Pollution News: जरा संभलिए, मेरठ में अब 24 घंटे बह रही प्रदूषित हवा, पढ़िए चिकित्सक की राय
Pollution News मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण को लेकर हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मेरठ में रविवार दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक हवा की गुणवत्ता में मामूली सा सुधार रहा है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। एनसीआर की हवा प्रदूषित हो चुकी है। पिछले सप्ताहभर से एक्यूआइ में उतार चढ़ाव देखा गया, लेकिन इसका स्तर 100 से कम नहीं आया। मेरठ में एक्यूआइ का औसत 300 से ज्यादा बना हुआ है। ऐसे मौसम में बिना मास्क पहने घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
यह रहा स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मेरठ में रविवार दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार रहा, लेकिन एक्यूआइ का स्तर 200 से कम नहीं रहा। रात आठ बजे के बाद हवा की सेहत बिगड़ती गई, और रात दस बजे पीएम 2.5 की मात्रा खतरनाक तरीके से साढ़े तीन सौ तक पहुंच गई। रविवार को रात दस बजे पल्लवपुरम में एक्यूआइ 331 रहा, जो पिछले दिन 394 से कम था। वहीं जयभीमनगर में एक्यूआइ का स्तर 316 आंका गया।
नाक एवं गले में एलर्जी
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डा. योगेंद्र ने बताया कि पारा गिरने की वजह से वायुमंडल में जमा पार्टीकुलेट मैटर निचली परत में आ रहा है, जिससे एक्यूआइ बिगड़ा हुआ है। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य ने बताया कि हवा में सल्फर एवं नाइट्रोजन समेत कई प्रकार की गैसों के कण हैं, जो नाक एवं गले में एलर्जी पैदा करते हैं। पीएम 2.5 एवं पीएम 10 की मात्रा बढऩे से रक्तचाप बढ़ता है। हार्ट एवं ब्रेन स्ट्रोक के भी केस बढ़े हैं।
बागपत में एक्यूआइ 356
वहीं दूसरी ओर मेरठ के आसपास के जिलों का भी प्रदूषण को लेकर हाल बेहाल ही है। बागपत में भी वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 356 रहा। पिछले एक माह से हवा की सेहत खराब रहने के कारण अब लोगों को आंखों में जलन, गला खराब होने, एलर्जी तथा हृदय से जुड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहा है। हमें खुद में ऐसे माहौल में सतर्कता बरतनी चाहिए।
प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता का हाल
शहर, एक्यूआइ
फरीदाबाद, 412
दिल्ली, 405
बुलंदशहर, 381
गुरुग्राम, 372
बागपत, 368
नोएडा, 362
गाजियाबाद, 353
ग्रेटर नोएडा, 346
मेरठ, 337
स्रोत: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बुलेटिन।