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किसानों के लिए वरदान बनी आलू की नई किस्में, जानिए कौन सी प्रजातियों के आलू पर रहा किसानों का जोर

के आलू किसानों में इस बार खासा उत्साह है। कारण है कि उन्हें पिछले वर्ष की उत्पादकता पर बाजार में अच्छे दाम मिले। इसी को देखते हुए किसानों ने इस बार आलू की बंपर बुवाई की है। रबी की मुख्य फसल आलू की बुवाई पूरी हो चुकी है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:00 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:00 PM (IST)
किसानों के लिए वरदान बनी आलू की नई किस्में, जानिए कौन सी प्रजातियों के आलू पर रहा किसानों का जोर
इन प्रजातियों के आलू पर रहा किसानों का जोर।

मेरठ, जेएनएन। जिले के आलू किसानों में इस बार खासा उत्साह है। कारण है कि उन्हें पिछले वर्ष की उत्पादकता पर बाजार में अच्छे दाम मिले। इसी को देखते हुए किसानों ने इस बार आलू की बंपर बुवाई की है। रबी की मुख्य फसल आलू की बुवाई पूरी हो चुकी है। जिले में पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब दस फीसद आलू के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। खास बात है कि किसानों ने एक नहीं, आलू की पांच किस्में खेतों में लगाई है। उनका मानना है कि एक प्रजाति के बजाय कई किस्में एक साथ लगाने से बाजार में अच्छे दाम मिलते हैं और खपत में भी आसानी होती है।

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आलू के बड़े किसानों का नई प्रजाति पर जोर

चिपसोना 1, चिपसोना 3, सूर्या, 3797, 302 हाइब्रिड व ख्याति प्रजाति के आलू किसानों की पहली पंसद बने हुए हैं। रजपुरा ब्लाक निवासी आलू के बड़े किसान शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि उन्होंने 150 बीघा में आलू की बुवाई की है। इसमें उन्होंने एक प्रजाति की बजाय छह किस्मों की बुवाई की है। इससे दाम और उत्पादन बेहतर मिलने की संभावना अधिक रहती है।

आलू के आंकड़ें -

  • जिले में आलू किसानों की संख्या - 1154
  • आलू का क्षेत्रफल (गत वर्ष) - 6600 हेक्टेयर
  • आलू का क्षेत्रफल (वर्तमान वर्ष)- 7200 हेक्टेयर
  • प्रति हेक्टेयर उत्पादकता - 250 कुंतल प्रति हेक्टेयर

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