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PM Road Show: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे रोड शो, तब तक दुरुस्त हो जाएगा एक्सप्रेस-वे

प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर रोड शो अक्टूबर अंत तक कर सकते हैं। ऐसे में एक्सप्रेस-वे को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए राजमार्ग मंत्रालय नियमित रूप से वीडियो फुटेज के साथ रिपोर्ट मंगवा रहा है। वैसे रोड शो की तैयारी पर कोई अधिकारी आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 09:23 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:23 PM (IST)
PM Road Show: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे रोड शो, तब तक दुरुस्त हो जाएगा एक्सप्रेस-वे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के रोड शो की तैयारी।

मेरठ, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर रोड शो अक्टूबर अंत तक कर सकते हैं। ऐसे में एक्सप्रेस-वे को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए राजमार्ग मंत्रालय नियमित रूप से वीडियो फुटेज के साथ रिपोर्ट मंगवा रहा है।

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वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के रोड शो की तैयारी पर कोई अधिकारी आधिकारिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है। लेकिन गोपनीय रूप से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। बारिश की वजह से जगह-जगह मिट्टी के किनारे कटे हैं और किनारे की तरफ डामर की परत भी क्षतिग्रस्त हुई है इसलिए

उसकी मरम्मत विधिवत तरीके से रोड शो से पहले कर ली जाएगी। रात्रिकालीन ड्यूटी के लिए श्रमिकों को रेन कोट भी दिए गए हैं। एक महीने के अंदर एक्सप्रेस-वे की सभी तरह की कमियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।यही नहीं रोड शो होने तक चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज का भी अधिकांश कार्य कर लिया जाएगा।

85 मशीनें व 409 स्टाफ लगाए गए

मेरठ से डासना तक एक्सप्रेस-वे की मरम्मत में पहले की तुलना में कई गुना स्टाफ बढ़ा दिया गया है। पोकलेन मशीनें समेत कुल 85 मशीनें तैनात की गई हैं।

रात्रिकालीन ड्यूटी के लिए श्रमिकों को रेन कोट भी दिए गए हैं। एक महीने के अंदर एक्सप्रेस-वे की सभी तरह की कमियों को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

जमीन तक खोदकर बनाया जा रहा पूरा टुकड़ा

मानसून की शुरुआती बारिश के बाद जब-जब किनारे क्षतिग्रस्त हुए तब-तब उसकी मरम्मत उस सतह को उखाड़कर की गई। लेकिन कुछ स्थान ऐसे चिह्नित हुए जो कई बार मरम्मत के बाद भी नहीं संभले। ऐसे में ऐसे सभी टुकड़ों की मरम्मत करने के बजाय उनका स्थाई हल खोजा गया है। ऊपरी सतह से लेकर जमीन तक उसकी खोदाई की जा रही है। फिर एक नए निर्माण की तरह से कार्य किया जा रहा है। ताकि भविष्य में कभी बारिश से परेशानी न हो। 


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