बागपत: ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर हुए गड्ढे व आई दरारें, हो सकते हैं बड़े हादसे
बागपत ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर जगह जगह दरारें व गड्ढे बढ़ गए है। गड्ढों व दरारों से बचने के प्रयास में ईपीई पर टकरा रहे वाहन । परेशान वाहन चालकों ने एनएचएआई से की मरम्मत कराने की मांग।
बागपत, जागरण संवाददाता। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर जगह जगह दरारें व गड्ढे बढ़ गए है। इससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। गड्ढों व दरारों से बचने में वाहन दूसरे वाहनों से टकराकर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। चालकों ने एनएचएआई से मरम्मत कराने की मांग की है। वहीं शिकायतों पर एनएचएआइ के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। 17 मई 2018 को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ हुआ था।
ईपीई का निर्माण 11 हजार करोड़ की लागत से हुआ था। समय के साथ सही प्रकार से मरम्मत न होने के कारण एक्सप्रेस-वे पर हुए गड्ढे गहराते जा रहे हैं। कभी कभार गड्ढों को भरा जाता है, लेकिन तारकोल से। अब एक्सप्रेस-वे पर जगह जगह गड्ढे होने के कारण दरारें भी आनी शुरू हो गई हैं, जो बढ़ती ही जा रही है। करीब छह माह पूर्व तारकोल डाला गया था, लेकिन पकड़ नहीं होने के कारण फिर गड्ढे गहरे होते जा रहे हैं। रेलवे ओवरब्रिज से लेकर रटौल अंडरपास तक सैकड़ों स्थान पर गड्ढे व दरारें हैं। गड्ढे व दरारों से बचाने के प्रयास में चालक वाहन को हल्का साइड में करता है, तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार वाहन से टकराकर दुर्घटना का शिकार बन जाता है। गड्ढों में आने से वाहनों के टायर फट जाते हैं। इससे भी कई हादसे हो चुके हैं।
चालक राजपाल, दीपक, संजय, मनोज व प्रमोद आदि ने पिछले दिनों एनएचएआइ को पत्र भेजकर गड्ढे व दरारों के बारे में अवगत कराया था, लेकिन आज तक भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया है। ईपीई की मरम्मत कार्य देख रही सद्भाव कंपनी के विष्णु का कहना है कि ईपीई पर दरार आने व गड्ढे होने की जानकारी मिल गई है। जल्द ही गड्ढे व दरारों को भरने का काम शुरू किया जाएगा।