Pollution In Meerut: प्रदूषण को लेकर बन रहे खतरनाक हालात, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट
बचाव बेहद जरूरी है। वायु प्रदूषण ने एक बार फिर एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। हवा की गति धीमी पडऩे के साथ ही प्रदूषित कण नीचे आने लगे हैं। हवा में छाई धुंध बता रही है कि यहां पर एयर लाक जैसी स्थिति बन चुकी है।
मेरठ, जेएनएन। Pollution In Meerut मौसम में परिवर्तन के साथ ही प्रदूषण ने कहर ढाना शुरू कर दिया है। धीरे धीरे हालात और खतरनाक बनते जाएंगे। एनसीआर आखिरकार गैस चैंबर बन ही गया। जिस कोयंबटूर को हम कानुपर और मेरठ की तरह प्रदूषित शहर मानते हैं, वहां एक्यूआइ 60 के आसपास मिला है। भीड़भाड़ वाले शहर चेन्नई और बंगलुरु में साफ हवा बह रही है। अहमदाबाद जैसा औद्योगिक शहर भी एनसीआर से दोगुना बेहतर हवा में सांस लेता है। मायानगरी मुंबई और कोलकाता की स्थिति भी हमें चिढ़ा रही है। स्टेट आफ ग्लोबल एयर की ताजा रिपोर्ट डराने लगी है।
हवा की गति धीमी बनी कारण
वायु प्रदूषण ने एक बार फिर एनसीआर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। हवा की गति धीमी पडऩे के साथ ही प्रदूषित कण नीचे आने लगे हैं। हवा में छाई धुंध बता रही है कि यहां पर एयर लाक जैसी स्थिति बन चुकी है। जिन शहरों को प्रदूषित मानकर नई दिल्ली के आसपास के लोग तसल्ली करते हैं, वहां पर इन दिनों साफ हवा बह रही है। पीएम 2.5 का स्तर लगातार चार सौ माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर मिल रहा है।
क्या कहती है रिपोर्ट
मेरठ की वायु गुणवत्ता की तस्वीर बताती है कि नाइट्रोजन और सल्फर के साथ ही मोनोआक्साइड और ओजोन भी बढ़ रही है। स्टेट आफ ग्लोबल एयर की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली एनसीआर में नवजातों की प्री मेच्योर मौतें हो रही हैं। फेफड़ों की क्षमता घटने से उम्र कम हो रही है। स्माग के दौरान रासायनिक कण नाक में पहुंचकर एलर्जी और सूजन बना रहे हैं। ईपीसीए के चेयरमैन डा. भूरेलाल ने आगाह किया है कि मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद, बागपत, मुजफ्फरनगर एवं गुरुग्राम के हालात चिंताजनक हो रहे हैं।
एक्यूआइ बयां कर रही हकीकत
दक्षिण व अन्य भाग के शहर एनसीआर के शहर
त्रिवेंद्रम-64 ग्रेटर नोएडा-423
चेन्नई-अलंदूर बस डिपो-50 गाजियाबाद-लोनी-415
बंगलुरु-एन्या-64 नोएडा-सेक्टर-एक-393
कोयंबटूर-96 बागपत-413
गुवाहाटी-72 बुलंदशहर-338
मुंबई-बांद्रा-87 मेरठ-289
अहमदाबाद-135 मुजफ्फरनगर-240
भोपाल-174 हापुड़-263
तिरुपति-70 दिल्ली-आनंद विहार-424
इनका कहना है
पीएम 2.5 का आकार बाल के 40वें हिस्से के बराबर है, जो फेफड़ों को पार करते हुए रक्त में मिलकर शरीर में घातक बदलाव करता है। अस्थमा, ब्रांकाइटिस, एलर्जी, सूजन के साथ ही बीपी बढ़ाने एवं शुगर में भी प्रदूषण की भूमिका मिल रही है। मास्क पहनें। माॄनग वाक के दौरान एक्सरसाइज कतई न करें।
- डा. वीके बिंद्रा, वरिष्ठ फिजीशियन