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Save Water : निजी भवनों में लगानी होंगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट Meerut News

यह जल संरक्षण की दिशा में अहम कदम है शहर के भविष्य के लिए शहरवासियों पर थोड़ी सख्ती दिखा कर 600 निजी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित कराई जाएंगी।

By Ashu SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 12:28 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 12:28 PM (IST)
Save Water : निजी भवनों में लगानी होंगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट Meerut News
Save Water : निजी भवनों में लगानी होंगी रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट Meerut News
मेरठ, [प्रदीप द्विवेदी]। शहर के भविष्य के लिए शहरवासियों पर थोड़ी सख्ती दिखा कर 600 निजी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट स्थापित कराई जाएंगी। एमडीए ऐसे भवन मालिकों को दो दिन में पत्र भेजेगा। एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। निर्माण न कराने पर एमडीए उस एक लाख की एफडी को तुड़वाकर यूनिट बनवाएगा जो भवन मालिक मानचित्र स्वीकृति के समय एक शर्त के तहत जमा करते हैं।
बिल्डिंग बायलॉज में शर्त
बिल्डिंग बायलॉज के मुताबिक 300 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवन का मानचित्र तभी पास होता है, जब उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनी हो। हालांकि इसमें एक सहूलियत दी जाती है कि यदि यूनिट नहीं बनी है और मानचित्र स्वीकृत कराना है तो भवन स्वामी एक शपथ पत्र और एक लाख रुपये की एफडीआर (फिक्स्ड डिपोजिट रिसिप्ट) जमा करता है।
600 भवन किए गए शामिल
यह एफडीआर तब वापस की जाती है जब भवन में यूनिट बन जाती है और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट एमडीए में जमा हो जाती है। हाल ही में वीसी के निर्देश पर एक सूची तैयार की गई है। इसमें 600 भवन शामिल किए गए हैं, जिनकी एफडीआर पिछले कई साल से जमा हैं। इनमें आवासीय, शैक्षिक व औद्योगिक भवन हैं। यदि लागत एक लाख से अधिक आई तो एमडीए वसूल भी करेगा।
एफडी करके भी इसलिए बेपरवाह रहते हैं लोग
सैकड़ों भवन ऐसे हैं जिनकी एफडीआर पांच साल से अधिक समय से जमा है। उन्होंने यूनिट बनवाई न ही एफडीआर लेने आए। दरअसल, ऐसे लोग इसलिए बेपरवाह रहते हैं कि एफडी का ब्याज बढ़ता ही रहता है और समय से यूनिट न बनवाने पर एमडीए कोई जुर्माना भी नहीं लगाता है।
एक से डेढ़ लाख आती है लागत
जल निगम की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार 300 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाले भवन के लिए हार्वेस्टिंग यूनिट बनाने में एक से डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं। हालांकि कुछ इंजीनियर 25 से 50 हजार रुपये तक भी बना रहे हैं।

धरती की प्यास बुझाएगा
एमडीए की यह पहल अच्छी है। बारिश का यह पानी धरती में जाकर भविष्य में हजारों लोगों की प्यास बुझाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट एक्सपर्ट व सिंचाई विभाग के पूर्व इंजीनियर बीडी शर्मा ने बताया कि एनसीआर में 250 वर्ग मीटर की छत पर एक साल तक भरने वाला बारिश का पूरा पानी यदि धरती में पहुंचा दिया जाए तो यह एक साल तक पांच परिवारों के लिए भूजल हो जाता है।
इनका कहना है
जिनके 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के भवन के मानचित्र स्वीकृत हैं और यूनिट स्थापित नहीं है तो वे यूनिट बनवाएं। निरीक्षण रिपोर्ट लगवाकर एफडीआर वापस ले लें। ऐसा न होने पर एमडीए उसी एफडी से यूनिट की स्थापना कराएगा।
- राजेश कुमार पांडेय, वीसी एमडीए 

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