धनतेरस के लिए चमकने के लिए तैयार मेरठ का बर्तनों का बाजार
धनतेरस की खरीदारी के लिए शहर के बाजार पूरी तरह तैयार हैं। दुकानदारों ने साफ-सफाई करते हुए दुकानों में नया सामान लगा दिया है।
मेरठ, जेएनएन। धनतेरस की खरीदारी के लिए शहर के बाजार पूरी तरह तैयार हैं। दुकानदारों ने साफ-सफाई करते हुए दुकानों में नया सामान लगा दिया है। धनतेरस के दिन बर्तनों की खरीदारी जोरों पर रहती है। कढ़ाही से कुकर, थाली, चम्मच, कटोरी, गिलास, लोटा आदि छोटे-बड़े सभी प्रकार के नये बर्तन लोग खरीदकर घर लाते हैं। बाजार में पीतल व तांबे के बर्तनों की खरीदारी तेजी से बढ़ी है। दुकानदारों की मानें तो लोगों ने एल्युमिनियम के बर्तन खरीदने बंद कर दिए हैं।
पीतल में पूजा संबंधी बर्तन पहली पसंद : राजू जैन
सदर बाजार स्थित तिलक चंद जैन एंड संस के संचालक बर्तनों के व्यापारी राजू जैन का कहना है कि दीपावली पर लोग पीतल व तांबे के बर्तन खरीदते हैं। इसमें भी पूजा संबंधी बर्तन सौ फीसद पीतल के ही खरीदे जाते हैं। ब्रांडेड कंपनियों की स्टेनलैस कढ़ाही व कुकर की मांग हमेशा से अधिक रहती है।
उपहार में बर्तनों की खरीदारी : संजय अग्रवाल
आबूलेन फव्वारा चौक स्थित महेशजी एंड संस के संचालक बर्तन व्यापारी संजय अग्रवाल कहते हैं कि डाक्टरों की सलाह के अनुसार लोगों ने एल्युमिनियम बर्तनों का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया है। पूजा के लिए केवल पीतल व तांबे के बर्तन लोग खरीदते हैं। स्टील के आइटम में कुकर, लंच बाक्स, कटोरी, गिलास, डिब्बे आदि बर्तनों की भारी मांग है। धनतेरस पर अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है।
तिथि का फेर, दो दिन मनेगा धनतेरस का त्योहार
इस बार धनतेरस व छोटी दीपावली को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। लोग धनतेरस 12 व 13 नवंबर को मनाने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं, पंचांग के अनुसार ज्योतिषविद् व पंडितों का कहना है कि धनतेरस पर त्रियोदशी तिथि 12 नवंबर की रात्रि 9:30 बजे से शुरू होगी, जो अगले दिन शाम छह बजे तक रहेगी। इस तरह से लोग दोनों दिन धनतेरस का त्योहार मनाएंगे। दीपावली 14 नवंबर को मनाई जाएगी। वहीं, बाजार में भी व्यापारी धनतेरस की तैयारी इन्हीं तिथि के अनुसार कर रहे हैं।
भगवान धन्वंतरि की होती है पूजा
धनतेरस को समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना जाता है। इस दिन समुद्र से भगवान धन्वंतरि अमृत से भरे स्वर्ण कलश व आभूषणों के साथ प्रकट हुए थे। उनके प्रकटोत्सव को ही हिदू पंचांग के अनुसार धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है। भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैध भी कहा जाता है।
यम को दीपदान के साथ करें प्रार्थना
धनतेरस के दिन यमराज को दीपदान करने की परंपरा निभाई जाती है। मान्यता है कि यमराज को दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। यही मौका होता है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है।