नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती राज्यश्री चौधरी ने कहा, हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई के नेहरू-गांधी और जिन्ना जिम्मेदार
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती ने शामली और मेरठ में व्यक्त किए उद्गार। कहा-हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा भारत चल रहा हस्ताक्षर अभियान। कहा कि हिंदू-मुस्लिम विवाद अबकी सरकारों की देन नहीं है। बल्कि हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई के जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू महात्मा गांधी और जिन्ना हैं।
मेरठ, जागरण टीम। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की परपोती एवं अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम विवाद अबकी सरकारों की देन नहीं है। बल्कि हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई के जिम्मेदार जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और जिन्ना हैं। क्योंकि इनके कारण देश का बंटवारा हुआ और तभी से खाई बनी। उन्होंने यह बातें शामली के थानाभवन में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय मित्रसेन गुप्ता के परिवार से मिलने के दौरान कहीं। मेरठ में उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। 26 जनवरी 2022 से इसके लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। यह अभियान 15 अगस्त तक चलेगा। इसमें 10 करोड् लोगों के हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। यह भी कहा कि, श्रीकृष्ण जन्म स्थान को मुक्त करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
रविवार रात थानाभवन पहुंचीं राज्यश्री चौधरी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के स्वजन व अन्य लोगों से जानकारी ली कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस यहां कब आए थे, लेकिन इस संबंध में किसी को कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कस्बे के झंडा चौक को भी देखा और यहां फैली गंदगी को देखकर दुख जताया और बोलीं कि जिस झंडा चौक से स्वतंत्रता का बिगुल फूंका गया, उस स्थल पर आज जूठी पत्तलें पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य अखंड भारत निर्माण का है, जिसे पूरा करने का प्रण लिया है। वह गुलाम कश्मीर स्थित आदि शंकराचार्य शारदा पीठ में भी जरूर जाएंगी। वह जम्मू-कश्मीर होकर आई हैं और श्रीनगर के लाल चौक पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी, राष्ट्रीय युवा प्रभारी विक्रम वैश्य, युवा अध्यक्ष सावन गुप्ता आदि मौजूद रहे।
मेरठ पहुंचीं राज्यश्री ने सोमवार को कहा कि हिंदू राष्ट्र के लिए 10 बिंदुओं को सामने रखा गया है। इसमें मंदिरों को सरकार से मुक्त कराने, समान नागरिक संहिता लागू कराने, आयकर खत्म कराने, आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रविधान करने सहित कई अन्य मांगे हैं। उन्होंने कहा कि मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म स्थान को मुक्त करने के लिए संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। राज्यश्री शहीद स्मारक के बाद शारदा रोड स्थित विश्व हिंदू महासभा के कार्यालय भी गईं।