जमीन पर कब्जा लेने पहुंची नगर निगम की टीम को लौटना पड़ा वापस, जानिए क्यों Meerut News
शहर के नूर नगर रोड किनारे करीब 50 हजार वर्ग मीटर जमीन पर कब्जे को लेकर गुरुवार को फिर बात बिगड़ गई। कब्जे के लिए गई निगम की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
मेरठ, जेएनएन। नूर नगर रोड किनारे करीब 50 हजार वर्ग मीटर जमीन को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया। गुरुवार को जमीन अपने कब्जे में लेने पहुंची नगर निगम की टीम का वाल्मीकि समाज के लोगों ने जमकर विरोध किया। निर्माण कार्य को रोकने की कोशिश की। विरोध बढ़ता देख निगम अधिकारियों को पुलिस बुलानी पड़ी। वाल्मीकि समाज के लोगों ने जमीन पर दावा किया है। नूरनगर में दोपहर 11.30 बजे संपत्ति विभाग, निर्माण विभाग की टीम और सैन्य अधिकारियों का प्रवर्तन दल पहुंचा था। जमीन की बाउंड्रीवाल कराई जानी है।
वाल्मीकि समाज का विरोध
प्रवर्तन दल अधिकारी राजकुमार बालियान के नेतृत्व में जेसीबी से नींव खोदने का काम किया जा रहा था। तभी वाल्मीकि समाज के कुछ लोग पहुंचे और विरोध शुरू कर दिया। प्रवर्तन दल अधिकारी ने उनसे जमीन के वैद्य दस्तावेज मांगे, जो उनके पास नहीं थे। इस दौरान बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए लेखपाल और अवर अभियंता ने जमीन की नाप कर निशान लगाए।
लौट गई निगम की टीम
इसी बीच दोपहर दो बजे सफाई कर्मचारी नेता कैलास चंदोला, राजू धवन, दीपक मनोठिया, विनेश विद्यार्थी, विश्वनाथ ढ़ीगरा, पूर्व पार्षद राजेश वाल्मीकि, पप्पू गहलोत समेत अन्य पहुंचे और काम रोकने का दबाव निगम की टीम पर बनाया। जिसके बाद निगम की टीम लौट गई। सफाई कर्मचारी नेता कैलास चंदोला ने कहा कि यह जमीन वाल्मीकि समाज की है। यहां पर वाल्मीकि का मंदिर भी बना हुआ है। एक कुटिया है। आजादी के पहले से वाल्मीकि समाज इस जमीन का उपयोग श्मशान घाट के रूप कर रहा है।
बाउंड्रीवाल कराएगा नगर निगम
वाल्मीकि समाज यहां निगम को निर्माण नहीं करने देगा। वहीं संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार का कहना है कि खसरा संख्या 2104 वाली यह जमीन नगर निगम की है। इसका क्षेत्रफल 50 हजार वर्ग मीटर है। वाल्मीकि समाज का दावा गलत है। नगर निगम इस जमीन को अपने कब्जे में लेकर बाउंड्रीवाल कराएगा।