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एक साल तक नहीं बढ़ेंगे फ्लैट-भवनों के दाम

मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की योजनाओं में रिक्त फ्लैट भवन और विला की कीमतों में 31 मार्च 2020 तक कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। वर्तमान में जो रेट हैं उसी दर पर फ्लैट भवन और विला लोग खरीद सकेंगे। इसके साथ ही अनुरक्षण शुल्क पर ओटीएस स्कीम लागू रहेगी। शनिवार को हुई एमडीए की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिए गए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 24 Feb 2019 03:00 AM (IST)
एक साल तक नहीं बढ़ेंगे फ्लैट-भवनों के दाम
एक साल तक नहीं बढ़ेंगे फ्लैट-भवनों के दाम

मेरठ । मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) की योजनाओं में रिक्त फ्लैट, भवन और विला की कीमतों में 31 मार्च 2020 तक कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। वर्तमान में जो रेट हैं, उसी दर पर फ्लैट, भवन और विला लोग खरीद सकेंगे। इसके साथ ही अनुरक्षण शुल्क पर ओटीएस स्कीम लागू रहेगी। शनिवार को हुई एमडीए की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिए गए।

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बोर्ड बैठक कमिश्नर अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में हुई। इसमें एमडीए के अधिकारियों की ओर से 12 प्रस्ताव रखे गए। रियल एस्टेट में चल रही मंदी को देखते हुए एमडीए की योजनाओं में रिक्त फ्लैट्स, भवन और विला की 31 मार्च 2018 से लागू कीमतें 31 मार्च 2020 तक फ्रीज करने का प्रस्ताव रखा। इस पर कमिश्नर ने मुहर लगा दी। इसके अलावा अन्य योजनाओं में अनुरक्षण शुल्क एक मुश्त भुगतान किए जाने की ओटीएस स्कीम को 31 अगस्त तक लागू कर दिया गया है। इसमें बकाया राशि पूरी जमा करने पर 18 प्रतिशत ब्याज के बजाए छह प्रतिशत ही देना होगा। साथ ही ब्याज दर घटाकर 12 प्रतिशत करने के प्रस्ताव पर एमडीए शासन से मार्ग दर्शन लेगा।

मेट्रो, रैपिड से बढ़ी नए प्रोजेक्ट की संभावना

वित्तीय वर्ष 2019-20 में एमडीए पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना व्यय करेगा। प्रस्तावित व्यय 42,144 लाख रुपये रखा गया है। अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो और रैपिड के चलते नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकते हैं, जिसे देखते हुए व्यय सीमा बढ़ाई गई है। जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में एमडीए ने अनुमानित व्यय 26,990 लाख रुपये निर्धारित किया था। इसके सापेक्ष अभी तक 11,302 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, जबकि 31 मार्च तक 18,839 लाख रुपये खर्च होने की संभावना है। उधर, वित्तीय वर्ष 2019-20 में अनुमानित आय 43,854 लाख होने का अनुमान है, जबकि 2018-19 में निर्धारित अनुमानित आय 36,174 लाख रुपये के सापेक्ष अभी तक 14,771 लाख रुपये हुई है। 31 मार्च तक 28,674 लाख रुपये आय होने की संभावना है। आय-व्यय के प्रस्तावों को भी मंजूरी दे दी गई है। बैठक में जिलाधिकारी अनिल ढींगरा, नगर आयुक्त मनोज चौहान, एमडीए उपाध्यक्ष राजेश कुमार पांडेय, सचिव राजकुमार आदि मौजूद रहे।

जोनल पार्क का नाम अब क्राति पार्क

वेदव्यासपुरी योजना में स्थित जोनल पार्क का नाम बदलकर क्रांति पार्क किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। विधायक सोमेंद्र तोमर ने विधायक निधि से सौंदर्यीकरण की बात कही। उधर, शहीद धन सिंह कोतवाल की प्रतिमा स्थापित करने और 1857 की क्रांति से जुड़े क्रांतिकारियों की प्रतिमा स्थापित की जानी है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि डीएम और एसपी से अनुमति लेने के बाद शासन से मार्गदर्शन लिया जाएगा।

ये भी लिए गए निर्णय

-टावर लगाए जाने की दो नियमावली को अंगीकृत करने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है। अब टावर लगाने के प्रस्तावों पर एमडीए विचार करेगा।

-प्राधिकरण में लागू सातवें वेतनमान में सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन निर्धारण व भुगतान से वित्त विभाग से मार्ग दर्शन लिया जाएगा।

-मेरठ महायोजना 2021 के जोनिंग रेगुलेशन में संशोधन के लिए परिस्थितियों का अध्ययन करने के बाद शासन निर्णय लेगा।

-बराल परतापुर वाटर पार्क के शमन मानचित्र के प्रस्ताव पर एनसीआरटीसी से एनओसी लेने के बाद मंजूरी दी जाएगी।

अवैध निर्माण पर कमिश्नर की नजर

बैठक में क मिश्नर ने एमडीए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सील प्रकरणों में निर्माण होने की जानकारी पर सख्त कार्रवाई करें। मंडप, नर्सिग होम और स्कूल के लिए मानचित्र पास कराने के बाद ही स्वीकृति दी जाए। इसके अलावा जो भवन बिना मानचित्र के बन गए हैं उनका शमन शुल्क जमा कराकर शमन मानचित्र स्वीकृत किया जाए।

मोबाइल भत्ते में कटौती का विरोध

बोर्ड बैठक में विशेष अनुमति से लाए गए प्रस्ताव पर कर्मचारियों को सीयूजी नंबर मुहैया कराने और मोबाइल भत्ते को 525 रुपये से घटाकर 199 रुपये कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि मोबाइल कंपनियों के ऑफर से दरें सस्ती हो गई हैं, जिससे खर्चा कम हो गया है। इस निर्णय का मेरठ विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने विरोध किया है।

पार्षदों ने रखी मांगें

उधर एमडीए बोर्ड की बैठक में पार्षद हिमांशी शर्मा ने शताब्दी नगर आवासीय कालोनी को नगर निगम में हस्तांतरित करने और पार्षद अब्दुल गफ्फार ने शास्त्री नगर सेक्टर 12 व सेक्टर 13 की बदहाली का मुद्दा भी उठाया गया। आवास विकास को जल्द नगर निगम को हैंडओवर करने की मांग रखी है।


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