Mahatma Gandhi Jayanti 2020: यहां महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलकर दिव्यांग बच्चों की सुधारी जिंदगी, हुए आत्मनिर्भर
Rashtrapita Mahatma Gandhi Jayanti 2020 दबे-कुचले वर्ग के उत्थान की अलख जगाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों का अनुसरण करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दूरस्थ गांवों में दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की है।
चरनजीत सिंह, बिजनौर। प्रेमधाम धर्मार्थ संस्था ने समाजसेवा में वह मुकाम हासिल किया है, जिसकी लोगों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। दबे-कुचले वर्ग के उत्थान की अलख जगाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों का अनुसरण करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दूरस्थ गांवों में दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की है।
शांति मां आश्रम मंडावली की सामाजिक कार्यकर्ता सिस्टर शीला, सिस्टर प्रोसालिया एवं प्रेमधाम आश्रम के संचालक फादर शिबू थामस गुरुवार को गांव कल्याण में आर्थिक रूप से कमजोर, बीमारी और बेबसी के कारण टूट चुके कल्लन-गुड्डी के परिवार में पहुंचे। बीमार कल्लन की दो छोटी बेटियां पारुल (15) एवं भावना (13) वर्षों से क्लब-फुट रोग से पीडि़त हैं। उनके पांव खतरनाक ढंग से मुड़कर जख्मी हो चुके हैं। इनका इलाज कराना तो दूर, माता-पिता के पास उन्हें दो वक्त की रोटी और शिक्षा दिलाने तक का इंतजाम नहीं है।
1098 चाइल्ड लाइन बिजनौर के जिला समन्वयक हिमांशु पाराशर की उपस्थिति में परिवार को मेट बनाने के लिए फ्रेम और ऊन नि:शुल्क दी गई। ट्रेनर रजनी एवं प्रोसालिया ने पारुल व भावना को मेट बनाने का प्रशिक्षण दिया। बेटियों द्वारा बनाए मेट देखकर मां का चेहरा खिल उठा। ग्रामीण महिलाओं कौशल्या, अनीता, सोनम, गंगा देवी ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के सेवाभाव व बेटियों के प्रयास की सराहना की।
प्रेमधाम धर्मार्थ संस्था परिवार से मेट खरीदेगी। परिवार का आर्थिक जीवन स्तर ऊंचा होगा। इसी तरह दूरस्थ गांवों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में दिव्यांग बच्चों को तलाशकर उन्हें भी आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। -फादर शिबू थामस, संचालक प्रेमधाम आश्रम नजीबाबाद
शारीरिक श्रम दिव्यांग बेटियों के लिए औषधि का काम करेगा। बेटियों के पांवों के जख्मों का उपचार शुरू कर दिया गया है। जल्द ही आपरेशन कराने पर भी विचार किया जाएगा। - सिस्टर शीला, शांति मां आश्रम मंडावली