आरजी डिग्री कालेज में सुप्रसिद्ध नाटक रक्ताभिषेक का शानदार मंचन
मौर्य सम्राज्य के अंतिम राजा बृहद्रथ अ¨हसा के प्रति आधे अधूरे ज्ञान और नारी सौंदर्य के प्रति अंध मोह में फंसकर यवन सेनापति टाइटस व यवन सुंदरी अंटोनिया के षडयंत्र का शिकार हो जाते हैं, और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने लगते हैं। जिसके बाद मगध सेनापति पुष्यमित्र शुंग विवश होकर एक ऐसा कदम उठाता है जो भारतीय इतिहास की सर्वाधिक सनसनीखेज घटना बन जाती है।
मेरठ। मौर्य सम्राज्य के अंतिम राजा बृहद्रथ अ¨हसा के प्रति आधे अधूरे ज्ञान और नारी सौंदर्य के प्रति अंध मोह में फंसकर यवन सेनापति टाइटस व यवन सुंदरी अंटोनिया के षडयंत्र का शिकार हो जाते हैं, और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने लगते हैं। जिसके बाद मगध सेनापति पुष्यमित्र शुंग विवश होकर एक ऐसा कदम उठाता है जो भारतीय इतिहास की सर्वाधिक सनसनीखेज घटना बन जाती है।
यह दृश्य है सुप्रसिद्ध नाटककार दया प्रकाश सिन्हा द्वारा लिखित चर्चित नाटक रक्ताभिषेक का जिसका मंचन रविवार को आरजी डिग्री कालेज के सभागार में किया गया। जिसका आयोजन यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थियेटर एसोसिएशन 'इप्टा' और सीसीसीयू के उर्दू विभाग की ओर से किया गया। मौका था इप्टा मेरठ के नौवें स्थापना दिवस का। कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति एनके तनेजा ने दीप जलाकर की।
नाटक रक्ताभिषेक में आगे की घटना को दर्शाते हुए दिखाया गया कि यूनानी राजा मिनेण्डर अपने सबसे विश्वस्त सेनापति टाइटस को एक रणनीति के तहत पाटलिपुत्र भेजता है। जो वहां जाकर बौद्ध भिक्षु भते संघरक्षित के वेश में राजा बृहद्रथ का विश्वास प्राप्त करता है और राज्य में महत्वपूर्ण पद प्राप्त करता है। नाटक का अंत सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा बृहद्रथ की हत्या और राज्य पुन स्थापित करने से होता है।
कार्यक्रम में अंत में इप्टा की ओर से रंगमंच और साहित्य के लिए प्रतिबद्ध विभूतियों का सम्मान किया गया। इप्टा द्वारा नाट्य अभिनेत्री और निर्देशिका चित्रा सिंह को भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान और नामचीन शायर डा. नवाज देवबंदी को इस साल उप्टा कमलेश्वर सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा काजल सूरी को उप्टा नीलू कपूर सम्मान और निर्देशक दिनेश अहलावत, डा. सुप्रिया पाहुजा और नीरज शर्मा भी सम्मानित हुए। इस दौरान डा. केके शर्मा, डा. मैराजुद्दीन, प्रो. वाई विमला, महेश त्यागी, सुरेंद्र कौशिक और विनोद बैचेन भी उपस्थित रहे।