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प्रदूषण की मार : धूल से पेड़-पौधों का भी घुटा दम, ऑक्सीजन का उत्सर्जन बाधित Meerut News

प्रदूषण की मार से केवल इंसान ही प्रभावित नहीं है वरन वायु प्रदूषण की काली परत और धूल पेड़ व पौधें के पत्तों पर जमा होकर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया रोक रही है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 10:09 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 10:09 AM (IST)
प्रदूषण की मार : धूल से पेड़-पौधों का भी घुटा दम, ऑक्सीजन का उत्सर्जन बाधित Meerut News
प्रदूषण की मार : धूल से पेड़-पौधों का भी घुटा दम, ऑक्सीजन का उत्सर्जन बाधित Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Pollution प्रकृति में शुद्ध हवा की गारंटी माने जाने वाले पेड़-पौधों पर भी प्रदूषण की मार है। वायु प्रदूषण की काली परत और धूल पत्तों पर जमा होकर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया रोक रही है। इससे जहां पेड़-पौधे पूरी क्षमता के साथ कार्बन डाई आक्साइड ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं, वहीं ऑक्सीजन का भी उत्सर्जन बाधित हुआ है।

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पेड़ पौधों की पड़ताल

दैनिक जागरण ने शुक्रवार को संजय वन से लेकर शहरभर में दर्जनों पेड़-पौधों की पड़ताल की, जिसमें कई पर पत्ते धुंध में झुलसे हुए भी मिले। प्रकृति में ऑक्सीजन का एक मात्र स्रोत पेड़-पौधे हैं। मेरठ में हरियाली का घनत्व सात प्रतिशत से कम होने से गर्मियों में जहां स्थानीय तापमान बढ़ जाता है, वहीं पारा गिरने के साथ पत्तों पर जमा होती धूल से पर्यावरणीय चक्र बिगड़ रहा है। पर्यावरणविद् डा. अनिल जोशी का कहना है कि पत्तों पर सूक्ष्म रंध्र होते हैं, जिसके जरिए पेड़-पौधे सूर्य की रोशनी से भोजन बनाते । सीओटू पेड़ पौधों का भोजन है, जबकि ऑक्सीजन प्राणि जगत का प्राण है।

प्रदूषण की मार.. शिक्षा ‘बीमार’

प्रदूषण की मार ने स्कूलों के ‘कपाट’ क्या बंद कराए, इससे स्कूलों का कैलेंडर ही गड़बड़ हो गया है। बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर स्कूल बच्चों का सिलेबस पूरा कराने की जद्दोजहद से जूझ रहे हैं। सीबीएसई की नई तिथियों के अनुरूप पहले से निर्धारित स्कूल कैलेंडर में बदलाव किए जा रहे हैं। ऐसे में एक सप्ताह की पढ़ाई प्रदूषण की भेंट चढ़ने से स्कूलों की चिंता और अधिक बढ़ गई है। सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में कौशल विकास के पेपर 15 फरवरी से हो सकते हैं। वहीं, यूपी बोर्ड की 2020 में होने वाली बोर्ड परीक्षाएं 18 फरवरी से शुरू हो रही हैं।

प्री-बोर्ड में होगी देरी

आमतौर पर स्कूल दिसंबर के पहले पखवाड़े में ही रिवीजन पूरा कर प्री-बोर्ड कराने की कोशिश करते हैं, जिससे प्री-बोर्ड के बाद छात्रों को पूरे सिलेबस का रिवीजन करने के लिए पर्याप्त समय मिले। इसी दौरान स्कूलों में वार्षिकोत्सव व विदाई समारोह के कार्यक्रम भी होते हैं। अब एक जनवरी से ही प्रैक्टिकल परीक्षा होने पर सभी स्कूल जल्द अपना सिलेबस पूरा कर हर हाल में 31 दिसंबर तक प्री-बोर्ड परीक्षा करने की कोशिश करेंगे। वहीं कुछ स्कूल प्रमुख विषयों के प्रैक्टिकल शुरुआती तिथियों में होंगे और मुख्य विषय की प्रयोगात्मक परीक्षा बाद में होगी।

परीक्षा सिर पर..पिछड़ रहा सिलेबस

यूपी बोर्ड के स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षाएं दिसंबर के मध्य में होंगी। छमाही परीक्षाएं हो चुकी हैं। अब छात्र प्री-बोर्ड का सिलेबस पूरा करने में जुटे हैं, जबकि अभी भी सिलेबस काफी पीछे है। इसका कारण देर से शुरू हुआ सत्र माना जा रहा है। यूपी बोर्ड में परीक्षा केंद्र निर्धारण की तैयारियां चल रही हैं। जिला समितियां केंद्रों की शिकायत दूर करने में जुटी हैं। दिसंबर में ही यूपी बोर्ड के स्कूलों में पीसीएस और शिक्षक पात्रता परीक्षा भी आयोजित होंगी। जिले में वर्तमान में 10 परीक्षा केंद्रों पर बीटीसी की परीक्षा हो रही है।

स्कूलों की छुट्टी बंद अतिरिक्त कक्षाएं शुरू

मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स के सचिव राहुल केसरवानी के अनुसार छह दिन की छुट्टी के कारण स्कूलों में सिलेबस अधूरा रह गया और रिवीजन के लिए बेहद कम समय मिला। स्कूलों में स्कूल समय से पहले और छुट्टी के बाद एक्स्ट्रा क्लास चलाई जा रही हैं। इसीलिए स्कूलों में शिक्षकों व कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद कर दी गई हैं। 


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