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हिदी दिवस पर बनाए पोस्टर, सुनाई कविताएं

शांति निकेतन विद्यापीठ की ऑनलाइन कक्षाओं में हिदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 07:00 AM (IST)
हिदी दिवस पर बनाए पोस्टर, सुनाई कविताएं
हिदी दिवस पर बनाए पोस्टर, सुनाई कविताएं

जेएनएन, मेरठ। शांति निकेतन विद्यापीठ की ऑनलाइन कक्षाओं में हिदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कक्षा तीन से 10 तक के विद्यार्थियों ने हिदी भाषा से जुड़ी कहानी वाचन, सुलेख, काव्य पाठ, कविता वाचन, पोस्टर बनाने आदि प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। बच्चों ने रुचि के अनुसार अपने प्रिय लेखक व कवि के चित्र, ऑडियो, वीडियो बनाकर हिदी भाषा के विषय में लेख लिखकर ऑनलाइन भेजे। विद्यालय के निदेशक डा. विशाल जैन व प्रधानाचार्य विभा गुप्ता ने सभी को हिदी दिवस की शुभकामनाएं दीं।

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वहीं, सेंट जेवियर्स ग‌र्ल्स स्कूल में भी ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित हुआ। कक्षा एक से बारहवीं के विद्यार्थियों ने दोहा गायन, भारत के महान कवियों की कविताएं तथा हास्य कविता प्रस्तुतिकरण आदि गतिविधियां की। राधा चोपड़ा व रंजना चौधरी ने कविताओं के माध्यम से हिदी भाषा के महत्व को समझाया। कार्यक्रम के अंत में निदेशक विशाल जैन, प्रधानाचार्य नाजिश जमाली, उप प्रधानाचार्य पारोमिता दास ने हिदी की महत्ता पर प्रकाश डाला।

नई शिक्षा नीति से आगे बढ़ेगी हिदी

जेएनएन, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिदी विभाग की ओर से हिदी दिवस पर वेब गोष्ठी हुई। वक्ताओं ने कहा कि नई शिक्षा नीति से हिदी आगे बढ़ेगी।

कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि हिदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण भाषा है। यह दुर्भाग्य है कि हिदी को स्थान देर से मिला। वर्तमान नेतृत्व हिदी का पक्षधर है। नई शिक्षा नीति में हिदी भाषा के उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हिदी का वर्चस्व बढ़ेगा। इससे भाषा, शिक्षा और संस्कृति को लेकर आमूलचूल परिवर्तन होना है। उन्होंने बताया कि भाषा क्रियाओं से बनती है संज्ञा से नहीं। हिदी की स्वीकार्यता पूरे विश्व में बढ़ रही है। प्रतिकुलपति प्रो. वाई. विमला ने कहा कि हिदी दुनिया के कई देशों में फैली हुई है। हिदी भाषा हमारे उत्थान का मार्ग प्रशस्त करेगी। संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को नई शिक्षा नीति से बल मिलेगा। वेब गोष्ठी के बाद पुरातन छात्र परिषद के संयोजन से कवि गोष्ठी भी हुई। परिषद के अध्यक्ष डा. विवेक सिंह ने संचालन किया।


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