जनसंख्या अधिक होने के बावजूद भारत में कोरोना का प्रभाव कम: प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा
दुनिया के मुकाबले भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है बावजूद इसके भारत में कोरोना महामारी का प्रभाव और देशों की अपेक्षा बहुत कम है।
मेरठ, जेएनएन। दुनिया के मुकाबले भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है बावजूद इसके भारत में कोरोना महामारी का प्रभाव और देशों की अपेक्षा बहुत कम है। इसका मुख्य कारण भारतीय जीवन शैली है, इसके अलावा हमारी योग करने की प्रवृति के कारण हमारी शारीरिक क्षमता रोगों से लडने की अधिक है। पूरा विश्व भी आज आयुर्वेदिक उपचार की और बढ़ा है जो हमारी पुरातन संस्कृति को दर्शाता है। यह बात चौ. चरण सिंह के कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा ने नींव संस्था द्वारा चेंज फॉर गुड लाइफ ड्यूरिंग एंड आफ्टर लॉकडाउन विषय पर आयोजित वेबिनार के दौरान कही।
चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर वीरपाल सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान किए गए परिवर्तन मानव जाती के लिए उपयोगी है। साथ ही सभी किए गए परिवर्तनों को भारतीय ज्ञान, परम्परा और संस्कृति में निहित हैं। हम सभी को अगली उपयोगी प्रैक्टिसेज को अपनानें होंगे, टीवी न्यूज चैनल का अधिक प्रयोग भी मानसिक तनाव को जन्म देता है मानसिक तनाव से भय की स्थिति उत्पन्न होती है और वह हमारी इम्यूनिटी कम कर देता है। तनावपूर्ण खबरों से बचा जाना चाहिए।
नीव संस्था के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ उपदेश वर्मा ने संचालन किया। उन्होंने संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। वेबीनार का उद्देश्य कोविड परिदृश्य को देखते हुए मानव जीवन की गुणवत्ता और लॉकडाउन के दौरान स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग ,व्यायाम ,पौष्टिक भोजन ,अच्छा एवं आध्यात्मिक ,नैतिक साहित्य और लाइफस्टाइल को लेकर केंद्रित रहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की भारतीय संस्कृति योग, प्रकृति और आयुर्वेद प्रेमी रही है। अधिवक्ता हरिदत्त ने वर्मा घर पर रहते हुए घरेलू नुस्खों और रोजमर्रा की चीजों से कैसे कैसे सेहत का ख्याल रखा जा सकता। इसके विषय में बताया। डॉ. शिंजिता अग्रवाल ( दिगंबर जैन कॉलेज ) और दिगंबर जैन कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह, विशेष भृगुवंशी कप्तान भारतीय पुरुष बास्केटबॉल टीम, प्रोफेसर अनिल चैहान प्रोफेसर अर्चना चहल, डॉक्टर रंजन वाष्र्णेय (नीव संस्था के उपाध्यक्ष) डॉ राकेश तोमर सऊदी अरब, नीव संस्था की सचिव डॉ गीतांजलि कौशिक , कोषाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल मालिक , संयुक्त सचिव डॉ विजय कुमार तिवारी , सौरभ कुमार , दुर्गेश, डॉ विक्रांत जावला , डॉ कुलदीप ने भी अपने विचार रखे।