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मेरठ में डबल लॉक पेंड्रोल क्लिप बना रेलवे इंजीनियरों को छोड़ा पीछे

मेरठ (दीपक भारद्वाज)। मन में कुछ करने का जज्बा और जुनून हो तो आदमी अपने हुनर से सबको चौ

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 10:36 AM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 10:36 AM (IST)
मेरठ में डबल लॉक पेंड्रोल क्लिप बना रेलवे इंजीनियरों को छोड़ा पीछे
मेरठ में डबल लॉक पेंड्रोल क्लिप बना रेलवे इंजीनियरों को छोड़ा पीछे

मेरठ (दीपक भारद्वाज)। मन में कुछ करने का जज्बा और जुनून हो तो आदमी अपने हुनर से सबको चौंका सकता है। अपनी रचनात्मकता का उपयोग कुछ लोग अपने लिए करते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे समाजहित में लगाना पसंद करते हैं। कुछ यही कहानी है गढ़ रोड स्थित मेडिकल थानाक्षेत्र के भोपाल विहार निवासी नरेश कुमार की जिन्होंने अपनी प्रतिभा को नया विस्तार दिया और आए दिन हो रहे रेल हादसों पर अंकुश लगाने में अपना योगदान देने और रेल में यात्रियों का सफर सुरक्षित बनाने के लिए डबल लॉक पेंड्रोल क्लिप तैयार की है। अपने इस प्रोजेक्ट को उन्होंने पेटेंट करा लिया है। इस प्रोजेक्ट के बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लिखा है। देश के सबसे बड़े नेटवर्क और विश्व के चौथे सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे को सुरक्षित बनाने के लिए आठवीं पास नरेश कुमार ने 'इलास्टिक रेल क्लिप डबल लॉक' तैयार किया। उन्होंने इसके लिए चार तरह की डाई बनाकर इसे तैयार करने में मदद ली। इन डाई को बनाने के लिए उन्होंने अलग-अलग दुकानों पर जाकर तैयार कराया ताकि उनके इस प्रोजेक्ट को कोई कॉपी न कर सके।

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पटरियों और स्लीपर को मजबूती देती हैं पेंड्रोल क्लिप : रेल की पटरी और नीचे लगे स्लीपर को मजबूती देने के लिए पेंड्रोल क्लिप लगाई जाती हैं। जब पटरी के ऊपर से ट्रेन गुजरती है तो तेज घर्षण से वह ढीली हो जाती हैं। यही कारण है कि इनकी निगरानी के लिए गैंगमैन को लगाया जाता है, लेकिन नरेश के इस प्रोजेक्ट ने रेलवे को मजबूती देने का नया प्रयोग निकाला है। अगर उनका यह प्रोजेक्ट रेलवे मान ले तो पटरियों को मजबूती देने के लिए गैंगमैन की जरूरत न्यूनतम हो जाएगी।

हथौड़ी से मारने पर निकल जाती है पेंड्रोल क्लिप : हाल में रेलवे द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाली पेंड्रोल क्लिप हथौड़े की चोट में पटरी से बाहर आ जाती है, लेकिन डबल लॉक पेंड्रोल क्लिप में ऐसा नहीं है। वह पटरी और स्लीपर को आपस में जोड़ती हुई मजबूती देती है।

जिला विज्ञान क्लब से जुड़े हैं नरेश : नव अनुदेशकों को नई राह देने के लिए जिला विज्ञान क्लब ने भी नरेश को आगे बढ़ाया है। लखनऊ में स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को भी इस प्रोजेक्ट को भेजा गया है। वहीं जिला विज्ञान क्लब के अध्यक्ष मेरठ जिलाधिकारी भी उनके प्रोजेक्ट के लिए पत्र लिख चुके हैं।

अब तक यहां-यहां मिला सम्मान

विज्ञान प्रदर्शनी नौचंदी मेला - 6 मई 2017

ग्रेट बुद्धा नेशनल अवार्ड - 28 दिसंबर 2017

नव प्रवर्तन प्रदर्शनी - 17 अगस्त 2017


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