाद में किसान डीएम से वार्ता को तैयार हुए। शनिवार सुबह 10 बजे किसानों के साथ डीएम कलक्ट्रेट में बैठक करेंगे। उधर, राकेश टिकैत ने कहा कि भाकियू किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगा। जरूरत पड़ी तो वह फिर आएंगे। --- आमरण अनशन पर बैठ गए घोपला वर्षो से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे विजय पाल घोपला ने शुक्रवार से आमरण अनशन भी शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि कुछ माह पूर्व एमडीए के अधिकारियों व विधायक सोमेंद्र तोमर के साथ वार्ता में जो आश्वासन मिला था, वह झूठा था। उनकी मांगें पूरी करने के बजाय एमडीए कार्रवाई करने पहुंच गया। किसानो के साथ धोखा हुआ है, उन्हें थोड़ा-थोड़ा करके मामूली मुआवजा देकर बरगलाया गया। वे ¨हसा नहीं चाहते, इसलिए आमरण अनशन शुरू कर रहे हैं। --- 2016 में अर्जन मुक्त की अपील हुई थी खारिज शताब्दीनगर योजना से संबंधित घोपला व जैनपुर के किसान भले ही नई अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं, इससे पहले वे अपनी जमीन को अर्जन मुक्त करने की मांग भी कर चुके हैं, जिसे शासन खारिज कर चुका है। एमडीए के अनुसार किसानों को तीन बार मुआवजा मिल चुका है। इसलिए नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत मुआवजे का औचित्य नहीं बनता। पांच दिसंबर 2016 को आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग उप्र शासन ने आदेश जारी करके स्पष्ट किया था कि यहां के 374 किसानों की ओर से भेजे गए अर्जन मुक्त करने के आवेदन को खारिज कर दिया गया है। आदेश में बताया गया है कि वर्ष 1987 में शताब्दीनगर योजना के लिए 1830.65 एकड़ जमीन अधिग्रहीत हुई थी। इसमें 2369 किसानों की जमीन शामिल थी। संबंधित गांवों रिठानी, नंगलाशेरखा उर्फ जैनपुर, कंचनपुर घोपला, अच्छरोंडा, काशी व कुंडा का कब्जा प्राप्त करके अपर जिलाधिकारी के माध्यम से राजस्व अभिलेखों में प्राधिकरण का नाम इंद्राज हो गया है। यानी अधिग्रहीत की गई समस्त भूमि प्राधिकरण व राज्य सरकार में निहित हो गई। अधिग्रहण के बाद वहां 500 करोड़ खर्च करके विकास कार्य कराए गए और 9417 संपत्तियां बेच दी गई। योजना से संबंधित किसानों को उस समय तक 244.45 करोड़ रुपये प्रतिकर का भुगतान भी किया जा चुका है। पत्र में यह भी बताया था कि 90 प्रतिशत किसानों को भुगतान किया जा चुका है, प्रतिकर से वही किसान शेष रह गए हैं, जिनका वारिसान विवादित है या फिर वाद लंबित है।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.