प्रदूषण तो दूर करना ही होगा..अधिकारी एक्शन में आ जाएं : भूरेलाल
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन डा. भूरेलाल ने बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण के मुद्दे पर वर्चुअल बैठक में मेरठ और मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन को निरुत्तर कर दिया। उनके पास दोनों जिलों में जानलेवा प्रदूषण उगलती इकाइयों की ताजा तस्वीरें थीं।
मेरठ, जेएनएन। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन डा. भूरेलाल ने बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण के मुद्दे पर वर्चुअल बैठक में मेरठ और मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन को निरुत्तर कर दिया। उनके पास दोनों जिलों में जानलेवा प्रदूषण उगलती इकाइयों की ताजा तस्वीरें थीं। बजबजाते नालों, काला धुआ उगलती औद्योगिक इकाइयों, सड़कों के किनारे चूना, धूल एवं विषाक्त रसायनों के भंडार की तस्वीरें देख अधिकारी अवाक रह गए। 30 विभागों के साथ बैठक करते हुए जिला प्रशासन को सख्ती से ताकीद किया कि एक्यूआइ किसी भी हाल में नहीं बिगड़ना चाहिए। औचक निरीक्षणों के साथ अब दंडात्मक कार्रवाई तय होगी।
उधर, शाम को मंडलायुक्त अनीता सी मेश्राम ने विभागों के साथ शाम सात बजे आपात बैठककर प्रदूषण रोकने के लिए चर्चा की। अधिकारियों से चर्चा के दौरान भूरेलाल ने कहा, वह एक माह पहले मेरठ गए थे, जहा कूड़े का पहाड़ और बजबजाते नालों पर विभागों को चेतावनी देकर आए थे। अब तक कोई सुधार नहीं हुआ। वहीं मुजफ्फरनगर प्रशासन से भोपा, जानसठ एवं जौली रोड पर प्रदूषण फैला रही औद्योगिक इकाइयों पर तत्काल लगाम कसने को कहा। अधिकारियों से कहा, वही बोलो जो कर सको। हम कभी भी आकस्मिक जाच कर सकते हैं। वीडियो काफ्रेंसिंग में मेरठ डीएम के बालाजी, मुजफ्फरनगर डीएम सेल्वा कुमारी जे. समेत कई अधिकारी शामिल हुए।
जिम्मेदारी से नहीं बच सकता प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
ईपीसीए चेयरमैन गत दिनों वो मेरठ होते हुए गुपचुप मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। उन्होंने मुजफ्फरनगर के भोपा, जानसठ एवं जौली रोड पर चल रही पेपर मिलों एवं अन्य इकाइयों से फैलते प्रदूषण की तस्वीरें ली थीं। भूरेलाल ने साफ किया जिन रजवाहों का पानी बीस साल पहले पीने लायक था, वहा पेपर मिलों का कचरा बहता मिला। सड़क के किनारे फ्लाई एश बिखरी थी। एनसीआर में मेरठ और मुजफ्फरनगर का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आगाह करते हुए भूरेलाल ने कहा कि आप यह कहकर नहीं बच पाएंगे कि बोर्ड का काम कूड़ा हटवाना नहीं है। अगर ऐसा है तो कूड़ा हटाने वाली इकाइयों के खिलाफ नोटिस जारी करें, और अर्थदंड लगाएं।
इनका कहना है
ईपीसीए के निर्देश पर सभी विभागों को अलर्ट कर दिया है। सिटी मजिस्ट्रेट कई प्रदूषणकारी इकाइयों पर कारवाई कर चुके हैं। जल्द ही उद्यमियों के साथ बैठक कर प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण की ठोस योजना बनाएगा। पीएम 2.5 एवं पीएम 10 का स्तर नियंत्रण में रखने पर फोकस होगा।
-के बालाजी, जिलाधिकारी, मेरठ
स्लाइड में इन स्थानों को दिखाया
-गुलशन पाली लिमिटेड, जानसठ रोड की चिमनी
-भोपा रोड पर केमिकल प्लाट से निकले कचरे से अटा नाला
-जानसठ रोड पर पेपर मिलों से निकला व जमीन को बंजर बनाने वाला केमिकल
-जानसठ रोड का नाला, जिसका पानी काला हो चुका है
-जौली रोड पर खाली प्लाट पर बिखरा प्लास्टिक कचरा
-एमएसएमएसक्यू स्टील प्रा. लिमिटेड, जौली रोड का काला धुआ
-जौली रोड का सिंचाई का रजवाहा, जो जहर बन चुका है
-भोपा रोड पर पेटकोक का भंडार, जिसे जलाने पर रोक है
-भोपा रोड पर बिंदल डुपलैक्स के पास फैक्ट्री से निकलता धुआ
-खतौली गंगा नहर पर जलता प्लास्टिक कचरा