दिल्ली की धर्मसभा के लिए बड़े स्तर पर शुरू हुई तैयारी
दिल्ली की धर्मसभा के लिए बड़े स्तर पर शुरू हुई तैयारी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व ¨हदू परिषद आदि संगठनों ने बड़े स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली धर्मसभा की तैयारियों को लेकर महानगर को दस भागों में बांटकर बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया गया है।
मेरठ : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व ¨हदू परिषद आदि संगठनों ने बड़े स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली धर्मसभा की तैयारियों को लेकर महानगर को दस भागों में बांटकर बैठकों का दौर भी शुरू कर दिया गया है।
दिल्ली में आयोजित होने वाली धर्म सभा को लेकर बुधवार को आयोजित बैठक में विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री गोपाल शर्मा ने बताया की शहर को मुख्य रूप से दस भागों में बाटा गया है। इसमें जय भीम नगर, शास्त्री नगर, नवचंडी नगर, रक्षा नगर, विश्वकर्मा नगर, पटेल नगर, सैनिक नगर, शकर नगर, ऋषि नगर और शारदा नगर शामिल है। इन सभी नगरों की बैठक में तैयारियों पर मंथन किया गया। 9 दिसंबर को रामलीला मैदान दिल्ली में धर्मसभा के माध्यम से राम मंदिर निर्माण के लिए शंखनाद किया जाएगा। इससे पहले 25 नवंबर तक सभी नगरों की बैठक होगी और प्रत्येक नगर की योजना तैयार होगी। बैठक में दिल्ली के लिए जिले से जाने वाली छह सौ बसों में 30 हजार राम भक्तों को रामलीला मैदान में पहुंचाया जाएगा। मंत्री ने बताया कि देश में राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या, बेंगलुरु और नागपुर में 25 नवंबर को धर्म सभा होगी। जबकि दिल्ली में 9 दिसंबर को सभा होगी। इन धर्म सभाओं में संतों द्वारा जो भी निर्णय लिया जाएगा वही ¨हदू समाज के लिए मान्य होगा।
...... गंगा की रेती पर बसी तंबुओं की नगरी, हर-हर गंगे से गूंजा तट
मेरठ : मखदूमपुर में गंगा की तलहटी में तंबुओं की नगरी में तब्दील हो गया। बुधवार देर शाम तक भैंसा-बुग्गी व ट्रैक्टर-ट्रालियों से एक लाख से अधिक श्रद्धालु मेले में पहुंच चुके थे। वहीं, गंगा घाट हर-हर गंगे के उद्घोष से गुंजायमान हो रहा है।
काíतक पूíणमा के गंगा में स्नान के लिए मखदूमपुर गंगा घाट के किनारे तंबुओं की नगरी विस्तार ले रही है। चारों और अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है। कोई श्रद्धालु गंगा में स्नान कर रहा है तो कोई अपनी बुग्गी के भैंसे को नहला रहा है। कोई पूजा-अर्चना की तैयारी कर रहा है तो बच्चे गंगा की रेती में मस्ती कर रहे हैं। जिधर देखते है गंगा तट पर दूर दूर तक श्रद्धालुओं का रेला दिखाई पड़ता है। गुरुवार शाम श्रद्धालु अपने स्वर्गवासी परिजनों की मुक्ति के लिए ¨पडदान करके गंगा में डुबकी लगाएंगे। वहीं, मध्यरात्रि से काíतक पर्व के मध्यरात्रि से स्नान शुरू हो जाएगा और शुक्रवार पूरे दिन चलेगा। इसी के साथ मेला भी सम्पन्न हो हो जाएगा।