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Coronavirus: कोरोना से लड़ाई में प्राइवेट अस्‍पताल भी आए साथ, ऐसे बनाया हराने का प्‍लान Meerut News

मेरठ में मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम की अपील पर निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम संचालकों ने कहा है कि वे कोरोना से लड़ाई में प्रशासन के साथ मिलकर बढ़ेंगे। इसके चलते अब वायरस पर काबू पाने के लिए दोहरी ताकत मिल सकेगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 09:30 AM (IST)
Coronavirus: कोरोना से लड़ाई में प्राइवेट अस्‍पताल भी आए साथ, ऐसे बनाया हराने का प्‍लान Meerut News
मेरठ में कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में अब निजी अस्‍पताल भी साथ आए।

मेरठ, जेएनएन। मेडिकल कालेज सभागार में मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम की अपील पर निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम संचालकों ने साफ कहा कि वे कोरोना से लड़ाई में प्रशासन के साथ मिलकर बढ़ेंगे। कोरोना के संदिग्ध मरीजों को वक्त पर भेजने, नान कोविड का इलाज ठीक से करने, अस्पताल परिसर में सफाई रखने, मास्क एवं शारीरिक दूरी समेत कोविड प्रोटोकाल का पूरा पालन करने का भरोसा दिया। शहर को पांच क्षेत्रों में बांटा गया है जिसमें एक-एक एसीएमओ और एसीएम साथ मिलकर काम करेंगे। मंडलायुक्त ने कहा कि यह मिलजुल कर साथ चलने से खत्म होगा। कोई निजी अस्पताल इस परिवार से बाहर नहीं है। निजी अस्पतालों की तीन दिनी कार्यशाला शनिवार को समाप्त हो गई। मृत्यु दर नियंत्रित करने के लिए सभी ने एक स्वर में भरोसा जगाया। उन्हें एंटीजन किट दी जाएगी।

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मृत्यु दर ने बढ़ाई धड़कन

वरिष्ठ नोडल अधिकारी पी. गुरुप्रसाद ने माना कि मेडिकल कालेज में चिकित्सीय सुधार के बावजूद मृत्यु दर बढ़ती जा रही है। यहां की मृत्यु दर प्रदेश के कई कोविड केंद्रों से ज्यादा है। डाक्टरों की उपलब्धता, दवाओं की जरूरत और अन्य चिकित्सीय उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिए कहा। उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा जरूरतमंदों को दी जाए। हाई फ्लो नेजल कैनुला का पूरा उपयोग करें, जिससे मरीज वेंटिलेटर पर पहुंचने से बचे। आगाह किया कि डाक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ संक्रमित होने से बचाव करें, जिससे व्यवस्था बाधित न हो।

ऐसा होगा बचाव

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कांटैक्ट ट्रेसिंग, सांस के मरीजों को जल्दी भर्ती कराने, छाती का एक्स-रे और सीटी स्कैन कराने के लिए कहा। इससे निमोनिया खतरनाक स्तर पर पहुंचने से बचेगा। जिलाधिकारी के. बालाजी ने कहा कि कोविड के इलाज के दौरान मरीज की अन्य बीमारियों की भी रिपोर्ट देखी जाए, जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी। इस दौरान सीडीओ ईशा दुहन, विशेष सचिव व नोडल अधिकारी अरुण प्रकाश, मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह, सीएमओ डा. राजकुमार, कोविड वार्ड इंचार्ज डा. सुधीर राठी समेत कई निजी डाक्टर भी शामिल रहे।

मेडिकल कालेज में एन-95 मास्क व पीपीई किट खत्म

नोडल अधिकारी ने मेडिकल कालेज के डाक्टरों से संसाधनों की उपलब्धता के बारे में पूछा तो एक साथ कई आवाजें उठीं। डाक्टरों ने बताया कि रोजाना करीब पांच सौ एन-95 मास्क की खपत है, जो पूरी तरह खत्म है। कोविड स्टाफ के अलावा ट्रामा, फ्लू ओपीडी और इमरजेंसी समेत सभी वार्डों में मास्क की खपत है। डाक्टरों ने बताया कि अगर मास्क की कमी हुई तो बड़ी संख्या में कर्मचारी संक्रमित हो जाएंगे, ऐसे में कोई इलाज करने वाला नहीं बचेगा। प्राचार्य ने बताया कि पीपीई किट भी तकरीबन खत्म है। प्रदेश सरकार की कारपोरेशन इसे उपलब्ध कराती है, लेकिन लंबे समय से आपूॢत नहीं हुई है। मेडिकल कालेज के पास बजट नहीं है। स्थानीय खरीद की भी अनुमति नहीं दी गई है।


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