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मेरठ में बच्चों की शिक्षा के सारथी बने प्रेरणा साथी, ई-पाठशाला के जरिए चढ़ रहे सफलता की सीढ़ियां

प्रेरणा साथी के नाम से ई-पाठशाला की नई श्रंखला से हर बच्चे तक स्कूल पहुंचाने की कवायद सफलता के अच्छे रंग दिखाने लगी है। प्रेरणा साथी के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े बच्चों व युवाओं को जोड़ा जा रहा है। यह कवायद रंग भी ला रही है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 08:30 AM (IST)
मेरठ में बच्चों की शिक्षा के सारथी बने प्रेरणा साथी, ई-पाठशाला के जरिए चढ़ रहे सफलता की सीढ़ियां
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रेरणा साथी के जरिए बच्चों को पढ़ाई करा रहे हैं शिक्षक।

मेरठ, जेएनएन। कोविड महामारी से स्कूल बंद होने पर सबसे ज्यादा प्रभावित परिषदीय स्कूलों के बच्चे हुए हैं। संसाधनों के अभाव में बच्चे आनलाइन क्लास से भी नहीं जुड़ सके और न ही शिक्षक हर बच्चे के घर पहुंचने में समर्थ हैं। ऐसे में प्रेरणा साथी के नाम से ई-पाठशाला की नई श्रंखला से हर बच्चे तक स्कूल पहुंचाने की कवायद सफलता के अच्छे रंग दिखाने लगी है। प्रेरणा साथी के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बड़े बच्चों व युवाओं को जोड़ा जा रहा है जो अपने स्‍मार्ट फोन या अन्य संसाधन के जरिए शिक्षकों को बच्चों से जोड़ने की कड़ी बन रहे हैं। बच्चे सीधे शिक्षक से आनलाइन भी पढ़ रहे हैं और मिले होमवर्क को प्रेरणा साथी के मार्गदर्शन में पूरा भी कर रहे हैं।

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जुड़ रहे साथी, बढ़ रहा कारवां

प्रेरणा साथी अभियान के अंतर्गत जो भी युवक-युवती स्कूलों से जुड़ रहे हैं उन्हें बाकायदा प्रेरणा के तहत पंजीकृत किया जा रहा है। यह कार्य पिछले सप्ताह की शुरू हुआ लेकिन कुछ ब्लाक में तेजी से प्रेरणा साथी जुड़ने लगे हैं। परिषदीय स्कूलों से पढ़कर निकल चुके बच्चों के साथ ही माध्यमिक स्कूलों या उनसे बड़े युवा भी इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसके तहत आस-पास के कुछ बच्चों को एक ही जगह एकत्र कर उन्हें उचित दूरी व मास्क के साथ बिठाया जाता है। शिक्षक-शिक्षिकाएं वाट्सएप के जरिए भी पाठ्य सामग्री भेजते हैं। प्रेरणा साथी उन्हीं पाठ्य सामग्री से बच्चों को पढ़ाते हैं।

जुड़ रहे अभिभावक भी

बेसिक शिक्षा विभाग में जिला समन्वयक प्रशिक्षण रश्मि अहलावत के अनुसार प्रेरणा साथी अभियान के जरिए बच्चों तब स्कूल पहुंचाने की कवायद की जा रही है। इससे बच्चे अधिक जुड़ रहे हैं। साथ ही उनके अभिभावकों को भी इससे जोड़ने की कोशिश की जा रही है जिससे बच्चों का रुझान पढ़ाई पर पूरी तरह लौटाया जा सके। बेसिक शिक्षा अधिकारी सतेंद्र कुमार के अनुसार जितने अधिक प्रेरणा साथी जुड़ेंगे उतने ही बच्चों तक हम शिक्षण को पहुंचाने में सफल होंगे। इसलिए साथियों को जोड़ने का प्रयास ब्लाक स्तर से गांव-गांव तक हो रहा है। 


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