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मेरठ में निजी चिकित्सक ने फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर खूब लिया सरकारी योजनाओं का लाभ, ऐसे खुली पोल

मेरठ में एक निजी डाक्‍टर द्वारा आय का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने का मामला सामने आया है और सरकारी योजनाओं का भी लाभ लिया गया। तहसील प्रशासन से मिलीभगत कर बनवाया कम आय का प्रमाण पत्र। जांच में खुली पोल सरकार की कई योजनाओं का लिया लाभ कार्रवाई शुरू।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 09:30 AM (IST)
मेरठ में निजी चिकित्सक ने फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर खूब लिया सरकारी योजनाओं का लाभ, ऐसे खुली पोल
मेरठ में निजी चिकित्‍सक द्वारा आय का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया गया है।

नवनीत शर्मा, मेरठ। विभिन्न स्तर पर बरती गई लापरवाही ने सरकारी योजनाओं का मजाक बनाकर रख दिया है। अब ऐसा ही एक मामला खुलकर सामने आया तो अधिकारी अपने बचाव के साथ आरोपित पर कार्रवाई में जुटे गए। शास्त्रीनगर निवासी एक निजी चिकित्सक ने पहले तहसील प्रशासन से मिलीभगत कर अपना कम आय का प्रमाण पत्र बनवाया। इसके बाद कई सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर बड़ी रकम डकार ली। अब सच सामने आया तो आरोपित का आय प्रमाण पत्र निरस्त करने के साथ रकम की रिकवरी की तैयारी भी शुरू की गई है।

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तीन लाख की आइटीआर

मूल रूप से बुलंदशहर के गांव आसिफाबाद चंदपुरा निवासी खलीफ अहमद काफी समय से मेरठ के शास्त्रीनगर में रहते हैँ और निजी चिकित्सक के रूप में क्लीनिक चलाते हैं। खलीफ ने वर्ष अप्रैल 2017 में मेरठ तहसील कर्मियों से मिलीभगत कर मात्र 48 हजार रुपये वार्षिक आय का प्रमाण पत्र जारी करा लिया। जबकि इसी साल आरोपित ने 3,01,500 रुपये की आइटीआर दाखिल की थी।

बेटी एडमिशन नर्सिंग कालेज में कराया

उधर, आय प्रमाण पत्र जारी होने केा बाद आरोपित ने बुलंदशहर में प्रयोग किया और किसान सम्मान निधि का लाभ लेना शुरू किया। इसके बाद इसी प्रमाण पत्र का लाभ देकर अपनी पुत्री का प्रवेश शहर स्थित एक नर्सिंग कालेज में कराया। साथ ही प्रमाण पत्र के सहारे ही आरोपित की पुत्री ने वर्ष 2018-19 में 8200 व वर्ष 2019-20 में 36,000 रुपये की छात्रवृत्रि भी प्राप्त कर ली। अब आरोपित द्वारा बनवाए गए फर्जी आय प्रमाण पत्र जारी होने की शिकायत हुई तो सच सामने आया। एसडीएम सदर संदीप भागिया द्वारा कराई गई जांच में आय प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। जिसके निरस्त करने के लिए एसडीएम ने डीएम के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

फर्जी शपथ पत्र लगाया

आरोपित निजी चिकित्सक ने फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाने के साथ बेटी को छात्रवृत्रि दिलाने के लिए तीन फर्जी शपथ पत्र भी लगाए थे। जांच में कई दस्तवेज फर्जी मिले हैं। अब गड़बड़ी सामने आने पर सरकारी योजनाओं के लाभ के रूप में दी गई धनराशि की रिकवरी करने के साथ एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इनका कहना है

तहसील प्रशासन की जांच में फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाना सामने आ चुका है। जिसके बाद आरोपित की पुत्री को प्रदान की गई छात्रवृत्रि की रकम की रिकवरी करने व साक्ष्य छिपाकर छात्रवृत्रि लेने पर एफआइआर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

- मौ. तारिक, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी 


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