समस्याएं दुरुस्त..जन 'लाचार'
पल्लवपुरम फेज-दो की पहचान इन दिनों क्षतिग्रस्त सड़कें टूटे सीवर और चोक नालियों के रूप में हो रही है।
मेरठ, जेएनएन। पल्लवपुरम फेज-दो की पहचान इन दिनों क्षतिग्रस्त सड़कें, टूटे सीवर और चोक नालियों के रूप में हो रही है। इन जनसमस्याओं की वजह से क्षेत्रवासी परेशान हैं। सीवर के टूटे ढक्कन से टकराकर आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। स्थानीय पार्षद और नगर निगम में भी समस्याओं को दूर करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन हालात जस के तस हैं।
पल्लवपुरम फेज-दो स्थित पी-पाकेट, क्यू-पाकेट तक 12 वर्ष पूर्व बनी सड़कों से बजरी निकलकर वहीं बिखर गई है। हालांकि जब क्षेत्र की सड़कें बनी थी, तब पल्लवपुरम पहले एमडीए के पास था, मगर वर्तमान में नगर निगम के हैंडओवर है। दोपहिया अथवा पैदल चलने वाले राहगीर बिखरी बजरी पर फिसलने की वजह से आए दिन चोटिल हो रहे हैं। खाली पड़े प्लाट में आसपास के लोग अपने घरों का कूड़ा फेंक देते हैं। इससे यहां गंदगी के ढेर लग गए हैं। तेज हवा में कूड़ा उड़कर लोगों के घरों अथवा नालियों में घुस जाता है, इससे समस्या और बढ़ जाती है। पी-पाकेट निवासी मास्टर सतपाल वर्मा, डा. नरेंद्र टोंक, राहुल शर्मा, परवीन कुमार, बृजवीर सिंह, मुकेश शर्मा, ओमवीरी, घनश्याम, नीना टोंक और मनोज आदि का कहना है कि इन समस्याओं का कोई हल नहीं कर रहा है। इससे स्थानीय निवासियों का जीवन नारकीय हो गया है। गंदगी फैलने की वजह से यहां मच्छर भी पनप रहे हैं, इससे यहां बीमारी फैलने का खतरा भी मंडरा रहा है।
इनका कहना-
लोगों ने अपने घरों के आगे चबूतरे बनाकर नाली ढक दी हैं। जहां नाली खुली हैं, वहां सफाई कराई जाती है। वार्ड में लगातार नाली चोक, टूटे सीवर के ढक्कन बदलने का काम हो रहा है। लोगों की जो अन्य समस्याएं हैं, उनका भी निस्तारण किया जाएगा।
-विक्रांत ढाका, स्थानीय भाजपा पार्षद